उचकागांव. स्थानीय प्रखंड क्षेत्र से होकर गुजरने वाले हथुआ-भटनी रेलखंड में कुचायकोट-मैरवा सड़क पर बनाया गया रेलवे अंडरपास अब मौत का कुआं बन गया है. इस रेलवे अंडर पास में आये दिन लोग जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं. रेलवे इंटर पास से गुजरने वाले राहगीरों को सबसे अधिक परेशानी अहले सुबह हो रही है, जब रात में पानी का जलजमाव हो जाता है. वहीं इस रेलवे अंडरपास से गुजरने वाली छोटी गाड़ी लेकर जाने वाले राहगीरों को जान जोखिम में पड़ रही है. इससे बड़ी अनहोनी की आशंका बनी हुई है. लेकिन इस रेलवे अंडरपास की इस विकराल समस्या पर नहीं पथ निर्माण विभाग दे रहा है और ना ही रेलवे की ओर से कोई पहल की जा रही है. जबकि इस रेलवे पास से आये दिन अधिकारियों का आना–जाना लगा रहता है. जानकार बताते हैं कि अंडर पास में जमा हुए पानी की उड़ाही के लिए दिन में पंप सेट चलता है. लेकिन शाम होने के बाद पूरी रात अंडरपास में पानी भरते रहता है, जिसके कारण यह समस्या विकराल रूप लेती जा रही है. स्थानीय लोगों का मानना है कि अंडरपास के लिए बनायी गयी सड़क में दरार आ गयी है, जिसके कारण बाहर से हमेशा पानी का रिसाव होकर अंडरपास में पानी भर जाता है. इसके लिए रेलवे और पथ निर्माण विभाग को समस्या की समाधान के लिए पहल करनी चाहिए.
केस स्टडी एक
फुलवरिया प्रखंड के सेलार खुर्द गांव निवासी कारोबारी प्रतीक पाठक सोमवार की अहले सुबह कार पर सवार होकर अपने गांव से निकलकर लाइन बाजार से श्यामपुर बाजार के रास्ते गोपालगंज जा रहे थे. इस दौरान उनका परिवार भी गाड़ी में था. जैसे ही उनकी गाड़ी अंडर पास में पहुंची, तो बोनट तक पानी भर गया. जिसके बाद कड़ी मशक्कत के बाद गाड़ी को बाहर निकाल कर उन्हों ने अपने बच्चों और परिवार की जान बचायी.
केस स्टडी दो
उचकागांव थाने में पदस्थापित एक दारोगा गाड़ी लेकर रात के समय आ रहे थे. इस दौरान अंडरपास में कमर तक पानी भरा हुआ था. इससे उनको उन्हें अंदाजा नहीं मिल पाया और गाड़ी अंडरपास में पहुंचते ही फंस गयी. लेकिन उन्होंने सूझ–बूझ से काम लिया और गाड़ी को किसी तरह बाहर निकाल कर अपनी जान बचायी.
केस स्टडी तीनपैकौली नारायण गांव निवासी चुन्नू आलम के गांव में एक महिला की तबीयत खराब हो गयी थी. उन्हें इलाज के लिए उचकागांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए लेकर जा रहे थे. जैसे ही बरगछिया रेलवे अंडरपास में पहुंचे, तो उनकी गाड़ी में पानी भरने लगा. इसके बाद उन्हें अंडरपास में पानी भरने का अंदाजा लगा. बाद में चालक ने गाड़ी को बाहर निकाला और ब्रह्माइण गांव की ओर से मरीज को अस्पताल पहुंचाया गया.
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