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डेट म्यूचुअल फंड में आ गई बाढ़, अक्टूबर में 1.6 लाख करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो दर्ज

डेट म्यूचुअल फंड में आ गई बाढ़, अक्टूबर में 1.6 लाख करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो दर्ज
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Debt Mutual Fund Investments: अक्टूबर 2025 में डेट म्यूचुअल फंड्स में 1.6 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश आया, जिसमें लिक्विड और ओवरनाइट फंड्स ने सबसे मजबूत बढ़त दर्ज की. एम्फी की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार डेट फंड्स का एयूएम बढ़कर 19.51 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया. मनी मार्केट और कॉरपोरेट बॉन्ड फंड्स में भी अच्छा प्रवाह रहा, जबकि हाई-रिस्क डेट फंड्स में रुचि कमजोर रही. इक्विटी फंड्स में भी 24,690 करोड़ रुपये का निवेश दर्ज हुआ, जो सितंबर से थोड़ा कम है.

Debt Mutual Fund Investments: भारत में कर्ज आधारित डेट म्यूचुअल फंड में निवेश की बाढ़ आ गई. अक्टूबर 2025 में डेट म्यूचुअल फंड में भारी निवेश देखने को मिला है. सुनिश्चित आय वाले इन फंड्स में शुद्ध निवेश 1.6 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो मुख्य रूप से लिक्विड और ओवरनाइट फंड कैटेगरी में तेज प्रवाह का परिणाम है. सितंबर में जहां डेट फंड्स ने 1.02 लाख करोड़ रुपये की निकासी झेली थी, अक्टूबर में निवेशकों की धारणा पूरी तरह बदल गई और बाजार में मजबूत वापसी देखने को मिली.

डेट फंड एयूएम में 10% उछाल

एम्फी (एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया) की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, इस निवेश प्रवाह ने डेट फंड्स के कुल प्रबंधन-अधीन परिसंपत्तियों (एयूएम) को बढ़ाकर 19.51 लाख करोड़ रुपये कर दिया. यह आंकड़ा सितंबर के 17.8 लाख करोड़ रुपये से लगभग 10% अधिक है, जो सितंबर के अंत में हुई तिमाही समापन निकासी के बाद निवेशकों की मजबूत वापसी को दर्शाता है.

ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद से निवेशक सतर्क

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया की विश्लेषक नेहल मेश्राम के अनुसार, निवेशक अब आने वाले महीनों में ब्याज दरों में संभावित कटौती के समय और गति को लेकर अधिक स्पष्टता का इंतजार करेंगे. यही वजह है कि फिलहाल प्रवाह लिक्विड, मनी मार्केट और उच्च-गुणवत्ता वाले एक्रुअल फंड्स में केंद्रित रहने की संभावना है, जहां जोखिम अपेक्षाकृत कम माना जाता है.

16 में से 10 डेट कैटेगरी में पॉजिटिव इनफ्लो

एम्फी ने बताया कि अक्टूबर में डेट फंड्स की 16 में से 10 कैटेगरी में सकारात्मक प्रवाह देखा गया. उसने बताया कि लिक्विड फंड में सबसे अधिक 89,375 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो देखा गया, जो सितंबर की 66,042 करोड़ रुपये की निकासी के बिल्कुल विपरीत है. वहीं, ओवरनाइट फंड में 24,051 करोड़ रुपये का प्रवाह रहा, जो संस्थागत निवेशकों की मजबूत वापसी का संकेत है. मनी मार्केट फंड में 17,916 करोड़ रुपये का मजबूत इनफ्लो रहा और कॉरपोरेट बॉन्ड फंड का निवेश प्रवाह 5,121 करोड़ रुपये पर स्थिर रहा. इन सभी कैटेगरी में निवेशकों ने कम जोखिम और उच्च लिक्विडिटी वाले विकल्पों को प्राथमिकता दी.

रिस्क-ओरिएंटेड डेट फंड्स में निवेश धीमा

दूसरी ओर, हाई-यील्ड या उच्च जोखिम वाले डेट फंड्स में रुचि कमजोर रही. वैश्विक ब्याज दरों में अस्थिरता और अनिश्चित आर्थिक परिस्थितियों के चलते निवेशकों ने निम्न-रेटिंग वाले बॉन्ड्स से दूरी बनाए रखी. लंबे समय के बॉन्ड यील्ड में उतार-चढ़ाव जारी रहने से भी इस श्रेणी का प्रदर्शन दबाव में रहा.

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इक्विटी फंड्स में भी निवेश बढ़ा, लेकिन सितंबर से कम

अक्टूबर में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में 24,690 करोड़ रुपये का शुद्ध प्रवाह दर्ज किया गया. हालांकि, यह निवेश सितंबर के 30,421 करोड़ रुपये की तुलना में करीब 9% कम रहा, लेकिन लगातार पॉजिटिव इनफ्लो निवेशकों के भरोसे को मजबूत दर्शाता है.

भाषा इनपुट के साथ

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KumarVishwat Sen

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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं. और पढ़ें

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