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Tesla Model Y: एलन मस्क की 70 लाख वाली कार को भारत में नहीं मिल रहा भाव, बुकिंग्स उम्मीद से कम, यूरोप में भी यही हाल

02/09/2025
Tesla Model Y: एलन मस्क की 70 लाख वाली कार को भारत में नहीं मिल रहा भाव, बुकिंग्स उम्मीद से कम, यूरोप में भी यही हाल
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Tesla Model Y: टेस्ला को भारत में मॉडल वाई एसयूवी के लिए सिर्फ 600 बुकिंग्स मिली हैं, यूरोप में भी बिक्री में भारी गिरावट दर्ज की गई है. जानिए पूरी रिपोर्ट

Tesla Model Y: टेस्ला की भारत में एंट्री, लेकिन बुकिंग्स ने किया निराश

दुनिया की अग्रणी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी Tesla ने जुलाई 2025 में भारत में अपने Model Y SUV को लॉन्च किया था. लेकिन लॉन्च के दो महीने बाद ही कंपनी को सिर्फ 600 से थोड़ी अधिक बुकिंग्स मिली हैं. यह आंकड़ा Tesla की उम्मीदों से काफी कम है और भारत जैसे तेजी से बढ़ते ऑटो मार्केट में यह एक धीमी शुरुआत मानी जा रही है.

भारत में टेस्ला की रणनीति और चुनौतियां

Tesla इस साल भारत में 350 से 500 कारें शिप करने की योजना बना रही है.

पहली खेप सितंबर की शुरुआत में शंघाई से भारत पहुंचेगी.

फिलहाल डिलीवरी सिर्फ चार शहरों- मुंबई, दिल्ली, पुणे और गुरुग्राम तक सीमित है.

Model Y की कीमत ₹67.89 लाख से शुरू होती है, जो भारत में उच्च आयात शुल्क के कारण दोगुनी हो जाती है.

भारत में EVs की हिस्सेदारी कुल वाहन बिक्री में सिर्फ 4% है, जिससे Tesla को एक सीमित प्रीमियम सेगमेंट ही मिलता है.

यूरोप में टेस्ला की बिक्री में गिरावट

अगस्त 2025 में Tesla को यूरोपीय बाजारों में गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जहां कई प्रमुख देशों में उसकी बिक्री में भारी गिरावट दर्ज की गई. फ्रांस में Tesla की बिक्री 47.3% तक घट गई, जबकि स्वीडन में यह गिरावट 84% तक पहुंच गई. डेनमार्क में 42%, नीदरलैंड में 50% और इटली में 4.4% की कमी देखी गई. यह गिरावट कंपनी के लिए चिंता का विषय बनी हुई है. हालांकि, कुछ देशों में Tesla की बिक्री ने सकारात्मक रुख दिखाया. नॉर्वे में 21.3% की वृद्धि दर्ज की गई, पुर्तगाल में बिक्री 28.7% बढ़ी और स्पेन में तो यह आंकड़ा 161% तक पहुंच गया, जो एक उल्लेखनीय उछाल है. ये आंकड़े दर्शाते हैं कि जबकि कुछ बाजारों में Tesla को संघर्ष करना पड़ रहा है, वहीं कुछ क्षेत्रों में कंपनी की पकड़ मजबूत हो रही है.

Elon Musk की राजनीति और ब्रांड पर असर

Tesla की यूरोप में गिरती बिक्री का एक कारण CEO Elon Musk की राजनीतिक गतिविधिया भी मानी जा रही हैं. उनके डोनाल्ड ट्रंप और यूरोपीय दक्षिणपंथी दलों के समर्थन ने उपभोक्ताओं के बीच नाराजगी पैदा की है.

भारत और यूरोप में टेस्ला के लिए चुनौतीपूर्ण समय

Tesla की भारत में धीमी शुरुआत और यूरोप में बिक्री में गिरावट यह दर्शाती है कि कंपनी को अपने प्राइसिंग, मार्केटिंग और पॉलिटिकल इमेज पर फिर से विचार करना होगा. भारत जैसे मूल्य-संवेदनशील बाजार में सफलता पाने के लिए Tesla को लोकलाइजेशन और किफायती मॉडल्स पर ध्यान देना होगा.

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Rajeev Kumar

लेखक के बारे में

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राजीव, 14 वर्षों से मल्टीमीडिया जर्नलिज्म में एक्टिव हैं. टेक्नोलॉजी में खास इंटरेस्ट है. इन्होंने एआई, एमएल, आईओटी, टेलीकॉम, गैजेट्स, सहित तकनीक की बदलती दुनिया को नजदीक से देखा, समझा और यूजर्स के लिए उसे आसान भाषा में पेश किया है. वर्तमान में ये टेक-मैटर्स पर रिपोर्ट, रिव्यू, एनालिसिस और एक्सप्लेनर लिखते हैं. ये किसी भी विषय की गहराई में जाकर उसकी परतें उधेड़ने का हुनर रखते हैं. इनकी कलम का संतुलन, कंटेंट को एसईओ फ्रेंडली बनाता और पाठकों के दिलों में उतारता है. जुड़िए [email protected] पर और पढ़ें

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