Shani Effects: हिन्दू धर्म में ज्योतिष शास्त्र का काफी महत्व है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रह- नक्षत्रों की चाल मनुष्य के दैनिक जीवन को प्रभावित करती है. वैदिक ज्योतिष शास्त्र में तारों के समहू को नक्षत्र कहा जाता है. इसमें 27 नक्षत्र का वर्णन किया गया है, जिनमे शनि के तीन प्रमुख नक्षत्र माने गए हैं – पुष्य, अनुराधा और उत्तराभाद्रपद. इनमें से पुष्य को अत्यंत शुभ और पवित्र नक्षत्र माना जाता है, जबकि अनुराधा नक्षत्र को संपन्नता और प्रगति का कारक माना गया है. ज्योतिषाचार्य चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि शनि के नक्षत्र व्यक्ति की कर्म शक्ति, पेशेवर रवैये और स्वभाव पर गहरा प्रभाव डालते हैं. इन तीनों नक्षत्रों में आने वाले लोगों का व्यवहार और भाग्य क्या कहता है.
क्यों कहा जाता है इन्हें लक्ष्मी समान?
- परिवार के लिए समर्पण
- धन-संरक्षण और समृद्धि बढ़ाने की क्षमता
- प्रेम और अपनापन
- त्याग और धैर्य
- शुभ संस्कार और आध्यात्मिकता
शनि का पहला नक्षत्र पुष्य
पुष्य नक्षत्र पूरी तरह कर्क राशि में स्थित होता है, इसे नक्षत्रों में सबसे पवित्र और शुभ बताया गया है, इस नक्षत्र से जुड़े लोग धार्मिक, आध्यात्मिक झुकाव वाले और दानशील होते हैं, इनके भीतर आगे बढ़ने और विकसित होने की मजबूत क्षमता होती है, ये लोग विपरीत परिस्थितियों से जल्दी उबर जाते हैं, पैसों की बचत और सही उपयोग में माहिर होते है, पति व बच्चों के लिए सौभाग्य लाने वाली होती है और शांत, सरल, समर्पित और परिवार निभाने वाली होती है हालांकि, कभी-कभी इनमें ईर्ष्या या स्वार्थ की प्रवृत्ति भी देखने को मिलती है, ऐसे लोगों को रिश्तों और मित्रता में हमेशा सतर्क रहना चाहिए.
शनि का दूसरा नक्षत्र अनुराधा
अनुराधा नक्षत्र पूर्ण रूप से वृश्चिक राशि के दायरे में आता है, इसे उपलब्धि और सफलता का नक्षत्र कहा गया है, इस नक्षत्र वाले जातक साहसी, ऊर्जावान और प्रभावशाली व्यक्तित्व के होते हैं, इनको सौंदर्य और आकर्षण का वरदान होता है और इन्हे प्रेम, निष्ठा और गहरी समझ वाली माना जाता है, इन्हें अक्सर अपने घर-परिवार से दूर या विदेश में बेहतरीन तरक्की मिलती है, संबंधों को निभाने की कला इनकी सबसे बड़ी ताकत होती है साथ ही साथ जहां जाती हैं, वहां अपने स्वभाव से घर में एकता और प्रेम बढ़ाती हैं, दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण ये जीवन में काफी आगे बढ़ते हैं.
शनि का तीसरा नक्षत्र उत्तराभाद्रपद
उत्तराभाद्रपद नक्षत्र मीन राशि के अंतर्गत आता है और इसके भीतर अग्नि समान शक्ति सक्रिय मानी जाती है, इसे ऊर्जा का नक्षत्र बताया गया है, इस नक्षत्र में जन्मे लोग दयालु, समृद्ध , प्रसन्न और गृह व्यवस्था में अद्भुत दक्षता स्वभाव के होते हैं, इनमें अद्भुत आध्यात्मिक क्षमता और ज्ञान पाया जाता है, ज्योतिष विद्वान बताते हैं कि इस नक्षत्र की महिलाओं में मां लक्ष्मी के समान गुण दिखाई देते हैं, कठिन परिस्थितियों में भी धैर्य रखने वाली संकट में परिवार की ढाल बनकर खड़ी रहने वाली, सत्य, विश्वास और नैतिकता का पालन करने वाली हालांकि, कभी-कभी इनमें क्रोध, आलस्य और लापरवाही की प्रवृत्ति भी देखी जा सकती है.
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