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आधा भारत नहीं जानता क्या है महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट, जान जाएगा तो पतियों की जेब मिलेगी खाली

आधा भारत नहीं जानता क्या है महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट, जान जाएगा तो पतियों की जेब मिलेगी खाली
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Mahila Samman Savings Certificate: महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट योजना 2023 भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक विशेष लघु बचत योजना है, जो महिलाओं और बालिकाओं को वित्तीय रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी. इसमें 7.5% वार्षिक ब्याज, 2 वर्ष की परिपक्वता अवधि और 2 लाख रुपये तक की एकमुश्त जमा की सुविधा मिलती है. यह योजना सुरक्षित निवेश और बचत की आदत को बढ़ावा देती है. यह योजना 1 अप्रैल 2025 से बंद कर दी गई है.

Mahila Samman Savings Certificate: बचत करने के मामले में महिलाओं का कोई सानी नहीं है. उन्हें पता होता है कि पति की जेब से पैसा कैसे निकाला जाता है, लेकिन अधिकतर महिलाओं को यह पता नहीं है कि सरकार ने उनके लिए महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट योजना की शुरुआत कर दी है. अगर उन्हें इस बात का पता चल जाए, तो देश के अधिकतर पतियों की जेबें सुबह खाली मिलेंगी. बाद में पूछने पर पता चलेगा कि वह पैसा बचत योजना में लग चुका है. आइए, जानते हैं कि महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट क्या है? इस पर महिलाओं को रिटर्न कितना मिलता है? कौन इसमें पैसा लगा सकता है और इसके लिए पात्र कौन है?

महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट क्या है?

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की आधकारिक वेबसाइट के अनुसार, भारत सरकार ने महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट की शुरुआत साल 2023 की थी. यह एक विशेष लघु बचत योजना है, जिसका उद्देश्य देश की महिलाओं और बालिकाओं को वित्तीय रूप से सशक्त बनाना और उनमें बचत की आदत विकसित करना है. यह योजना 1 अप्रैल 2023 से शुरू हुई थी और सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार 1 अप्रैल 2025 से बंद कर दी जाएगी.

महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट की पात्रता

इस योजना का लाभ केवल भारतीय निवासी महिला लाभार्थियों को ही दिया जा सकता है. इसमें आयु की कोई सीमा नहीं है. सबसे खास बात यह है कि नाबालिग लड़कियों के लिए भी खाता खोला जा सकता है, जिसकी ओर से उनके नेचुरल या कानूनी अभिभावक खाता संचालित करेंगे.

महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट के खाते का प्रकार

महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट योजना के अंतर्गत केवल एकल खाते की अनुमति है. नाबालिग बालिका के नाम पर खुले खाते उसके वयस्क होने तक अभिभावक द्वारा संचालित किए जाएंगे.

महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट डिपॉजिट लिमिट

  • न्यूनतम जमा राशि: 1,000 रुपये
  • अधिकतम सीमा: 2,00,000 रुपये
  • जमा केवल 100 रुपये के गुणकों में की जा सकती है.
  • एक खाताधारक कई खाते खोल सकता है, बशर्ते कुल जमा राशि 2 लाख रुपये से अधिक न हो.
  • दो खातों के बीच कम से कम 3 महीने का अंतर अनिवार्य है.
  • हर खाते में केवल एक बार ही निवेश की अनुमति होती है.

महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट पर रिटर्न

  • महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट योजना पर 7.5% प्रति वर्ष की चक्रवृद्धि ब्याज दर लागू होती है.
  • ब्याज का भुगतान तिमाही चक्रवृद्धि आधार पर किया जाता है और परिपक्वता या आंशिक निकासी के समय दिया जाता है.

महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट की परिपक्वता अवधि

इस योजना की परिपक्वता अवधि 2 वर्ष है, जो खाता खोलने की तारीख से गिनी जाती है. परिपक्वता के बाद पूरी राशि और ब्याज निकालना संभव है. जमा की तारीख से 1 वर्ष पूरे होने के बाद पात्र शेष राशि का अधिकतम 40% तक आंशिक निकासी की अनुमति है. आंशिक निकासी केवल एक बार की जा सकती है और वह भी परिपक्वता से पहले पैसे निकाल सकते हैं.

समयपूर्व समापन की शर्तें

समय से पहले खाता बंद करने की अनुमति कुछ विशेष स्थितियों में दी जाती है. इनमें खाताधारक की मृत्यु, जानलेवा बीमारी के इलाज के लिए और अभिभावक की मृत्यु शामिल हैं. इन मामलों में पूरी राशि और योजना के अनुसार ब्याज दिया जाता है. यदि अन्य किसी कारण से खाता बंद किया जाए (6 महीने बाद) तो मूल ब्याज दर से 2% कम ब्याज देय होगा.

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लाभकारी निवेश विकल्प

महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट योजना एक लघु अवधि, सुरक्षित और लाभकारी निवेश विकल्प है, जो महिलाओं को वित्तीय आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रोत्साहित करती है. सीमित समय के लिए उपलब्ध यह योजना महिलाओं के लिए ब्याज दर और लचीलापन के लिहाज से एक बेहतरीन विकल्प है.

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KumarVishwat Sen

लेखक के बारे में

KumarVishwat Sen

Contributor

कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं. और पढ़ें

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