Advertisement
Home/Aarti Chalisa/Hanuman Chalisa: मंगलवार को जरूर करें हनुमान चालीसा, जानें किन इच्छाओं की होती है तुरंत पूर्ति

Hanuman Chalisa: मंगलवार को जरूर करें हनुमान चालीसा, जानें किन इच्छाओं की होती है तुरंत पूर्ति

09/12/2025
Hanuman Chalisa: मंगलवार को जरूर करें हनुमान चालीसा, जानें किन इच्छाओं की होती है तुरंत पूर्ति
Advertisement

Hanuman Chalisa: हनुमान चालीसा को संकटों से रक्षा और मनोबल बढ़ाने वाला अद्भुत मंत्र माना गया है. मंगलवार को इसका पाठ करने से हनुमान जी जल्दी प्रसन्न होते हैं. करियर, स्वास्थ्य, विवाह और धन से जुड़ी कई मनोकामनाएं भी सिद्ध होने लगती हैं. यही कारण है कि आज के दिन इसका पाठ बेहद शुभ है.

Hanuman Chalisa: मंगलवार का दिन भगवान हनुमान की आराधना के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. इस दिन श्रद्धा से हनुमान चालीसा का पाठ करने पर मन की बाधाएँ दूर होती हैं और रुके हुए काम तेजी से पूरे होने लगते हैं. भक्तों का मानना है कि कुछ विशेष इच्छाएँ जल्दी ही पूरी हो जाती हैं.

हनुमान चालीसा: मन की नकारात्मकता दूर करने का शक्तिशाली उपाय

मंगलवार का दिन शक्ति, साहस और भक्ति का प्रतीक माना जाता है. हनुमान जी को संकटमोचन और कलियुग के सर्वाधिक जाग्रत देव माने जाने के कारण मंगलवार को उनका पूजन अत्यंत फलदायी होता है. विशेष रूप से हनुमान चालीसा का नियमित और श्रद्धापूर्वक पाठ कई इच्छाओं की त्वरित पूर्ति का मार्ग खोल देता है.

करियर और प्रमोशन में मिलते हैं तुरंत लाभ

हनुमान चालीसा का पाठ मन की नकारात्मकता को दूर करके आत्मविश्वास बढ़ाता है. जिन लोगों को करियर में अड़चनें आती हैं या प्रमोशन लंबे समय से अटका है, उनके लिए मंगलवार का पाठ अत्यंत शुभ माना जाता है. इससे ग्रहों का दुष्प्रभाव कम होता है और अवसर प्राप्त होने लगते हैं.

प्रेम और विवाह संबंधी बाधाओं को करता है दूर

प्रेम और विवाह संबंधी समस्याओं में भी हनुमान चालीसा चमत्कारिक असर दिखाती है. मंगलवार को शाम के समय दीपक जलाकर पाठ करने से रिश्तों में मधुरता बढ़ती है और बाधाएं दूर होती हैं.

धन से जुड़ी समस्याओं का अंत: 11 मंगलवार का नियम

आर्थिक संकट झेल रहे लोगों के लिए भी यह पाठ लाभकारी है. माना जाता है कि निरंतर 11 मंगलवार हनुमान चालीसा करने से धन से जुड़ी रुकावटें समाप्त होती हैं और अचानक लाभ मिलता है.

नजर-दोष और मानसिक तनाव से राहत

नजर-दोष, भय, अशांति और मानसिक तनाव दूर करने में भी यह अत्यंत प्रभावी माना गया है. हनुमान जी की कृपा से जीवन में सुरक्षा, स्थिरता और शक्ति बढ़ती है.

    हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa)

    ये भी पढ़ें:  मंगलवार को इतनी बार पढ़ें हनुमान चालीसा, बजरंगबली की कृपा पाएं अपार

    ॥ दोहा॥

    श्रीगुरु चरन सरोज रज
    निज मनु मुकुरु सुधारि ।
    बरनउँ रघुबर बिमल जसु
    जो दायकु फल चारि ॥

    बुद्धिहीन तनु जानिके
    सुमिरौं पवन-कुमार ।
    बल बुधि बिद्या देहु मोहिं
    हरहु कलेस बिकार ॥

    ॥ चौपाई ॥

    जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।
    जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥

    राम दूत अतुलित बल धामा ।
    अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ॥

    महाबीर बिक्रम बजरंगी ।
    कुमति निवार सुमति के संगी ॥

    कंचन बरन बिराज सुबेसा ।
    कानन कुण्डल कुँचित केसा ॥४

    हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजै ।
    काँधे मूँज जनेउ साजै ॥

    शंकर स्वयं/सुवन केसरी नंदन ।
    तेज प्रताप महा जगवंदन ॥

    बिद्यावान गुनी अति चातुर ।
    राम काज करिबे को आतुर ॥

    प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया ।
    राम लखन सीता मन बसिया ॥८

    सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा ।
    बिकट रूप धरि लंक जरावा ॥

    भीम रूप धरि असुर सँहारे ।
    रामचन्द्र के काज सँवारे ॥

    लाय सजीवन लखन जियाए ।
    श्री रघुबीर हरषि उर लाये ॥

    रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई ।
    तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥१२

    सहस बदन तुम्हरो जस गावैं ।
    अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं ॥

    सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा ।
    नारद सारद सहित अहीसा ॥

    जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते ।
    कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते ॥

    तुम उपकार सुग्रीवहिं कीह्ना ।
    राम मिलाय राज पद दीह्ना ॥१६

    तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना ।
    लंकेश्वर भए सब जग जाना ॥

    जुग सहस्त्र जोजन पर भानु ।
    लील्यो ताहि मधुर फल जानू ॥

    प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं ।
    जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं ॥

    दुर्गम काज जगत के जेते ।
    सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ॥२०

    राम दुआरे तुम रखवारे ।
    होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥

    सब सुख लहै तुम्हारी सरना ।
    तुम रक्षक काहू को डरना ॥

    आपन तेज सम्हारो आपै ।
    तीनों लोक हाँक तै काँपै ॥

    भूत पिशाच निकट नहिं आवै ।
    महावीर जब नाम सुनावै ॥२४

    नासै रोग हरै सब पीरा ।
    जपत निरंतर हनुमत बीरा ॥

    संकट तै हनुमान छुडावै ।
    मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥

    सब पर राम तपस्वी राजा ।
    तिनके काज सकल तुम साजा ॥

    और मनोरथ जो कोई लावै ।
    सोई अमित जीवन फल पावै ॥२८

    चारों जुग परताप तुम्हारा ।
    है परसिद्ध जगत उजियारा ॥

    साधु सन्त के तुम रखवारे ।
    असुर निकंदन राम दुलारे ॥

    अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता ।
    अस बर दीन जानकी माता ॥

    राम रसायन तुम्हरे पासा ।
    सदा रहो रघुपति के दासा ॥३२

    तुम्हरे भजन राम को पावै ।
    जनम जनम के दुख बिसरावै ॥

    अंतकाल रघुवरपुर जाई ।
    जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई ॥

    और देवता चित्त ना धरई ।
    हनुमत सेइ सर्ब सुख करई ॥

    संकट कटै मिटै सब पीरा ।
    जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ॥३६

    जै जै जै हनुमान गोसाईं ।
    कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ॥

    जो सत बार पाठ कर कोई ।
    छूटहि बंदि महा सुख होई ॥

    जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा ।
    होय सिद्धि साखी गौरीसा ॥

    तुलसीदास सदा हरि चेरा ।
    कीजै नाथ हृदय मह डेरा ॥४०

    ॥ दोहा ॥

    पवन तनय संकट हरन,
    मंगल मूरति रूप ।
    राम लखन सीता सहित,
    हृदय बसहु सुर भूप ॥

    Shaurya Punj

    लेखक के बारे में

    Shaurya Punj

    Contributor

    रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से मास कम्युनिकेशन में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद मैंने डिजिटल मीडिया में 14 वर्षों से अधिक समय तक काम करने का अनुभव हासिल किया है. धर्म और ज्योतिष मेरे प्रमुख विषय रहे हैं, जिन पर लेखन मेरी विशेषता है. हस्तरेखा शास्त्र, राशियों के स्वभाव और गुणों से जुड़ी सामग्री तैयार करने में मेरी सक्रिय भागीदारी रही है. इसके अतिरिक्त, एंटरटेनमेंट, लाइफस्टाइल और शिक्षा जैसे विषयों पर भी मैंने गहराई से काम किया है. 📩 संपर्क : [email protected] और पढ़ें

    Prabhat Khabar App :

    देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

    Download from Google PlayDownload from App Store
    Advertisement
    Sponsored Linksby Taboola
    Advertisement
    Advertisement
    Advertisement
    Advertisement