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लीक से हटकर की खेती, झारखंड के किसान की चमक गयी किस्मत, कमाए 1.5 लाख रुपए, कम लागत में अच्छा मुनाफा

लीक से हटकर की खेती, झारखंड के किसान की चमक गयी किस्मत, कमाए 1.5 लाख रुपए, कम लागत में अच्छा मुनाफा
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Dragon Fruit Farming: ड्रैगन फ्रूट की खेती से एक किसान की किस्मत बदल गयी. पहले वह पारंपरिक खेती किया करता था, लेकिन इससे परिवार चलाना भी मुश्किल हो रहा था. आखिरकार झारखंड के सरायकेला के सतीश देवगम ने लीक से हटकर खेती की और इस साल 1.5 लाख रुपए की कमाई की. बाजार में इनके ड्रैगन फ्रूट की काफी मांग है. वे कहते हैं कि किसानों के लिए कम लागत में अच्छी कमायी का जरिया है.

Dragon Fruit Farming: सरायकेला-खरसावां (शचिंद्र कुमार दाश)-झारखंड के सरायकेला प्रखंड के एक छोटे से गांव बाराबाना के किसान सतीश देवगम पारंपरिक खेती से हटकर ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं. सतीश का यह स्टार्टअप सफल रहा. ड्रैगन फ्रूट की खेती से सतीश देवगम को इस साल करीब डेढ़ लाख की आमदनी हुई. हालांकि बारिश के कारण ड्रैगन फ्रूट की उपज पर आंशिक असर पड़ा है. उन्होंने बताया कि ड्रैगन फ्रूट की खेती में कम लागत पर अच्छा मुनाफा होता है. पहली बार ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के दौरान पौधे लगाने से लेकर अन्य कार्यों में थोड़ी पूंजी लगानी पड़ती है, फिर इससे साल दर साल आमदनी होती रहती है. ड्रैगन फ्रूट के पौधे जैसे-जैसे पुराने होते जाते हैं, उनमें उपज भी बढ़ती जाती है. एक बार लगाये गये पौधों से अगले 8-10 साल तक फल ले सकते हैं. सतीश द्वारा उपजाये गये गुलाबी-लाल ड्रैगन फ्रूट देखते ही हर किसी के चेहरे खिल उठते हैं. आज सतीश के खेत में 600 से अधिक पौधे हैं.

लीक से हट कर की ड्रैगन फ्रूट की खेती


किसान सतीश देवगम पहले पारंपरिक खेती करते थे, लेकिन अच्छी उपज नहीं होने के कारण उन्हें अच्छी आमदनी भी नहीं हो रही थी. कृषि तकनीक की जानकारी का अभाव और मौसम की मार ने उन्हें अंदर तक तोड़ दिया था, लेकिन सतीश ने हार नहीं मानी. फिर उन्होंने वैकल्पिक खेती के रूप में ड्रैगन फ्रूट को चुना और ड्रैगन फ्रूट की खेती से उन्हें काफी लाभ पहुंचा. बढ़ी हुई आय के कारण सतीश देवगम अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में सफल हुए. सतीश देवगम ने कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण के सहयोग से उन्होंने मृदा परीक्षण, सॉयल हेल्थ कार्ड का उपयोग, कुशल सिंचाई विधियों का क्रियान्वयन और अद्यतन फसल प्रबंधन तकनीकों को अपनाया. सतीश ने खुद ही खेत में ड्रिप सिंचाई प्रणाली बांस से सहारे लगाई.

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सतीश के ड्रैगन फ्रूट की बाजार में है भारी मांग


सरायकेला-खरसावां के बाजार में सतीश देवगम के ड्रैगन फ्रूट की भारी मांग है. इनके ड्रैगन फ्रूट्स स्थानीय बाजार में ही बिक जाते हैं. बाहर से भी कुछ व्यापारी यहां पहुंच कर ड्रैगन फ्रूट की खरीदारी करते हैं. इस वर्ष बाजार में 100 से 125 रुपये किलो की दर से ड्रैगन फ्रूट की बिक्री हुई. युवा किसान ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट कम पानी में फलता है. गर्म और सूखी जलवायु में बेहतर है. एक पौधा साल में 20-25 फल देता है. ये किसानों की अच्छी आमदनी का माध्यम है.

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Guru Swarup Mishra

लेखक के बारे में

Guru Swarup Mishra

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मैं गुरुस्वरूप मिश्रा. फिलवक्त डिजिटल मीडिया में कार्यरत. वर्ष 2008 से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत. आकाशवाणी रांची में आकस्मिक समाचार वाचक रहा. प्रिंट मीडिया (हिन्दुस्तान और पंचायतनामा) में फील्ड रिपोर्टिंग की. दैनिक भास्कर के लिए फ्रीलांसिंग. पत्रकारिता में डेढ़ दशक से अधिक का अनुभव. रांची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में एमए. 2020 और 2022 में लाडली मीडिया अवार्ड. और पढ़ें

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