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सरकारी कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, इस राज्य में 11% तक बढ़ गया डीए

सरकारी कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, इस राज्य में 11% तक बढ़ गया डीए
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DA Hike: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दशहरा से पहले कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है. सरकार ने पांचवें और छठे वेतन आयोग के कर्मचारियों व पेंशनधारकों के महंगाई भत्ते (डीए) में बढ़ोतरी को मंजूरी दी है. पांचवें वेतनमान पर वेतन पाने वालों का डीए 455% से बढ़ाकर 466% और छठे वेतनमान वालों का डीए 246% से बढ़ाकर 252% कर दिया गया है. इससे लाखों कर्मचारियों और पेंशनधारकों को प्रतिमाह 1,200 से 2,200 रुपये तक अतिरिक्त लाभ मिलेगा.

DA Hike: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दशहरा से पहले लाखों कर्मचारियों को तोहफा देते हुए महंगाई भत्ते (डीए) में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है. उत्तराखंड की धामी सरकार ने पांचवें वेतन आयोग और छठे वेतन आयोग के आधार पर वेतन पाने वाले कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते में अलग-अलग तरीके से बढ़ोतरी की है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सार्वजनिक निकायों और उपक्रमों के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है.

कब से मिलेगा बढ़े डीए का लाभ

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पांचवें केंद्रीय वेतनमान में वेतन पाने वाले सार्वजनिक निकायों और उपक्रमों के कर्मचारियों के लिए 01 जनवरी, 2025 से महंगाई भत्ते की वर्तमान दर को 455% से बढ़ाकर 466% करने और छठे केंद्रीय वेतनमान में वेतन पाने वाले सार्वजनिक निकायों और उपक्रमों के कर्मचारियों के लिए 01 जनवरी, 2025 से महंगाई भत्ते की वर्तमान दर को 246% से बढ़ाकर 252% करने को मंजूरी दी है.

कैसे की जाती है डीए की गणना

डीए (महंगाई भत्ता) कर्मचारियों और पेंशनधारकों को महंगाई की दर से राहत देने के लिए दिया जाता है. इसकी गणना महंगाई दर (सीपीआई–कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स) पर आधारित होती है. डीए अलग-अलग कर्मचारियों के लिए अलग नियम से तय होता है. केंद्रीय सरकारी कर्मचारी के लिए बेस ईयर (2001=100 या 2016=100) के आधार पर औसत सीपीआई (इंडस्ट्रियल वर्कर) लिया जाता है.

राज्यों में कैसे की जाती है डीए की गणना

राज्यों में डीए की गणना केंद्र सरकार की घोषणा पर आधारित होती है. अधिकांश राज्य (यूपी, एमपी, राजस्थान, बिहार, झारखंड, ओडिशा, केरल आदि) केंद्र सरकार की ही डीए दरें लागू करते हैं, लेकिन कुछ हफ्तों या महीनों की देरी से इसकी मंजूरी दी जाती है. कुछ राज्य (तमिलनाडु, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल) केंद्र सरकार की दर को आधार बनाकर अपने हिसाब से डीए तय करते हैं, लेकिन प्रतिशत आमतौर पर वही रहता है. डीए का भुगतान राज्य कर्मचारियों और राज्य पेंशनर्स को भी बेसिक सैलरी और पेंशन पर प्रतिशत के रूप में दिया जाता है.

मान लीजिए कि केंद्र सरकार ने 50% घोषित डीए घोषित किया है, तो जिन राज्यों ने इसे स्वीकार किया है, वे अपने कर्मचारियों की बेसिक सैलरी का 50% डीए देंगे. अगर किसी कर्मचारी का बेसिक पे 30,000 रुपये है, तो 15,000 रुपये डीए के तौर पर मिलेगा.

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उत्तराखंड के कर्मचारियों को कितना फायदा होगा

उत्तराखंड में पांचवें वेतन आयोग के आधार पर सैलरी पाने वाले कर्मचारियों के लिए डीए में 11% बढ़ोतरी की गई है. अब अगर किसी सरकारी कर्मचारी का बेसिक सैलरी 20,000 रुपये है, तो उसे 11% के हिसाब से करीब 2,200 रुपये का फायदा होगा. वहीं, छठे वेतन आयोग के आधार पर सैलरी पाने वालों के लिए सरकार ने महंगाई भत्ते में 6% की बढ़ोतरी की है, तो उन्हें 20,000 बेसिक सैलरी के आधार पर 1,200 रुपये प्रति माह का फायदा होगा.

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KumarVishwat Sen

लेखक के बारे में

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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं. और पढ़ें

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