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IDBI Bank Privatization: मार्च 2026 तक प्राइवेट हाथों में चला जाएगा आईडीबीआई बैंक, सरकार ने शुरू की प्रक्रिया

Prabhat Khabar
26 Dec, 2025
IDBI Bank Privatization: मार्च 2026 तक प्राइवेट हाथों में चला जाएगा आईडीबीआई बैंक, सरकार ने शुरू की प्रक्रिया

IDBI Bank Privatization: सरकार ने आईडीबीआई बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया तेज कर दी है और रणनीतिक बिक्री मार्च 2026 तक पूरी होने की उम्मीद जताई गई है. यह कदम विकसित भारत 2047 लक्ष्य के तहत बैंकिंग सुधारों का हिस्सा है. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एकीकरण, वैश्विक स्तर पर मजबूत बैंकों के निर्माण और विदेशी निवेश की बढ़ती रुचि के बीच आईडीबीआई बैंक का निजीकरण भारतीय बैंकिंग सेक्टर के लिए बड़ा बदलाव साबित हो सकता है.

IDBI Bank Privatization: सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के आईडीबीआई बैंक (इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया) के निजीकरण की प्रक्रिया को औपचारिक रूप से आगे बढ़ा दिया है. निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दिपम) के सचिव अरुणिश चावला ने संकेत दिया है कि बैंक की रणनीतिक बिक्री मार्च 2026 तक पूरी किए जाने की उम्मीद है. यह कदम सरकार की दीर्घकालिक बैंकिंग सुधार रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है.

सरकार की रणनीतिक बिक्री योजना

आईडीबीआई बैंक में सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की संयुक्त हिस्सेदारी 95% से अधिक है. सरकार इस हिस्सेदारी को बेचकर बैंक को निजी हाथों में सौंपना चाहती है. रणनीतिक बिक्री के जरिए न केवल सरकारी बोझ कम होगा, बल्कि बैंक को पेशेवर प्रबंधन और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुरूप ढालने में भी मदद मिलेगी.

विकसित भारत 2047 और बैंकिंग सुधार

सरकार ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए बैंकिंग सेक्टर को मजबूत करने पर जोर दिया है. इसके तहत अधिक बड़े, मजबूत और विश्वस्तरीय बैंकों के निर्माण की योजना बनाई जा रही है. इसी कारण सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एकीकरण और निजीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है.

वित्त मंत्री के बयान से मिले संकेत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने ही कहा था कि भारत को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने वाले कई बड़े बैंकों की जरूरत है. उन्होंने स्पष्ट किया था कि इस दिशा में काम पहले ही शुरू हो चुका है. सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ बातचीत भी शुरू कर दी है, जिससे आने वाले समय में और विलय या संरचनात्मक बदलावों के संकेत मिलते हैं.

भारत में कुल 12 सरकारी बैंक

इस समय भारत में 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कार्यरत हैं. परिसंपत्तियों के आधार पर दुनिया के टॉप 50 बैंकों में भारत से केवल भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ही शामिल है, जो वैश्विक स्तर पर 43वें स्थान पर है. इसके बाद निजी क्षेत्र का एचडीएफसी बैंक 73वें स्थान पर आता है. यह आंकड़े दर्शाते हैं कि भारत को वैश्विक स्तर पर और मजबूत बैंकिंग संस्थानों की जरूरत है.

पहले ही हो चुका है बड़े पैमाने पर बैंकों का विलय

सरकार इससे पहले दो चरणों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एकीकरण कर चुकी है. इस प्रक्रिया में बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 रह गई. यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स का पंजाब नेशनल बैंक में विलय किया गया. सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक में, इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में, जबकि आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में विलय हुआ. इससे पहले देना बैंक और विजया बैंक को बैंक ऑफ बड़ौदा में शामिल किया गया था.

सार्वजनिक बैंकों के मुनाफे में ऐतिहासिक उछाल

सुधारों और बेहतर परिसंपत्ति गुणवत्ता के चलते सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2025-26 के अंत तक दो लाख करोड़ रुपये के ऐतिहासिक स्तर को पार करने की उम्मीद है. सरकारी बैंकों की वित्तीय स्थिति पहले की तुलना में कहीं अधिक मजबूत हुई है.

प्राइवेट बैंकों में विदेशी निवेश की बढ़त

प्राइवेट बैंकों में विदेशी निवेश का तेज प्रवाह देखने को मिला है. जापान की सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन (एसएमबीसी) ने यस बैंक में 20% हिस्सेदारी 13,483 करोड़ रुपये में खरीदने का फैसला किया, जो सितंबर में पूरा हुआ. वहीं, संयुक्त अरब अमीरात के एमिरेट्स एनबीडी बैंक ने आरबीएल बैंक में 60% हिस्सेदारी 26,853 करोड़ रुपये में खरीदने की घोषणा की है.

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भारत के वित्तीय क्षेत्र की बदलेगी तस्वीर

आईडीबीआई बैंक का निजीकरण और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का संभावित एकीकरण भारत की बैंकिंग व्यवस्था को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है. आने वाले वर्षों में यह प्रक्रिया देश के वित्तीय क्षेत्र की तस्वीर बदल सकती है.

भाषा इनपुट के साथ

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