कोलकाता.
आगामी विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश भाजपा ने अपने पुराने नेताओं को फिर से सक्रिय करने के लिए विशेष पहल शुरू की है. इसी क्रम में हाल ही में पार्टी कार्यालय में कई बैठकों का आयोजन किया गया. हालांकि, इस पूरी कवायद के बीच पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष को एक बार फिर भाजपा के एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का निमंत्रण नहीं मिला, जिससे पार्टी के भीतर ही सवाल उठने लगे हैं. जानकारी के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्तावित आगमन से पहले बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर भाजपा के पुराने नेताओं के पुनर्मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के पुराने और निष्क्रिय नेताओं को फिर से सक्रिय करना बताया जा रहा है. इस पुनर्मिलन कार्यक्रम में 2021 के विधानसभा चुनाव में पार्टी उम्मीदवार रहे नेता, पूर्व प्रदेश पदाधिकारी और पूर्व जिलाध्यक्षों को आमंत्रित किया गया था. लेकिन सूत्रों के मुताबिक, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष को इस कार्यक्रम का निमंत्रण नहीं दिया गया. इसे लेकर पार्टी के पुराने नेताओं के एक वर्ग में नाराजगी देखी जा रही है और नेतृत्व की रणनीति पर सवाल खड़े किये जा रहे हैं. पार्टी नेतृत्व की ओर से इस मुद्दे पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है





