डीएम ने अधिकारियों के साथ की समीक्षा, दिये आवश्यक निर्देश
औरंगाबाद शहऱ कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी अभिलाषा शर्मा की अध्यक्षता में उत्तर कोयल नहर जलाशय परियोजना (नॉर्थ कोयल रिजर्वायर प्रोजेक्ट–बिहार अंश) से संबंधित संपूर्ण परियोजना कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक के दौरान परियोजना से जुड़े अभियंताओं ने पीपीटी प्रस्तुतीकरण के माध्यम से परियोजना की वर्तमान स्थिति, कार्य प्रगति, वितरण प्रणाली तथा भावी कार्ययोजना की विस्तृत जानकारी दी. अभियंताओं ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि झारखंड से बिहार में लगभग 2750 क्यूसेक पानी की एंट्री सुनिश्चित करने के लिए नहर एवं वितरण प्रणाली को सुदृढ़ रूप से विकसित किया जा रहा है. कैनाल पर निर्मित विभिन्न संरचनाओं के माध्यम से जल प्रवाह की प्रक्रिया को प्रभावी ढंग से संचालित किया जाएगा. प्रस्तुतीकरण के दौरान बताया गया कि परियोजना के अंतर्गत बिहार अंश में राइट मेन कैनाल की कुल लंबाई 77.69 किलोमीटर है, जिस पर 162 विभिन्न संरचनाओं का निर्माण किया जाना है. इनमें एक्वाडक्ट, एसपी, एसएलआरबी, डीएलआरबी, एचआर एवं सीआर जैसी संरचनाएं शामिल हैं. इसके अतिरिक्त औरंगाबाद एवं गया जिलों में फुट ब्रिज का भी निर्माण किया जा रहा है. परियोजना के तहत लगभग 700 किलोमीटर लंबी वितरण प्रणाली विकसित की जा रही है. इसमें राइट मेन कैनाल से निकलने वाली 23 वितरण नहरें नवीनगर, अंबा, औरंगाबाद एवं मदनपुर प्रमंडलों में लगभग 500 किलोमीटर लंबाई में तथा गया प्रमंडल में चार वितरण नहरें लगभग 200 किलोमीटर लंबाई में प्रस्तावित हैं. इसके साथ ही वितरण प्रणाली से निकलने वाले कुल 41 वाटर कोर्स एवं सब-माइनर का निर्माण लगभग 50 किलोमीटर लंबाई में किया जाना है. बैठक में कैनाल लाइनिंग कार्य चक्र, कैनाल संरचना कार्य, वितरण प्रणाली का स्कीमैटिक ट्री डायग्राम तथा कार्यों की अद्यतन प्रगति की जानकारी दी गई, जिसमें लगभग 30.43 प्रतिशत कार्य पूर्ण एवं 69.57 प्रतिशत कार्य शेष बताया गया. साथ ही परियोजना के क्रियान्वयन में आने वाली प्रमुख चुनौतियों एवं उनके समाधान पर भी विस्तृत चर्चा की गयी. जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों एवं कार्य एजेंसियों को निर्देश दिया कि परियोजना के सभी कार्य आपसी समन्वय के साथ निर्धारित समय-सीमा में तथा उच्च गुणवत्ता मानकों के अनुरूप पूर्ण किए जाएं, ताकि क्षेत्र के किसानों को समय पर सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सके और कृषि उत्पादन में वृद्धि के साथ क्षेत्रीय विकास को गति मिल सके.भूमि अधिग्रहण की स्थिति की भी समीक्षा
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने परियोजना के विभिन्न पैकेजों की प्रगति, भूमि अधिग्रहण की स्थिति, रैयती एवं गैर-रैयती भू-स्वामियों को भुगतान की प्रगति तथा लंबित कार्यों की समीक्षा की. उन्होंने नवीनगर, मदनपुर, अंबा, औरंगाबाद एवं गया प्रमंडलों में भूमि अधिग्रहण की वर्तमान स्थिति, लंबित प्रक्रियाएं, रैयतीकरण, सरकारी भूमि हस्तांतरण, रैयती दावों के सत्यापन तथा अधियाचनाओं की स्वीकृति में आ रही बाधाओं का गहन परीक्षण किया. औरंगाबाद जिले में परियोजना के कुल नौ पैकेज हैं, जिनकी कुल लंबाई 77.69 किलोमीटर है. अधिग्रहणीय भूमि 41.251 हेक्टेयर है, जिसमें अब तक 36.21 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जा चुकी है, जबकि 5.0328 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण लंबित है. नवीनगर उत्तर कोयल प्रमंडल में कुल 12.2483 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण पूर्ण कर लिया गया है. अंबा में 7.078 हेक्टेयर में से 6.7297 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित है और 0.2655 हेक्टेयर शेष है. औरंगाबाद में 8.210 हेक्टेयर में से 5.638 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित है, जबकि 2.4728 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण लंबित है. मदनपुर में कुल 5.338 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण पूर्ण हो चुका है. गया में 8.3776 हेक्टेयर में से 6.0831 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित है और 2.2945 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण लंबित है. जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि शेष लंबित भूमि अधिग्रहण कार्य दो दिनों के भीतर हर हाल में पूर्ण किया जाए. रैयतों को भुगतान में पारदर्शिता एवं त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाये. साथ ही सभी पैकेजों की प्रगति रिपोर्ट नियमित रूप से अद्यतन कर जिला कार्यालय को उपलब्ध कराई जाये. बैठक में अपर समाहर्ता अनुग्रह नारायण सिंह, अपर जिला भू-अर्जन पदाधिकारी उपेंद्र पंडित, सदर डीसीएलआर श्वेतांक लाल, वरीय उप समाहर्ता रितेश कुमार यादव, संबंधित अंचलाधिकारी एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है





