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UGC की बादशाहत होगी खत्म! केंद्र सरकार ला रही VBSA बिल, उच्च शिक्षा के लिए नई व्यवस्था

16/12/2025
UGC की बादशाहत होगी खत्म! केंद्र सरकार ला रही VBSA बिल, उच्च शिक्षा के लिए नई व्यवस्था
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VBSA Bill: देश की उच्च शिक्षा व्यवस्था में बहुत बड़ा बदलाव आने वाला है. केंद्र सरकार UGC की जगह एक नया और मजबूत सिस्टम लाने की तैयारी कर रही है. इसके लिए सरकार संसद में Viksit Bharat Shiksha Adhishthan Bill 2025 यानी VBSA बिल पेश करने जा रही है. अगर यह बिल पास हो जाता है, तो UGC, AICTE और NCTE जैसी संस्थाओं की भूमिका पूरी तरह बदल जाएगी.

VBSA Bill: देश की यूनिवर्सिटी और कॉलेज सिस्टम में जल्द ही बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. केंद्र सरकार एक नया कानून लाने की तैयारी में है, जिससे अब तक उच्च शिक्षा पर राज कर रही UGC की भूमिका लगभग खत्म हो जाएगी. सरकार संसद में Viksit Bharat Shiksha Adhishthan Bill 2025 पेश करने जा रही है. इस बिल के आने के बाद शिक्षा से जुड़े कई नियम एक ही छत के नीचे तय किए जाएंगे.

एक संस्था, तीन जिम्मेदारियां

अब तक रेगुलेशन, एक्रेडिटेशन और स्टैंडर्ड तय करने के लिए अलग-अलग संस्थाएं थीं. इससे कॉलेज और यूनिवर्सिटी को कई दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे. नए VBSA Bill में इस परेशानी को खत्म करने की बात कही गई है. इसके तहत एक 12 सदस्यों का केंद्रीय आयोग बनेगा, जिसके अंदर तीन परिषदें काम करेंगी. एक परिषद नियम बनाएगी, दूसरी गुणवत्ता की जांच करेगी और तीसरी पढ़ाई के मानक तय करेगी. इससे सिस्टम ज्यादा साफ और समझने में आसान हो जाएगा.

UGC, AICTE और NCTE का रोल बदलेगा

इस बिल के लागू होने के बाद UGC, AICTE और NCTE जैसे नाम धीरे-धीरे इतिहास बन सकते हैं. इनके काम अब VBSA Bill आयोग के अलग-अलग परिषदों में बांट दिए जाएंगे. सरकार का कहना है कि इससे ओवरलैप खत्म होगा और फैसले तेजी से लिए जा सकेंगे. कॉलेज और यूनिवर्सिटी को भी यह साफ रहेगा कि किस काम के लिए कहां संपर्क करना है.

VBSA Bill पर दी जानकारी

किन कोर्स और संस्थानों पर होगा असर

यह कानून देश की लगभग सभी उच्च शिक्षा संस्थाओं पर लागू होगा. इसमें केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालय, सरकारी और प्राइवेट कॉलेज, तकनीकी शिक्षा संस्थान, टीचर ट्रेनिंग कॉलेज, आर्किटेक्चर संस्थान और राष्ट्रीय महत्व के संस्थान शामिल हैं. हालांकि मेडिकल, डेंटल, लॉ, नर्सिंग, फार्मेसी और वेटरनरी जैसे प्रोफेशनल कोर्स इससे बाहर रखे गए हैं. इन क्षेत्रों में पहले से मौजूद संस्थाएं नियम तय करती रहेंगी.

फंड देने का काम अब शिक्षा मंत्रालय के पास

इस बिल में एक बड़ा बदलाव यह भी प्रस्तावित है कि UGC का ग्रांट देने वाला काम अब शिक्षा मंत्रालय के जरिए किया जाएगा. विश्वविद्यालयों को मिलने वाला फंड सीधे मंत्रालय द्वारा तय की गई व्यवस्था के तहत दिया जाएगा. सरकार का कहना है कि इससे फंड वितरण ज्यादा पारदर्शी और प्रभावी होगा. वहीं काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर पहले की तरह प्रोफेशनल स्टैंडर्ड तय करने का काम करती रहेगी, लेकिन उसका रेगुलेटरी रोल नहीं होगा.

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Ravi Mallick

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Ravi Mallick

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स्कूली शिक्षा से लेकर नौकरी तक की खबरों पर काम करना पसंद है. युवाओं को बेहतर करियर ऑप्शन, करंट अफेयर्स और नई वैकेंसी के बारे में बताना अच्छा लगता है. बोर्ड परीक्षा हो या UPSC, JEE और NEET एग्जाम टॉपर्स से बात करना और उनकी स्ट्रेटजी के बारे में जानना पसंद है. युवाओं को प्रेरित करने के लिए उनके बीच के मुद्दों को उठाना और सही व सटीक जानकारी देना ही मेरी प्राथमिकता है. और पढ़ें

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