ठंड में किसान जुगाड़ उपाय से चार से पांच दिन में उगा सकते है सब्जी के पौधे

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ठंड में किसान जुगाड़ उपाय से चार से पांच दिन में उगा सकते है सब्जी के पौधे

ठंड में किसान जुगाड़ उपाय से कम से कम दिनों सब्जियों के पौधे आसान तरीके से लगाकर अपनी आमदनी दोगुनी तीगुनी कर सकते हैं. इसके लिए किसान को जुगाड़ उपाय करना होगा.

बांस और पॉलीथिन से पॉलीहाउस बनाकर चार से पांच दिन में उगा सकते है सब्जी के पौधे

इस विधि को अपनाने से किसान कर सकते है अच्छी कमाई, पॉलीहाउस में कम ठंड एवं पर्याप्त धूप से जल्दी उगता है पौधा

लखीसराय. ठंड में किसान जुगाड़ उपाय से कम से कम दिनों सब्जियों के पौधे आसान तरीके से लगाकर अपनी आमदनी दोगुनी तीगुनी कर सकते हैं. इसके लिए किसान को जुगाड़ उपाय करना होगा. जुगाड़ उपाय से किसान तीन से चार दिनों में सब्जियों के बीज डालकर पौधे आसान तरीके से उगा सकते हैं. इससे किसानों को अच्छी कमाई हो सकती है. किसानों को इसके लिए अधिक रकबा खेत भी नहीं चाहिए. किसान कट्ठा दो कट्ठा में भी सब्जियों का पौधा तैयार कर बाजार में बेच सकते हैं. इसके लिए किसानों को बांस और पॉलीथिन के साथ रस्सी या तार को जरूरत पड़ सकती है. किसानों को एक दो बांस एवं कुछ पॉलीथिन की जरूरत पड़ेगी. बांस एवं पॉलीथिन से पॉलीहाउस तैयार करेंगे. गोल घेरा जैसा पॉलीथिन एवं बांस तैयार कर पॉलीहाउस तैयार हो जायेगा. जिसके अंदर प्लास्टिक में मिट्टी डालकर उसमें बीज डालकर पौधा तैयार कर लेंगे. पॉलीहाउस में पौधे ठंड से बचते हैं एवं पाला एवं झुलसा रोग नहीं लगता है. साथ ही पर्याप्त मात्रा में धूप भी मिल जाता है. इस तरह का प्रायोगिक अभी तक जिला में शुरू नहीं किया गया और न ही कृषि विभाग के द्वारा इस पर पहल किया गया है, हालांकि इसमें बहुत कम लागत में किसानों को अच्छा मुनाफा हो सकता है. एक महीना में एक दो कट्ठा में बने पॉलीहाउस में पांच से छह बार अधिक संख्या में सब्जियों का पौधा तैयार कर बाजार में बेचा जा सकता है. इस तरह की पहल पुराने किसानों के द्वारा दूसरे जिला में शुरू किया गया है. जहां किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.

बोले कृषि वैज्ञानिक

केवीके के कृषि वैज्ञानिक सुधीर चंद्र ने बताया कि लखीसराय जिले में पॉलीहाउस से नर्सरी लगा था. जिसमें लो टेंपरेचर में पौधा तैयार होता था, लेकिन 10 अप्रैल को आंधी में पॉली हाउस नष्ट हो गया. उन्होंने कहा कि जिले में पॉलीहाउस नहीं है. यदि किसान इस दिशा में काम करें तो वह कम लागत में भी छोटे भूखंड में तैयार कर पौधा उगा सकते हैं.

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