कलाकार: प्रथमेश परब, अंकिता लांडे, पृथ्वीक प्रताप, गणेश यादव
निर्देशक: मोहसिन खान
निर्माता: डेविड नाडर
बैनर: लूसिया एंटरटेनमेंट
अवधि: 2 घंटे 5 मिनट
भाषा: हिंदी
ओटीटी प्लेटफॉर्म: अल्ट्रा प्ले
रेटिंग: ⭐⭐⭐ 1/2
सरोगेसी जैसे नाज़ुक और संवेदनशील मुद्दे पर निर्देशक मोहसिन खान की फिल्म ‘ममता चाइल्ड फैक्ट्री’ वाकई एक हिम्मत भरा कदम है. यह फिल्म समाज की एक सच्चाई को सामने लाती है और उसे सरल तरीके से दर्शकों तक पहुंचाती है. फिल्म की कहानी एक छोटे से शहर में बसती है. यहां दिगम्बर कानतोड़े उर्फ भाऊ (प्रथमेश परब) और उसका दोस्त चोख्या छोटे-मोटे प्रॉपर्टी के काम से अपनी रोजी-रोटी चला रहे हैं. कहानी में नया मोड़ तब आता है, जब भाऊ की मुलाकात डॉक्टर अमृता देशमुख (अंकिता लांडे) से होती है. डॉक्टर अमृता शहर में एक सरोगेसी सेंटर खोलना चाहती हैं.
जानें फिल्म की कहानी
फिल्म की कहानी आम बोलचाल के संवादों और हालात से पैदा हुए हास्य के साथ आगे बढ़ती है. सरोगेसी को लेकर लोगों में जो गलतफहमियां हैं, उनसे कई मजेदार मौके बनते हैं. लेकिन फिल्म सिर्फ हंसी तक सीमित नहीं रहती. जैसे ही बाहुबली विधायक संजय भोसले (गणेश यादव) और उसकी पत्नी की कहानी सामने आती है, फिल्म का माहौल गंभीर और रोमांचक हो जाता है. इसके बाद एक सरोगेट मां का अचानक गायब हो जाना कहानी को तेजी से अंत की ओर ले जाता है. यहां सवाल सिर्फ बच्चे का नहीं रहता, बल्कि सही-गलत और इंसानियत का भी बन जाता है.
ओटीटी पर देखकर करें एंजॉय
फिल्म में प्रथमेश परब सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं. अंकिता लांडे ने डॉक्टर अमृता की भूमिका को मजबूती और आत्मविश्वास के साथ निभाया है. गणेश यादव विधायक के रोल में दमदार और गंभीर नजर आते हैं. निर्देशक मोहसिन खान ने विषय को गंभीर होते हुए भी भारी नहीं बनने दिया. ‘ममता चाइल्ड फैक्ट्री’ एक ऐसी फिल्म है जो सोचने पर मजबूर करती है, लेकिन ज्ञान नहीं झाड़ती. अगर आप ओटीटी पर कुछ अलग, सामाजिक मुद्दों से जुड़ा और परिवार के साथ देखने लायक कंटेंट ढूंढ रहे हैं, तो इस फिल्म को अपनी वॉचलिस्ट में जरूर शामिल कर सकते हैं.







