Advertisement
Home/Badi Khabar/Chanakya Niti: रिश्तों में बार-बार धोखा मिल रहा है? कहीं आप ये गलती तो नहीं कर रहे

Chanakya Niti: रिश्तों में बार-बार धोखा मिल रहा है? कहीं आप ये गलती तो नहीं कर रहे

13/12/2025
Chanakya Niti: रिश्तों में बार-बार धोखा मिल रहा है? कहीं आप ये गलती तो नहीं कर रहे
Advertisement

Chanakya Niti: अक्सर लोग शिकायत करते हैं कि भला करने के बाद भी उन्हें बदले में धोखा ही मिलता है. आखिर ऐसा क्यों होता है? चाणक्य नीति मानव स्वभाव की इसी सच्चाई को उजागर करती है. आचार्य चाणक्य ने हजारों साल पहले बताया था कि लोग अच्छाई को भावना से नहीं, बल्कि स्वार्थ से देखते हैं. जानिए चाणक्य नीति के अनुसार भरोसा, सीमाएं और आत्मसम्मान क्यों जरूरी हैं.

Chanakya Niti: क्या आपके साथ हुआ है कभी हुआ है कि आपने किसी की मदद की या निभाया तो आपको धोखा ही मिला है. दरअसल ये शिकायत ज्यादातर लोगों की होती है. ऐसे लोग हमेशा एक ही सवाल ही पूछते हैं कि हमें इसके बदले में अच्छा फल क्यों नहीं मिला. ये सिर्फ आज के दौर की कहानी नहीं है. हजारों साल पहले भी समाज इसी मनोवृत्ति से जूझ रहा था. इसके पीछे लोग कई तरह की वजहें गिनाते हैं. लेकिन महान अर्थशास्त्री और नीति-शास्त्र के ज्ञाता आचार्य चाणक्य ने मानव के इस स्वभाव को लेकर हजारों साल पहले गहरी बातें कही थीं, जो आज के समय में भी उतनी ही प्रासंगिक हैं.

क्या कहती है चाणक्य नीति मनुष्य के इस स्वभाव पर?

चाणक्य नीति के अनुसार, हर व्यक्ति अच्छाई को उसकी भावना से नहीं, बल्कि अपने स्वार्थ और लाभ के नजरिये से देखता है. जब तक किसी को आपसे फायदा मिलता है, तब तक वह आपके साथ अच्छा व्यवहार करता है. लेकिन जैसे ही स्वार्थ पूरा हो जाता है या आपको कमजोर समझ लिया जाता है तो वही व्यक्ति बुरा व्यवहार करने लगता है. चाणक्य स्पष्ट कहते हैं कि अत्यधिक उपकार करने वाला व्यक्ति भी अंततः उपेक्षा का पात्र बन जाता है.”

Also Read: Chanakya Niti Quotes in Hindi: बस गांठ बांध लो चाणक्य नीति के प्रेरणादायक विचार फिर हर मुश्किल लगेगी आसान

अच्छाई को कमजोरी समझ लेने की भूल

चाणक्य नीति के अनुसार, बार-बार बिना सीमा के मदद करना लोगों के मन में यह भावना पैदा कर देता है कि आप हमेशा उपलब्ध रहेंगे. धीरे-धीरे आपकी अच्छाई को कमजोरी मान लिया जाता है. यही वजह है कि कई बार लोग उसी व्यक्ति को सबसे ज्यादा चोट पहुंचाते हैं, जिसने उनके लिए सबसे ज्यादा किया होता है.

सम्मान और डर का संतुलन जरूरी

चाणक्य कहते हैं कि समाज में केवल अच्छा होना पर्याप्त नहीं है. व्यक्ति में सम्मान के साथ-साथ सीमाओं का डर भी होना चाहिए. जहां केवल दया होती है और आत्मसम्मान नहीं, वहां लोग फायदा उठाने से नहीं चूकते. इसलिए चाणक्य नीति सिखाती है कि इंसान को ना जरूरत से ज्यादा कठोर बनना चाहिए और ना ही जरूरत से ज्यादा नरम.

हर किसी पर भरोसा करना क्यों खतरनाक है

चाणक्य नीति में यह भी चेतावनी दी गयी है कि हर मुस्कुराता चेहरा आपका शुभचिंतक नहीं होता. कुछ लोग आपकी अच्छाई को केवल अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करते हैं. ऐसे लोगों से दूरी बनाना ही बुद्धिमानी मानी गयी है.

Also Read: Chanakya Niti: धोखा देने वाले दोस्त के चेहरे को इन 5 तरीकों से पहचानें, कोबरा से भी खतरनाक होती है इसकी मुस्कुराहट

संबंधित टॉपिक्स
Sameer Oraon

लेखक के बारे में

Sameer Oraon

Contributor

इंटरनेशनल स्कूल ऑफ बिजनेस एंड मीडिया से बीबीए मीडिया में ग्रेजुएट होने के बाद साल 2019 में भारतीय जनसंचार संस्थान दिल्ली से हिंदी पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा किया. 5 साल से अधिक समय से प्रभात खबर में डिजिटल पत्रकार के रूप में कार्यरत हूं. इससे पहले डेली हंट में भी बतौर प्रूफ रीडर एसोसिएट के रूप में भी काम किया. झारखंड के सभी समसमायिक मुद्दे खासकर राजनीति, लाइफ स्टाइल, हेल्थ से जुड़े विषय पर लिखने और पढ़ने में गहरी रूचि है. तीन साल से अधिक समय से झारखंड डेस्क पर काम किया. फिर लंबे समय तक लाइफ स्टाइल डेस्क पर भी काम किया. इसके अलावा स्पोर्ट्स में भी गहरी रूचि है. और पढ़ें

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Download from Google PlayDownload from App Store
Advertisement
Sponsored Linksby Taboola
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement