वार्ड 13 के पार्षद रंजीत मंडल ने मेयर के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोलते हुए फिर कई गंभीर आरोप लगाये हैं. उन्होंने कहा कि वे अपने वार्ड में विकास कार्यों की गुणवत्ता से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेंगे. रंजीत मंडल ने आरोप लगाया कि वर्ष 2023 में उनके वार्ड में प्याऊ के बोरिंग में गंभीर गड़बड़ी सामने आयी थी. इसके बाद उन्होंने उसी संवेदक से दोबारा बोरिंग करवायी, ताकि लोगों को सही सुविधा मिल सके. पार्षद ने कहा कि मेयर को 107 लेबर से जुड़े मामले और बीते तीन वर्षों से होल्डिंग टैक्स के नाम पर हो रही वसूली पर जनता के सामने जवाब देना चाहिए.रंजीत मंडल ने अपनी पार्षद सदस्यता पर उठ रहे सवालों को चुनौती देते हुए कहा कि यदि उनके खिलाफ किसी कार्रवाई की आधिकारिक प्रति दिखायी जाती है तो वे स्वयं पद से इस्तीफा देने को तैयार हैं. रंजीत मंडल ने यह भी आरोप लगाया कि मेयर के करीबी अधिकारियों को संरक्षण दिया गया और विरोध करने वाले पार्षदों पर फर्जी मुकदमे दर्ज कराये गये. यह भी कहा यदि सभी वार्डों को समान रूप से विकास फंड नहीं दिया गया तो वे संघर्ष जारी रखेंगे और निर्णय आने तक आंदोलन व अनशन पर डटे रहेंगे.
कोट
पार्षद रंजीत मंडल का सभी आरोप और बयान बेबुनियाद है. उनके किसी भी सवालों का जवाब देने लायक नहीं है. पार्षद की बातों को गंभीरता से नहीं लिया जा सकता है.
डॉ बसुंधरा लाल, मेयरडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है





