हालात ऐसे बनते जा रहे हैं कि किसी भी समय यह विवाद बड़े और खूनी संघर्ष का रूप ले सकता है. लगातार हो रही घटनाओं से आम रैयतों में भय, आक्रोश और असुरक्षा की भावना गहराती जा रही है.
रात के अंधेरे में दीवार ध्वस्त, भड़का विवाद
मंगलवार की अहले सुबह सरिया थाना क्षेत्र के चौधरीडीह गांव में नवनिर्मित अनुमंडल कार्यालय के समीप स्थित एक पुरानी चहारदीवारी को लोगों ने गिरा हुआ देखा. कयास लगाया गया कि अज्ञात लोगों द्वारा सोमवार की रात के अंधेरे में इसे ध्वस्त कर दिया गया. बताया जाता है कि यह जमीन लंबे समय से विवादित है, जिस पर कुछ लोगों का कब्जा चला आ रहा है. सुबह जब लोगों ने दीवार टूटी देखी तो आक्रोश फैल गया. मामले की सूचना तत्काल सरिया थाना को दी गई. पुलिस मौके पर पहुंची. पीड़ित पक्ष ने निष्पक्ष कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि पुलिस जमीन के दलालों के इशारे पर काम कर रही है. लोगों का कहना है कि यदि समय रहते प्रशासन ने हस्तक्षेप नहीं किया, तो हालात बेकाबू हो सकते हैं.भगत सिंह चौक पर झड़प, महिलाओं ने किया सड़क जाम
एक और घटना सरिया भगत सिंह चौक के समीप मंगलवार को घटी. वहां जमीन विवाद को लेकर दो पक्ष आमने-सामने आ गए. विवाद इतना बढ़ा कि झड़प के बाद एक पक्ष की महिलाओं ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करते हुए सड़क जाम कर दिया. कुछ देर के लिए यातायात ठप रहा, जिसे बाद में प्रशासनिक हस्तक्षेप से हटवाया गया.बड़की सरिया में मारपीट,थाना तक पहुंचा मामला
गौरतलब है कि दो दिन पहले बड़की सरिया क्षेत्र में भी जमीन विवाद को लेकर दो पक्षों में मारपीट हुई थी. दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप लगे और मामला थाना तक पहुंचा. हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे मामलों में त्वरित और ठोस कार्रवाई के अभाव में विवाद और गहराता जा रहा है.इन इलाकों में भूमाफियाओं का बढ़ता दबदबा
स्थानीय रैयतों के अनुसार नावाडीह, चौधरीडीह, सिंगदाहा, बागोडीह, सरिया बाजार सहित आसपास के कई इलाकों में भूमाफियाओं का दबदबा लगातार बढ़ रहा है. खाली और विवादित जमीनों पर नजर गड़ाए माफिया जबरन कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं इसकी आड में एक गिरोह सक्रिय है, जो पैसों के बल पर फर्जी कागजात जैसे हुकुमनामा, जमींदारी रसीद, फर्जी खतियान बनाकर अंचल कार्यालय में मौजूद दलालों की सांठगांठ से इसके सहारे रसीद कटवाकर या दाखिल खारिज करवाकर गरीबों की जमीन को लूटने का खेल करवा रहा है. बताते चलें कि इस कार्य में सक्रिय लोग जमीन को हड़पने के लिए बाहर से बाउंसर, लठैत, शूटर आदि का भी सहारा लेकर रैयतों को डराने का काम कर रहे हैं. इससे आम लोग हर समय इस आशंका में जी रहे हैं कि कब उनकी जमीन विवाद का शिकार बन जाए.प्रशासन और राजनीति की चुप्पी पर सवाल
इन घटनाओं को लेकर प्रशासनिक निष्क्रियता और राजनीतिक दलों की चुप्पी पर भी सवाल उठने लगे हैं. स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन-माफिया-राजनीतिक गठजोड़ के कारण ही भूमाफियाओं के हौसले बुलंद हैं. लोग खुलकर कह रहे हैं कि यदि सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो सरिया में कानून-व्यवस्था की स्थिति और बिगड़ सकती है.अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या प्रशासन समय रहते ठोस कदम उठाएगा या फिर जमीन विवाद की यह आग किसी बड़े हादसे का कारण बनेगी. जमीन विवाद बढने का एक मूल कारण यह भी है कि भूस्वामियों के द्वारा अंचल, अनुमंडल, भूमि उपसमाहर्ता, थाना आदि में न्याय के लिए सैकडों आवेदन पडे हुए हैं, लेकिन उसमें त्वरित निष्पादन नहीं होने से दलाल एवं भूमाफियाओं का मनोबल दिन प्रतिदिन बढता जा रहा है.क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में अनुमंडल पदाधिकारी संतोष गुप्ता ने कहा कि सरिया क्षेत्र में जहां-जहां भी जमीन विवाद है, सभी जगह पर निषेधाज्ञा 163 लगा दी गयी है. कहीं भी जमीन विवाद बढ़ने नहीं दिया जायेगा. विधि व्यवस्था पर पूरा ध्यान रहेगा. साथ ही उन्होंने अपील की कि जहां भी जमीन मामला है वे आवेदन दें. त्वरित कार्रवाई की जाएगी. हालांकि सरिया में इन दिनों जमीन विवाद बढ़ना वाकई चिंताजनक है. वहीं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी धनंजय राम ने कहा कि जहां भी इस प्रकार का मामला सामने आता है, वहां पर विधि व्यवस्था के लिए प्रशासन तत्पर रहता है. क्षेत्र में किसी भी प्रकार से विधि व्यवस्था बिगड़ने नहीं दी जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है



