Bihar Kosi River Bridge: बिहार में कोसी नदी पर मधुबनी जिले के भेजा से सुपौल जिले के बकौर तक पुल का निर्माण एप्रोच सहित करीब 13.3 किमी लंबाई में करीब 1101.99 करोड़ की लागत से अगले साल पूरा होने की संभावना है. इतनी लंबाई में पुल का निर्माण होने से इसे महासेतु कहा जा रहा है. यह भारत का सबसे लंबा नदी पुल होगा.
क्या फायदा होगा
इस पुल का निर्माण भारतमाला परियोजना फेज-1 के तहत हो रहा है. इस पुल के बन जाने से सुपौल और मधुबनी की दूरी करीब 100 किमी से घटकर करीब 30 किमी रह जायेगी. वहां के लोगों को पटना और दरभंगा तक पहुंचना आसान हो जायेगा. ऐसे में सुपौल और मधुबनी के बीच कम समय में लोग आवागमन कर सकेंगे. साथ ही इस पुल से होकर नेपाल जाने में भी सुविधा होगी. पूर्वोत्तर राज्यों तक पहुंचना भी आसान हो जायेगा.
इस वजह से लेट
सूत्रों के अनुसार इस पुल का निर्माण दिसंबर 2024 में ही पूरा होने की समयसीमा तय थी. इस पुल का निर्माण तेजी गति से चल रहा था, लेकिन मार्च 2024 में एक बड़ी दुर्घटना के बाद इसके कुछ हिस्से का निर्माण फिर से करना पड़ा, जिससे समय लग रहा है. उस दुर्घटना में निर्माण के दौरान एक गार्डर ढह गया था.
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पुल के बारे में जानें
इस पुल की लंबाई करीब 10.2 किमी है और इसका दोनों तरफ एप्रोच रोड करीब 3.1 किमी लंबी है. ऐसे में इसकी कुल लंबाई 13.3 किमी है. इसके साथ ही पुल की चौड़ाई 16 मीटर है, जिसमें 11 मीटर की कैरिजवे है. इसकी चौड़ाई इतनी है कि तीन गाड़ियां एक साथ दौड़ सकेंगी. इसके अलावा दोनों ओर फुटपाथ भी बना हुआ है. पुल को 170 पिलरों पर तैयार किया जा रहा है.
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