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झारखंड के 4 विश्वविद्यालयों में NEP लागू करने में मार्गदर्शन करेगा IIT ISM धनबाद

झारखंड के 4 विश्वविद्यालयों में NEP लागू करने में मार्गदर्शन करेगा IIT ISM धनबाद
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IIT ISM Dhanbad: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने आइआइटी आइएसएम धनबाद को झारखंड के चार विश्वविद्यालयों में नयी शिक्षा नीति (NEP 2020) लागू करने के लिए नोडल एजेंसी नियुक्त किया है. डीन एकेडमिक प्रोफेसर एमके सिंह को नोडल अधिकारी बनाया गया है. वे राज्य के चार विश्वविद्यालयों का मार्गदर्शन करेंगे.

IIT ISM Dhanbad: धनबाद-झारखंड के उच्च शिक्षा परिदृश्य में बड़ा बदलाव लाने की दिशा में कदम उठाते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने आइआइटी (आइएसएम) धनबाद को झारखंड के चार विश्वविद्यालयों में नयी शिक्षा नीति (NEP) के अनुपालन के लिए नोडल एजेंसी नियुक्त किया है. इनमें धनबाद का बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय (बीबीएमकेयू), दुमका का सिदो-कान्हू विश्वविद्यालय, हजारीबाग का विनोबा भावे विश्वविद्यालय और पलामू का नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय शामिल है. इस कार्य को आगे बढ़ाने के लिए आइआइटी आइएसएम के डीन एकेडमिक प्रोफेसर एमके सिंह को नोडल अधिकारी बनाया गया है. वे इन विश्वविद्यालयों को नयी शिक्षा नीति (New Education Policy) लागू करने में मार्गदर्शन देंगे. इसके साथ ही इस प्रक्रिया में आ रही व्यावहारिक चुनौतियों से केंद्र को अवगत करायेंगे.

हो चुकी हैं तीन बैठकें


आइआइटी आइएसएम ने अब तक इन विश्वविद्यालयों के साथ तीन बैठकें हुई हैं. इसमें एनइपी को जमीनी स्तर पर लागू करने की रणनीति पर चर्चा हुई. खासकर विश्वविद्यालयों में ग्रॉस एनरॉलमेंट रेशियो बढ़ाने, मल्टी-डिसिप्लिनरी और वोकेशनल कोर्स लागू करने, रिसर्च सुविधाओं को मजबूत बनाने और पाठ्यक्रम की गुणवत्ता सुधारने के उपाय सुझाये गये. बैठकों में यह भी सामने आया कि विश्वविद्यालयों को नयी शिक्षा नीति के शत-प्रतिशत अनुपालन में कई व्यावहारिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. शिक्षकों की भारी कमी, स्मार्ट क्लासरूम और आधुनिक प्रयोगशालाओं का अभाव, डिजिटल लाइब्रेरी की सीमित उपलब्धता जैसी समस्याएं प्रमुख हैं. वहीं, ग्रामीण कॉलेजों में तो आधारभूत ढांचा भी पर्याप्त नहीं है. इससे नीति को लागू करना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है.

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की मंशा

मंत्रालय चाहता है कि आइआइटी धनबाद जैसी राष्ट्रीय स्तर की संस्था की विशेषज्ञता का लाभ राज्य के विश्वविद्यालयों को मिले. इसके माध्यम से न केवल शिक्षण और अनुसंधान की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि विश्वविद्यालयों की वास्तविक परेशानियां भी सीधे केंद्र तक पहुंचेंगी, ताकि ठोस समाधान तलाशा जा सके.

नयी शिक्षा नीति लागू करने में देना है मार्गदर्शन-प्रो एमके सिंह


आईआईटी आईएसएम के डीन एकेडमिक प्रो एमके सिंह ने कहा कि हमें बतौर नोडल एजेंसी इन चारों विश्वविद्यालयों को नयी शिक्षा नीति लागू करने में मार्गदर्शन देना है. साथ ही इनके समक्ष आ रही व्यावहारिक कठिनाइयों से केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को अवगत कराना भी हमारी जिम्मेदारी है.

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Guru Swarup Mishra

लेखक के बारे में

Guru Swarup Mishra

Contributor

मैं गुरुस्वरूप मिश्रा. फिलवक्त डिजिटल मीडिया में कार्यरत. वर्ष 2008 से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत. आकाशवाणी रांची में आकस्मिक समाचार वाचक रहा. प्रिंट मीडिया (हिन्दुस्तान और पंचायतनामा) में फील्ड रिपोर्टिंग की. दैनिक भास्कर के लिए फ्रीलांसिंग. पत्रकारिता में डेढ़ दशक से अधिक का अनुभव. रांची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में एमए. 2020 और 2022 में लाडली मीडिया अवार्ड. और पढ़ें

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