Hanuman Ji Chola Chadhane Ke Fayde: हिंदू धर्म में भगवान श्री हनुमान को संकटमोचन कहा गया है. मान्यता है कि जो भक्त श्रद्धा और विधि-विधान से हनुमान जी को चोला चढ़ाता है, उस पर बजरंगबली की विशेष कृपा बनी रहती है. हनुमान जी को चोला चढ़ाने की परंपरा केवल एक धार्मिक कर्म नहीं, बल्कि ग्रह दोषों, रोगों और मानसिक कष्टों से मुक्ति पाने का प्रभावी उपाय मानी जाती है.
हनुमान जी को चोला चढ़ाने से क्या लाभ मिलते हैं?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाने से भक्त को कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं:
- शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या, दशा और अंतरदशा के प्रभाव कम होते हैं
- राहु और केतु से जुड़े कष्टों से राहत मिलती है
- भय, रोग और आकस्मिक संकट दूर होते हैं
- आयु में वृद्धि और मानसिक बल की प्राप्ति होती है
- भक्त की मनोकामनाएं धीरे-धीरे पूर्ण होने लगती हैं
हनुमान जी भगवान शिव के ग्यारहवें रुद्र अवतार माने जाते हैं. सिंदूर का संबंध शक्ति और ऊर्जा से है, इसलिए सिंदूर का चोला चढ़ाना विशेष फलदायी माना गया है.
हनुमान जी को चोला चढ़ाने की सामग्री
हनुमान जी को चोला चढ़ाने से पहले पूजा की सभी सामग्री एकत्र कर लें:
- हनुमान जी के लिए विशेष सिंदूर
- देसी गाय का घी या शुद्ध चमेली का तेल
- गंगाजल मिला शुद्ध जल
- धूप और दीप
- चांदी या सोने का वर्क (या चमकीला कागज)
- श्री हनुमान चालीसा
हनुमान जी को चोला चढ़ाने की सही विधि
चोला चढ़ाने से पहले सबसे पहले हनुमान जी की प्रतिमा से पुराना चोला उतारें. इसके बाद गंगाजल मिले जल से प्रतिमा को स्नान कराएं और साफ कपड़े से पोंछें. अब सिंदूर में घी या चमेली का तेल मिलाकर गाढ़ा लेप तैयार करें. दाहिने हाथ से हनुमान जी के सिर से शुरू करते हुए पूरे शरीर पर सिंदूर का लेपन करें। इसके बाद प्रतिमा पर चांदी या सोने का वर्क लगाएं. पूजन के दौरान शांत मन से हनुमान चालीसा का पाठ करें.
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हनुमान जी को चोला चढ़ाने का शुभ दिन
हनुमान जी को चोला केवल विशेष दिनों में ही चढ़ाना चाहिए:
- मंगलवार
- शनिवार
- हनुमान जयंती
- राम नवमी
- दीपावली और होली
अन्य दिनों में चोला चढ़ाना वर्जित माना गया है.
चोला चढ़ाते समय रखें ये सावधानियां
- सिंदूर हमेशा सवा मात्रा में चढ़ाएं (जैसे सवा पाव या सवा किलो)
- मंगलवार को देसी गाय के घी और शनिवार को केवल चमेली के तेल का प्रयोग करें
- लाल या पीले रंग के साफ वस्त्र पहनें
- पुराने चोले को उतारकर बहते जल में प्रवाहित करें
- चोला रगड़कर और पूरी श्रद्धा से चढ़ाएं
- पूजा के समय श्वास प्रतिमा पर न लगने दें
हनुमान जी को चोला चढ़ाने का मंत्र
चोला चढ़ाते समय इस मंत्र का जाप करें:
“सिन्दूरं रक्तवर्णं च सिन्दूरतिलकप्रिये।
भक्त्या दत्तं मया देव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम॥”
धूप-दीप और आरती विधि
चोला चढ़ाने के बाद धूप-दीप करें और नीचे दिए मंत्र के साथ दीपक अर्पित करें. इसके बाद 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें और अंत में हनुमान जी की आरती करें.
पूजन के बाद क्षमा याचना क्यों जरूरी है?
पूजन में हुई अनजानी गलतियों के लिए हनुमान जी से क्षमा याचना करना आवश्यक माना गया है. इससे पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है और साधक पर बजरंगबली की कृपा बनी रहती है.
हनुमान जी को चोला चढ़ाना एक अत्यंत शक्तिशाली धार्मिक उपाय है. यदि इसे सही विधि, सही दिन और पूरी श्रद्धा से किया जाए, तो यह जीवन के बड़े-बड़े संकटों को दूर कर सकता है.







