जहानाबाद
. सदर अस्पताल में डॉक्टरों की ड्यूटी से फरार रहने की समस्या लगातार जारी है, जिसके कारण कई बार जिले के सबसे बड़े अस्पताल में इलाज कराने आये मरीजों की जान पर बन आती है. ऐसा ही एक वाक्या सोमवार को जहानाबाद सदर अस्पताल के लेबर रूम में हुआ जब मखदुमपुर से सिजेरियन ऑपरेशन के लिए रेफर होकर एक गर्भवती महिला दर्द से तड़पती रही किंतु सदर अस्पताल में उस समय कोई महिला चिकित्सक नहीं थी. मखदुमपुर प्रखंड के परसौना गांव से आई 21 वर्षीय खुशबू कुमारी की पहली डिलीवरी थी. वह रविवार को दिनभर और रात भर मखदुमपुर के सरकारी अस्पताल में अपना इलाज कराया किंतु 24 घंटे तक इंतजार के बाद भी जब बच्चे का सिर नीचे नहीं आया तो मखदुमपुर रेफरल अस्पताल के चिकित्सकों ने यह कहते हुए उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया कि डिलीवरी के लिए रास्ता खुला हुआ है किंतु बच्चा का सिर ऊपर फिक्स है जो नीचे नहीं आ रहा है. इस कारण इसकी नॉर्मल डिलीवरी संभव नहीं है और सिजेरियन ऑपरेशन की आवश्यकता है जो मखदुमपुर में संभव नहीं है. महिला लगातार डिलीवरी के दर्द से कराह रही थी. सदर अस्पताल में आने के बाद यहां अस्पताल में कोई महिला चिकित्सक नहीं मिली. नर्सों ने बताया कि चिकित्सक नहीं है और महिला को सिजेरियन ऑपरेशन की जरूरत है, इसलिए आपको पीएमसीएच से पटना जाना पड़ेगा. इसके बाद गर्भवती महिला की जान बचाने और सिजेरियन ऑपरेशन के लिए खुशबू को उनके परिजनों ने सदर अस्पताल से निकालकर उसे प्राइवेट क्लीनिक में लेते चले गए. सदर अस्पताल में खुशबू की फुआ मनीता देवी ने बताया कि वे लोग बीते दिन से ही मखदुमपुर में डिलीवरी का इंतजार कर रहे थे. रविवार को पूरा दिन और पूरी रात वहां रहने के बाद बताया गया कि बच्चों का सिर ऊपर फिक्स है जो नीचे नहीं आ रहा है. इस कारण सिजेरियन ऑपरेशन करना पड़ेगा. ऑपरेशन के लिए मखदुमपुर के चिकित्सकों ने खुशबू को सदर अस्पताल जहानाबाद रेफर कर दिया. मनीता देवी ने बताया कि यहां कोई चिकित्सक नहीं हैं और ऑपरेशन जरूरी है. उनकी मरीज दर्द से चिल्ला रही है, इसलिए वे लोग प्राइवेट क्लीनिक में जा रहे हैं.
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