Advertisement
Home/पटना/शिक्षकों की ‘मनमानी छुट्टी’ पर ब्रेक! नए नियम लागू, पढ़ाई बिगड़ने पर लिया गया बड़ा फैसला

शिक्षकों की ‘मनमानी छुट्टी’ पर ब्रेक! नए नियम लागू, पढ़ाई बिगड़ने पर लिया गया बड़ा फैसला

शिक्षकों की ‘मनमानी छुट्टी’ पर ब्रेक! नए नियम लागू, पढ़ाई बिगड़ने पर लिया गया बड़ा फैसला
Advertisement

बिहार शिक्षा विभाग ने स्कूल शिक्षकों की छुट्टियों पर सख्ती करते हुए नए नियम लागू किए हैं. अब एक दिन में सीमित अवकाश, 16 दिन की सीएल सीमा और बिना अनुमति छुट्टी पर रोक.

Bihar Government school Teacher leave guidelines : बिहार के स्कूलों से अब वो पैटर्न खत्‍म होने वाला है, जब एक साथ कई टीचर छुट्टी पर चले जाते थे. जी हां अब टीचरों की मनमानी पर शिक्षा विभाग ने नकेल कस दी है. इससे बच्‍चों की पढ़ाई का नुकसान होता था. लेकिन अब ये मनमानी का दौर खत्म है. शिक्षा विभाग ने सरकारी टीचरों से साफ कह दिया है- बच्चों की पढ़ाई से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

गजब धांधली पकड़ी गई थी

दरअसल, हाल के दिनों में टीचरों के निरीक्षण के दौरान गजब धांधली देखने को मिली थी. स्कूलों के टीचर एक साथ छुट्टी लेकर गायब हो जा रहे थे. कुछ स्‍कूलों में तो एक ही दिन आधे से अधिक शिक्षक छुट्टी पर पाए गए. इससे बच्‍चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी. बच्‍चों की एजुकेशन पर असर पड़ रहा था और भी सिलेबस समय पर पूरे नहीं हो रहे थे. जिस पर बिहार के शिक्षा विभाग की ओर से सख्‍त कदम उठा दिया गया है.

डीईओ ने जारी किया आदेश

अब डीईओ ने जिले के सभी सरकारी स्‍कूल के टीचरों को यह सख्‍त निर्देश दे दिया. यानी अब किसी भी टीचर को ऐसे ही छुट्टी नहीं मिल जाएगी. यह आदेश सभी प्राथमिक, मध्य और उच्च माध्यमिक विद्यालयों को दिया गया है. जिसमें कहा गया है कि टीचर अनावश्यक छुट्टियां लेना बंद करें, नहीं तो कार्रवाई तय है.

क्या है नया नियम? शिक्षकों की छुट्टी अब ऐसे मिलेगी

Bihar teacher leave new rules के तहत प्राथमिक विद्यालय के प्रधान शिक्षक एक दिन में सिर्फ एक शिक्षक को ही छुट्टी दे सकेंगे. मध्य और उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक अधिकतम 10 फीसद शिक्षकों को ही अवकाश दे पाएंगे. अगर इससे अधिक शिक्षकों को छुट्टी देना जरूरी हो, तो पहले नियंत्री पदाधिकारी से अनुमति लेनी होगी. बिना अनुमति छुट्टी देने पर कार्रवाई तय होगी.

पहले सूचना देना अनिवार्य, व्हाट्सऐप से छुट्टी नहीं चलेगी

अब सामान्य परिस्थितियों में भी बिना किसी पूर्व स्वीकृति के अवकाश लेना पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है. नई Bihar school leave policy के तहत अब सिर्फ आकस्मिक स्थिति में शिक्षक मोबाइल/व्हाट्सऐप पर सूचना देकर छुट्टी पर जा सकते हैं, लेकिन औपचारिक आवेदन एक दिन पहले देना ही होगा.

कितनी छुट्टी मिलेगी? पूरा कैलेंडर तय

एक शिक्षक को पूरे साल में अधिकतम 16 दिन का ही आकस्मिक अवकाश ले पाएंगे. वर्ष के बीच में नियुक्त हुए शिक्षक को 1.33 दिन प्रति माह के हिसाब से छुट्टी दी जाएगी. विशेष आकस्मिक अवकाश महीने में अधिकतम दो लगातार दिनों के लिए और केवल एक बार ही मिलेगा. इसे रविवार, सार्वजनिक अवकाश और सामान्य छुट्टियों से जोड़कर अधिकतम 12 दिन का संयुक्त अवकाश लिया जा सकेगा. स्थानीय निकाय के शिक्षक अधिकतम 10 दिन तक ही एक साथ छुट्टी ले सकेंगे.

छुट्टियां ‘जोड़कर’ लेना बंद

बिहार शिक्षक छुट्टी नियम 2025 के तहत अब शिक्षक भी अपनी स्‍मार्टनेस नहीं दिखा पाएंगे। एक साथ सारी छुट्टियों को जोड़कर लेने की मनमानी खत्‍म कर दिया गया है. यानी ग्रीष्मावकाश, दुर्गा पूजा, दीपावली, छठ जैसी लंबी छुट्टियों के साथ सीएल जोड़कर नहीं ले सकेंगे. प्रधान शिक्षक/प्रधानाध्यापक को छुट्टी रजिस्‍टर में हर शिक्षक का अलग रिकॉर्ड रखना होगा.

आदेश तोड़ने पर कार्रवाई

छुट्टीयों के नए आदेश जारी करने के साथ ही डीईओ की ओर से चेतावनी भी दी गई है. जो प्रिंसिपल या प्रधान शिक्षक नियम तोड़ेंगे, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी. विभाग का मानना है कि अनावश्यक छुट्टियों की वजह से बच्चों की शिक्षा पर सीधा असर पड़ता है. कई स्कूलों में नियमित कक्षाएं प्रभावित हो रही हैं. इससे छात्रों का भविष्य खराब होगा. नए सिस्टम से शिक्षकों की उपस्थिति सुधरेगी, कक्षाएं नियमित होंगी और पाठ्यक्रम भी समय पर पूरा होगा.

क्यों पड़ा ये कदम जरूरी?

कई स्कूलों में एक ही दिन कई शिक्षक छुट्टी पर
पढ़ाई ठप और बच्चों की सीखने की प्रक्रिया प्रभावित
वार्षिक पाठ्यक्रम देरी से पूरा
निरीक्षण में मिली बड़ी अनियमितताएं
शिक्षा विभाग की छवि पर असर

नए निर्देश से ये होगा लाभ

शिक्षकों की उपस्थिति बढ़ेगी
क्लासरूम टीचिंग मजबूत होगी
विद्यार्थी को नियमित पढ़ाई मिलेगी
स्कूलों में अनुशासन बढ़ेगा
पूरे साल की पढ़ाई बिना बाधा के पूरी होगी

सुधार की उम्‍मीद

माना जा रहा है ये शिक्षकों की छुट्टी पर अंकुश लगाने का यह आदेश बच्चों के शिक्षा को पटरी पर लाने की नई कोशिश होगी. इससे शिक्षकों की मनमानी पर नकेल कसेगी और बच्‍चों का सिलेबस भी पूरा हो पाएगा. अब देखना यह होगा कि इस सख्ती से स्कूलों की बदहाली में कितनी सुधार आता है और क्या शिक्षक भी नई व्यवस्था को गंभीरता से अपनाते हैं.

Also Read : बिहार की अन्‍य खबरों के लिए यहां क्लिक करें.

Keshav Suman Singh

लेखक के बारे में

Keshav Suman Singh

Contributor

बिहार-झारखंड और दिल्ली के जाने-पहचाने पत्रकारों में से एक हैं। तीनों विधाओं (प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और वेब) में शानदार काम का करीब डेढ़ दशक से ज्‍यादा का अनुभव है। वर्तमान में प्रभात खबर.कॉम में बतौर डिजिटल हेड बिहार की भूमिका निभा रहे हैं। इससे पहले केशव नवभारतटाइम्‍स.कॉम बतौर असिसटेंट न्‍यूज एडिटर (बिहार/झारखंड), रिपब्लिक टीवी में बिहार-झारखंड बतौर हिंदी ब्यूरो पटना रहे। केशव पॉलिटिकल के अलावा बाढ़, दंगे, लाठीचार्ज और कठिन परिस्थितियों में शानदार टीवी प्रेजेंस के लिए जाने जाते हैं। जनसत्ता और दैनिक जागरण दिल्ली में कई पेज के इंचार्ज की भूमिका निभाई। झारखंड में आदिवासी और पर्यावरण रिपोर्टिंग से पहचान बनाई। केशव ने करियर की शुरुआत NDTV पटना से की थी। और पढ़ें

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Download from Google PlayDownload from App Store
Advertisement
Sponsored Linksby Taboola
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement