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Darbhanga News: मिथिला विश्वविद्यालय को आइआइटी और आइआइएम के तर्ज पर स्वयं को करना होगा विकसित

17/12/2025
Darbhanga News: मिथिला विश्वविद्यालय को आइआइटी और आइआइएम के तर्ज पर स्वयं को करना होगा विकसित
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Darbhanga News:कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी ने कहा कि नेशनल फाउंडेशन विथ रिसर्च फाउंडेशन विथ लिब्रल एजुकेशन हमारा लक्ष्य है.

Darbhanga News: दरभंगा. यूजीसी इंफ्लिबनेट सेंटर एवं लनामिवि की ओर से बुधवार को कार्यशाला सह उपभोक्ता जागरुकता कार्यक्रम ””””””””एक राष्ट्र एक सब्सक्रिप्शन सदस्यता”””””””” (ओनोस भारत) का आयोजन किया गया. अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी ने कहा कि नेशनल फाउंडेशन विथ रिसर्च फाउंडेशन विथ लिब्रल एजुकेशन हमारा लक्ष्य है. पीएम उषा के तहत मेरु विश्वविद्यालय का दर्जा मिलने से हमारे सामने बड़ी चुनौती और जिम्मेदारी खड़ी है. हमें आइआइटी और आइआइएम के तर्ज पर स्वयं को विकसित करना होगा, ताकि बदलते वैश्विक आवश्यकताओं के मापदंड पर खड़ा उतर सके. कुलपति ने कहा कि उन्नत शोध और स्वावलंबी सस्टेनेबल डेवलपमेंट के साथ विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास हमारी प्राथमिकता है. भारत सरकार द्वारा संचालित ओनोस भारत वट वृक्ष समान है. इसके नीचे गुणवत्तापूर्ण शिक्षण प्रणाली विकसित होगी. समय की मांग है कि शिक्षक टीचिंग-लर्निंग होराइजन में संलग्न हो शोधार्थियों का मार्गदर्शन करें.

लनामिवि में 75 प्रतिशत शोध कार्य ””””शोध गंगा”””” पर अपडेटेड

कुलपति ने कहा कि लनामिवि में 75 प्रतिशत शोध कार्य ””””””””शोध गंगा”””””””” पर अपडेटेड है. थीसिस को शोधार्थियों की पहुंच तक लाना आवश्यक है, ताकि उनके शोध का मार्ग प्रशस्त हो सके. ओनोस नीतिगत तरीके से राष्ट्र को सुदृढ़ बनाने में सहायक है. कार्यशाला में शामिल प्रतिभागियों को कड़ी मेहनत और अनुशासनात्मक अधिगम की प्रक्रिया से जुड़ने के लिए कुलपति ने प्रेरित किया. डिग्री आधरित नहीं, ज्ञान आधारित समाज के निर्माण में योगदान देने की अपील की.

उन्नत और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ नैतिक मूल्यों का संरक्षण आवश्यक- प्राे. अग्रवाल

मुख्य वक्ता सह उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. नवीन कुमार अग्रवाल ने कहा कि उन्नत और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ नैतिक मूल्यों का संरक्षण आवश्यक है. स्किल्ड लीडरशिप, अथक परिश्रम और विजनरी दृष्टि से कार्य करते हुए बिहार में उच्च शिक्षा को उत्कर्ष तक पहुंचाना हम सभी का दायित्व है. शोध के विभिन्न क्षेत्रों यथा विज्ञान, समाजिक विज्ञान और मानविकी क्षेत्र के साथ-साथ क्षेत्रीय शोध पर ध्यान देना जरूरी है. समृद्ध शोध- संवाद, कुशल टीम योजना और सोशल एंटरप्रेन्योरशिप के रास्ते अनुसंधान का मार्ग प्रशस्त होगा. गांधीनगर, गुजरात इंफ्लिबनेट सेंटर के तकनीकी विशेषज्ञ डॉ अभिषेक कुमार ने शोध चक्र, ई – शोध सिंधु, विद्वान, शेरनी, ई पीजी पाठशाला, विद्या मित्र, डीटीएच लर्निंग सोर्स, स्वयं प्रभा, शोध प्रभा आदि ई-लर्निंग सामग्री की जानकारी दी. साइंटिस्ट डॉ दिनेश रंजन प्रधान ने ओनोस भारत के एक राष्ट्र एक सब्सक्रिप्शन की अधिसंरचना और कार्य प्रणाली के बारे में बताया. मेरू के नोडल अधिकारी अमृत कुमार झा के संयाेजन में आयोजित कार्यक्रम में स्वागत कुलसचिव डॉ दिव्या रानी हंसदा तथा संचालन डॉ अमिताभ कुमार ने किया.

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