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आयोग ने टिप्पणी की कि अधिकारियों को बड़ी खेल प्रतियोगिताओं को ऐसे स्थानों पर ‘स्थानांतरित’ करने पर विचार करना चाहिए जहां बड़ी भीड़ को समायोजित करने की क्षमता हो. आयोग ने कहा, ‘आयोग यह सिफारिश करता है कि स्टेडियम अधिकारी उन आयोजनों को स्थानांतरित करने पर विचार करें जिनसे बड़ी भीड़ खींचने की उम्मीद है. इस तरह के आयोजन ऐसे स्थानों पर जो दर्शकों की बड़ी संख्या के लिए बेहतर अनुकूल हैं.’ आयोग ने भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं से बचने के लिए कुछ सुझाव भी दिये हैं.

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प्रवेश और निकास द्वार में सुधार के सुझाव

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आयोग की ओर से दिए गए सुझावों में ‘प्रवेश और निकास द्वार में सुधार करना और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानदंडों के अनुरूप आपातकालीन निकासी योजनाएं तैयार करना शामिल है. आयोग ने फिर माना कि इन सुधार के उपायों को पूरा किए बिना ‘बड़े आयोजनों’ से और अधिक नुकसान हो सकता है. इसमें कहा गया है कि जब तब ढांचागत बदलाव नहीं किये जाते तब तक यहां बड़े आयोजन सार्वजनिक सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं. आयोग ने केएससीए के अध्यक्ष रघुराम भट्ट, अब-त्यागपत्र दे चुके सचिव ए शंकर और कोषाध्यक्ष ईएस जयराम, आरसीबी के उपाध्यक्ष राजेश मेनन, डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स के एमडी टी वेंकट वर्धन और वीपी सुनील माथुर के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू करने का भी सुझाव दिया. इस बीच डीएनए ने आयोग के गठन और उसके निष्कर्षों के खिलाफ कर्नाटक उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है.

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क्या चिन्नास्वामी स्टेडियम से छिन जाएगी महिला वर्ल्ड कप की मेजबानी, 'भगदड़' रिपोर्ट आई सामने

Prabhat Khabar
25 Jul, 2025
क्या चिन्नास्वामी स्टेडियम से छिन जाएगी महिला वर्ल्ड कप की मेजबानी, 'भगदड़' रिपोर्ट आई सामने

Bengaluru Stampede: रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की पहली आईपीएल ट्रॉफी जीत के जश्न में मची भगदड़ की एक और जांच रिपोर्ट सामने आई है. एक आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि चिन्नास्वामी स्टेडियम भारी भीड़ वाले आयोजनों के लिए सुरक्षित स्थान नहीं है. इस रिपोर्ट की मानें तो इस स्टेडियम में इसी साल अंत में होने वाले महिला वर्ल्ड कप के मैचों को दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा. वर्ल्ड कप का फाइनल मुकाबला भी इसी स्टेडियम में होना है.

Bengaluru Stampede: कर्नाटक सरकार द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति जॉन माइकल डी’कुन्हा आयोग ने चिन्नास्वामी स्टेडियम को ‘जनसमूह के लिए अनुपयुक्त और असुरक्षित’ करार दिया है, जिससे इस साल के अंत में होने वाले महिला विश्व कप मैचों सहित कुछ बड़े मुकाबलों पर संदेह के बादल छा गए हैं. रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के पहले आईपीएल खिताब के जश्न में शामिल होने के लिए स्टेडियम के पास उमड़ी भीड़ में भगदड़ मचने से 11 प्रशंसकों की मौत और कई अन्य घायल हो गए. इसके बाद राज्य सरकार ने एक सदस्यीय आयोग का गठन किया था. आयोग की रिपोर्ट को हाल ही में राज्य मंत्रिमंडल के समक्ष पेश किया गया था. इस मामले में आईपीएल फ्रेंचाइजी पर भी बड़ी कार्रवाई होने की संभावना जताई गई है. Chinnaswamy Stadium can lose hosting rights for Womens World Cup Stampede report emerges

महिला वर्ल्ड कप फाइनल का है मेजबान

समाचार एजेंसी पीटीआई को मिली इस रिपोर्ट के मुताबिक आयोग ने कहा, ‘स्टेडियम का डिजाइन और संरचना बड़ी संख्या में दर्शकों के लिए अनुपयुक्त और असुरक्षित है.’ इस साल के अंत में आईसीसी महिला विश्व कप का शुरुआती और फाइनल चिन्नास्वामी स्टेडियम में होने वाला है. यह टिप्पणी तथा राज्य सरकार द्वारा इसे स्वीकार करने से उन मैचों पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है. कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCL) ने अगले महीने होने वाले इस साल के महाराजा ट्रॉफी टी20 टूर्नामेंट को पहले ही दर्शकों के बिना आयोजित करने का फैसला किया है.

आयोग ने टिप्पणी की कि अधिकारियों को बड़ी खेल प्रतियोगिताओं को ऐसे स्थानों पर ‘स्थानांतरित’ करने पर विचार करना चाहिए जहां बड़ी भीड़ को समायोजित करने की क्षमता हो. आयोग ने कहा, ‘आयोग यह सिफारिश करता है कि स्टेडियम अधिकारी उन आयोजनों को स्थानांतरित करने पर विचार करें जिनसे बड़ी भीड़ खींचने की उम्मीद है. इस तरह के आयोजन ऐसे स्थानों पर जो दर्शकों की बड़ी संख्या के लिए बेहतर अनुकूल हैं.’ आयोग ने भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं से बचने के लिए कुछ सुझाव भी दिये हैं.

प्रवेश और निकास द्वार में सुधार के सुझाव

आयोग की ओर से दिए गए सुझावों में ‘प्रवेश और निकास द्वार में सुधार करना और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानदंडों के अनुरूप आपातकालीन निकासी योजनाएं तैयार करना शामिल है. आयोग ने फिर माना कि इन सुधार के उपायों को पूरा किए बिना ‘बड़े आयोजनों’ से और अधिक नुकसान हो सकता है. इसमें कहा गया है कि जब तब ढांचागत बदलाव नहीं किये जाते तब तक यहां बड़े आयोजन सार्वजनिक सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं. आयोग ने केएससीए के अध्यक्ष रघुराम भट्ट, अब-त्यागपत्र दे चुके सचिव ए शंकर और कोषाध्यक्ष ईएस जयराम, आरसीबी के उपाध्यक्ष राजेश मेनन, डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स के एमडी टी वेंकट वर्धन और वीपी सुनील माथुर के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू करने का भी सुझाव दिया. इस बीच डीएनए ने आयोग के गठन और उसके निष्कर्षों के खिलाफ कर्नाटक उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है.

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