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Musk Vs Trump: ‘लोलिता एक्सप्रेस’ का क्या है सच, मस्क और ट्रंप की लड़ाई में क्यों सामने आया ये नाम

07/06/2025
Musk Vs Trump: ‘लोलिता एक्सप्रेस’ का क्या है सच, मस्क और ट्रंप की लड़ाई में क्यों सामने आया ये नाम
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Musk Vs Trump: एलन मस्क ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से दोस्ती में दरार पड़ने के बाद बड़ा बम फोड़ा है. उन्होंने यौन शोषण के आरोपी जेफरी एपस्टीन (Jeffery Epstein) के साथ ट्रंप की दोस्ती का खुलासा किया है. इसके बाद अमेरिका की राजनीति में हलचल मची हुई है. कई विवादस्पद जानकारी भी इसमें सामने आयी है.

Musk Vs Trump: 1990 के दशक अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और मोनिका लेवेंस्की के बीच अंतरंग संबंधों कहानी चर्चा में थी. अब एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर भी कुछ ऐसे ही आरोप लगाए गए हैं. ट्रंप के दोस्त टेस्ला के मालिक अरबपति एलन मस्क ने ये आरोप लगाए हैं. मस्क ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है कि ‘अब वाकई बड़ा बम गिराने का समय आ गया है. डोनाल्ड ट्रंप का नाम एपस्टीन फाइलों में है. इसी वजह से इन फाइलों को सार्वजनिक नहीं किया गया है. आपका दिन शुभ हो DJT.’

दस महीने में टूट गई जोड़ी

एलन मस्क और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच वाकयुद्ध जारी है. 13 जुलाई 2024 को शुरू हुई यारी 5 जून 2025 को टूट गई है. अब मस्क ट्रंप के पुराने राज खोल रहे हैं. वहीं ट्रंप उन्हें आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचा रहे हैं. एलन मस्क ने नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण और तस्करी करने वाले जेफरी एप्सटीन के साथ ट्रंप के रिश्ते का खुलासा करते हुए उनके खिलाप महाभियोग लाने की मांग की है. उन्होंने मांग की है कि डोनाल्ड ट्रंप को हटा कर जेडी वेंस को राष्ट्रपति बनाया जाए.

क्या है एपस्टीन फाइल्स

एपस्टीन एक हाई प्रोफाइल क्रिमिनल केस है. जिसमें नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण और उनकी तस्करी के आरोप लगाए गए थे. इस मामले में 2008 में अमेरिका के अरबपति जेफरी एपस्टीन को 13 महीने की जेल हुई थी. 2019 में फिर से इसी तरह के अन्य मामले में जेफरी एपस्टीन को गिरफ्तार किया गया. इसके बाद 10 अगस्त 2019 को उसने जेल में आत्महत्या कर ली थी. इसके छह साल बाद एपस्टीन केस का खुलासा करने वाली वर्जीनिया गिफ्रे की भी 25 अप्रैल को मौत हो गई थी. इस केस से जुड़े दस्तावेजों को ही ‘एपस्टीन फाइल्स’ नाम दिया गया है. जिसके कुछ दस्तावेज फरवरी 2025 में सार्वजनिक किए गए थे. इससे पहले जनवरी 2024 में इस केस से जुड़े लोगों की एक कथित लिस्ट सामने आयी थी. इसमें पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, हिलेरी क्लिंटन, एक्टर लियोनार्डोँ डिकैप्रियो, माइकल जैक्सन और डोनाल्ड ट्रंप के नाम शामिल थे.

डोनाल्ड ट्रंप और जेफरी एपस्टीन के संबंध

अरबपति और फाइनेंसर जेफरी एपस्टीन ने अपनी अथाह दौलत के दम पर अमीरों से दोस्ती की थी. इसी में डोनाल्ड ट्रंप का नाम भी था. यहां तक कि उनका बयान भी वायरल है, जो उन्होंने 2002 में एक न्यूयार्क की एक मैगजीन को दिया था. जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि ‘मैं जेफरी को 15 साल से जानता हूं. उनके साथ रहने में मजा आता है. उन्हें भी उतनी ही सुंदर लड़किया पसंद हैं, जितनी मुझे.’ दोनों को ही कई पार्टियों में भी साथ में देखा गया. ट्रंप के प्राइवेट गोल्फ क्लब मारा-ए-लागो में भी एपस्टीन को देखा गया. वो कैलेंडर गर्ल प्रतियोगिता में भी शामिल होता था. इस प्रतियोगिता को डोनाल्ड ट्रंप करवाते थे.

प्राइवेट आइलैंड और लोलिता एक्सप्रेस

डोनाल्ड ट्रंप के साथ जिस जेफरी एपस्टीन का नाम आ रहा है, उस पर नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण और ट्रैफिकिंग के आरोप लगे थे. एक 14 साल की लड़की की शिकायत के बाद ही जेफरी एपस्टीन का सच सामने आया था. एपस्टीन की की अय्याशी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसके पास कुछ आइलैंड भी थे. जहां प्राइवेट प्लेन से लोगों को ले जाया जाता था. इन प्लेन को ही लोलिता एक्सप्रेस के नाम से कहा जाता था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 1993 से 1997 के बीच डोनाल्ड ट्रंप ने 7 बार लोलिता एक्सप्रेस से यात्राएं की. न्यूयार्क पोस्ट के अनुसार कई धन कुबेरों और पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने भी इन आइलैंड की यात्रा की थी.

लोलिता एक्सप्रेस नाम क्यों?

लोलिता एक विवादस्पद उपन्यास है. जिसे 1955 में रूसी अमेरिकी उपन्यासकार व्लादिमीर नाबोकोव ने लिखा था. ये एक कामुक उपन्यास के तौर पर जाना जाता है. जिसमें 12 साल एक लड़की लोलिता के प्रति अधेड़ प्रोफेसर की वासाना और सोच की कहानी है. विवादास्पद होने के कारण इस उपन्यास को कई देशों में प्रतिबंधित भी किया गया था. भारत में भी इसे प्रतिबंधित करने पर चर्चा हुई थी, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया था. इस उपन्यास की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रकाशन के तीसरे ही दिन इसकी प्रतियां फिर से छापनी पड़ी थीं.

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