Pollution: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के कारण हालात बेहद खराब हैं. वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक श्रेणी में बना हुआ है. प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी चिंता जाहिर कर चुका है और यह मामला संसद में भी उठ चुका है. सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद प्रदूषण के हालात में सुधार होता नहीं दिख रहा है. प्रदूषण से निपटने के लिए शुक्रवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश के प्रदूषण से निपटने की कार्य योजना की समीक्षा को लेकर एक उच्च-स्तरीय बैठक की. बैठक में नगर पालिका के प्रतिनिधि भी शामिल हुए और इसमें प्रदूषण से निपटने के उपायों पर विचार किया गया.
प्रदूषण से निपटने के लिए यह चौथी उच्च-स्तरीय बैठक थी, जिसमें पहले से तय मसलों पर विस्तृत चर्चा और कार्य योजना की समीक्षा हुई. बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता लगातार खराब बने रहने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अगले साल जनवरी से मंत्रालय स्तर पर तय कार्य योजना की हर महीने समीक्षा होगी. उन्होंने एनसीआर के तहत आने वाले शहर के लिए राज्य सरकार को प्रदूषण से निपटने के लिए भावी कार्य योजना तैयार करने को कहा. प्रदूषण से निपटने के लिए कार्य योजना के क्रियान्वयन में परेशानी को उच्च-स्तरीय अंतरराज्यीय बैठक में दूर करने का काम किया जाएगा.
बैठक में केंद्रीय मंत्री ने प्रदूषण से निपटने के लिए राज्य सरकार और नगर निगमों की ओर से पेश कार्य योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि हालात बेहतर होने से कार्य योजना के क्रियान्वयन में किसी तरह की कोताही नहीं बरतनी चाहिए. प्रदूषण नियमों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने पर जोर देते हुए कहा कि आम लोगों को सरकारी काम से परेशानी नहीं होनी चाहिए.
ट्रैफिक प्रबंधन को सुधारने पर दिया जोर
बैठक में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने ट्रैफिक जाम के लिए चिन्हित 62 जगहों पर बेहतर ट्रैफिक प्रबंधन करने के लिए कदम उठाने को कहा. साथ ही दिल्ली-एनसीआर ने कॉरपोरेट और औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने, पीक समय में ट्रैफिक को कम करने के लिए कार्यालय और व्यापारिक संस्था के कामकाज के समय में बदलाव लाने को कहा. व्यस्त रूट पर सार्वजनिक परिवहन सेवा को बेहतर बनाने, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, नोएडा में अवैध और प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और इन शहरों में त्वरित गति से इंटीग्रेटेड स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को लागू करने का निर्देश दिया.
मंत्री ने दिल्ली-एनसीआर में अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी बेहतर करने के लिए राज्य के अधिकारियों को दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के साथ मिलकर योजना बनाने और सड़कों के किनारे दस दिनों के अंदर अवैध अतिक्रमण हटाने को कहा. सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने के लिए एक साल का ठेका देने और बारिश के दौरान जलभराव से निपटने के लिए ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने पर जोर दिया.
बैठक में पर्यावरण मंत्रालय के सचिव, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के प्रमुख के अलावा सड़क परिवहन, भारी उद्योग और दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारी मौजूद रहे. साथ ही दिल्ली मेट्रो के प्रमुख, नगर निगम के प्रमुख अधिकारी, दिल्ली पुलिस, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, दिल्ली विकास प्राधिकरण के अलावा नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद के जिलाधिकारी, केंद्रीय और राज्य प्रदूषण बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.







