Thar-Bullet Controversy: महिंद्रा की थार आए दिन किसी न किसी वजह से चर्चा का विषय बनी रहती है. कई बार सड़क पर स्टंट करते हुए या अजीबोगरीब हरकतों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो जाते हैं. हाल ही में थार चलाने वाले लोगों के ऊपर हरियाणा के डीजीपी का एक बयान काफी वायरल हुआ था. पीटीआई के अनुसार, उन्होंने कहा था कि इन वाहनों का चुनाव व्यक्ति की मानसिकता को दर्शाता है, और जो लोग इन गाड़ियों से स्टंट या दादागिरी करते हैं, उन पर सख्त कार्रवाई होगी. उन्होंने यह भी कहा कि ‘थार’ रखने वालों का दिमाग घुमा हुआ होता है. अब उनकी ही बात पर एक थार मालिक ने उन्हें लीगल नोटिस भेज दिया है. आखिर क्या है पूरा मामला आइए आपको बताते हैं.
क्या है पूरा मामला?
हाल ही में हरियाणा के डीजीपी ओपी सिंह ने बयान दिया था कि थार चलाने वाले लोगों का दिमाग घुमा हुआ रहता है. अब उनकी यही टिप्पणी उन पर भारी पड़ गई है, क्योंकि एक थार मालिक ने इस बात को लेकर उन्हें लीगल नोटिस भेज दिया है. यह थार मालिक गुरुग्राम का रहने वाला है. गुरुग्राम के सेक्टर-102 में रहने वाले सर्वो मिटर ने अपने वकील के जरिए डीजीपी को नोटिस भिजवाया है. नोटिस में उनसे 15 दिनों के अंदर लिखित में बिना शर्त माफी मांगने और अपने बयान को वापस लेने की मांग की गई है. अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया, तो नोटिस के मुताबिक उनके खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया जाएगा.
क्या कहा था DGP ने?
इस महीने 8 नवंबर को हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में हरियाणा के DGP ने बताया कि पुलिस गाड़ियों की चेकिंग कैसे करती है. उन्होंने कहा कि वो हर गाड़ी को नहीं रोकते, लेकिन थार को नजरअंदाज भी नहीं कर सकते.
उन्होंने कहा- अगर थार है तो उसे कैसे जाने दें? और अगर बुलेट है… ये दोनों गाड़ियां ज्यादातर शरारती लोग इस्तेमाल करते हैं. किसी की गाड़ी देखकर उसका माइंडसेट समझ आ जाता है. थार चलाने वाले अक्सर सड़क पर स्टंट करते मिल जाते हैं. एक ACP के बेटे ने भी थार चलाते हुए किसी को कुचल दिया. उसके पिता उसे बचाना चाहते थे, तो हमने पूछा गाड़ी किसके नाम है? उनके ही नाम पर थी, तो गलत काम का जिम्मेदार वही हुआ.
थार के मालिक का क्या है कहना?
थार के मालिक का आरोप है कि उनकी छवि खराब की गई है, इसलिए उन्होंने लीगल नोटिस भेज दिया है. सर्वो मिटर, जिन्होंने जनवरी 2023 में 30 लाख रुपये से ज्यादा खर्च करके थार खरीदी थी, अब DGP को कानूनी नोटिस भेज चुके हैं. नोटिस के मुताबिक, मिटर ने ये SUV इसलिए खरीदी क्योंकि इसकी बिल्ड क्वालिटी मजबूत है, सेफ्टी फीचर्स अच्छे हैं और परफॉर्मेंस भी भरोसेमंद है.
नोटिस में कहा गया है कि DGP की टिप्पणी का ‘कोई तथ्यात्मक आधार नहीं है’ और वह मजाकिया व अपमानजनक लहजे में कही गई थी, जिससे थार मालिकों की, खासकर शिकायतकर्ता की, छवि खराब हुई है.
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