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वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल है नवरत्न गढ़, इतिहास जानना है, तो जरूर आये

Prabhat Khabar
21 Dec, 2025
वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल है नवरत्न गढ़, इतिहास जानना है, तो जरूर आये

वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल है नवरत्न गढ़, इतिहास जानना है, तो जरूर आये

जगरनाथ पासवान, गुमला

नवरत्न गढ़, जिसे डोइसागढ़ भी कहते हैं. यह विश्व धरोहर है. नववर्ष में यहां घूमने फिरने के अलावा इतिहास जानना है तो जरूर आये. रांची व गुमला मार्ग पर स्थित सिसई प्रखंड में नगर गांव हैं. सिसई से पांच किमी दूर नगर गांव है. जहां नवरत्नगढ़ है. यहां मुगल साम्राज्य व नागवंशी राजाओं का इतिहास छिपा है. यह गांव अपने अंदर ऐतिहासिक धरोहर नवरत्न गढ़ को समेटे हुए है. आज इसका नाम वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल है. डोइसागढ़, नवरत्न गढ़, रानी लुकई, कमल सरोवर, कपिलनाथ मंदिर, भैरव मंदिर अपनी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि व नयनाभिराम प्राकृतिक दृश्य के कारण पर्यटकों को अपनी ओर सहज तरीके से आकर्षित करता है. यह छोटानागपुर के नागवंशी राजाओं के ऐतिहासिक धरोहर है. नागवंशी राजाओं द्वारा बनाये गये अमूल्य भवन जो खंडहर हो गये थे. उसे बचाने का प्रयास हो रहा है. पुरातत्व विभाग संरक्षण करने में लगा हुआ है. खंडहर भवनों की मरम्मत की जा रही है. इतिहास के अनुसार मुगल साम्राज्य से बचने के लिए राजा दुर्जन शाह ने इसे बनवाया था. नवरत्न गढ़ के चारों तरफ खाई था और यहां घुसने का एक मात्रा पहाड़ी रास्ता हुआ करता था. इसलिए सुरक्षा के दृष्टिकोण से राजा दुर्जन शाह ने नवरत्नगढ़ को अपनी राजधानी बनाया था. लेकिन कलांतार में समय बदला. कई भवन जमींदोज हो गये. कुछ भवन अभी भी शेष हैं. खाई समय के साथ खत्म हो गया और वह समतल जमीन का रूप ले लिया है. यह ऐतिहासिक स्थल नववर्ष में घूमने का बहुत ही अच्छा स्थान है.

नवरत्नगढ़ में यह देख सकते हैं

नवरत्न गढ़ के नयनाभिराम प्राकृतिक दृश्य, पांच मंजिला वर्गाकार इमारत, 33 इंच मोटी दीवार, रानी वास, कचहरी घर, कमल सरोवर, रानी लुकईयर का भुलभुलैया, गुप्त कमरा, गुंबद का भीतरी भाग में पशु चित्र, घोड़ा, सिंहों से उत्कीर्ण परिपूर्ण आकृति, चारों कोनों पर शीर्ष गुबंदनुमा स्तंभों पर बड़े बड़े नाग लिपटे, जगन्नाथ मंदिर, भैरव मंदिर, कपिलनाथ मंदिर, मंदिर के गर्भगृह में बड़े आकार की मूर्ति, धोबी मठ, दीवारों पर मनोहारी चित्रकारी.

कैसे जायें और कहां ठहरें

यह सिसई प्रखंड में है. सिसई से पांच, गुमला से 32 व रांची से 65 किमी दूर है. यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है. डोइसागढ़ तक जाने के लिए पक्की सड़क है. आसपास गांव है. यहां ठहरने व खाने पीने की व्यवस्था नहीं है. होटल सिसई में है. लेकिन सिसई में ठहरने की व्यवस्था नहीं है. ठहरने के लिए गुमला व रांची के होटलों में रुका जा सकता है. यहां सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक घूम फिर सकते हैं.

परेशानी हो, तो यहां करें संपर्क

गुमला एसडीपीओ : 9431706202

सिसई थाना : 9431706214

प्रभात खबर गुमला : 7004243637

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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