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The Family Man के लिए कम पैसे मिलने पर मनोज बाजपेयी ने तोड़ी चुप्पी, कहा- ‘सस्ते मजदूर बनकर रह गए है’

31/07/2025
The Family Man के लिए कम पैसे मिलने पर मनोज बाजपेयी ने तोड़ी चुप्पी, कहा- ‘सस्ते मजदूर बनकर रह गए है’

The Family Man: बॉलीवुड के पॉपुलर एक्टर मनोज बाजपेयी इन दिनों अपनी मोस्ट अवेटेड वेब सीरीज द फैमिली मैन को लेकर सुर्खियों में है. इसी बीच उनका एक पुराना इंटरव्यू बहुत वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने अपनी फीस को लेकर ओटीटी के कई राज खोले है.

The Family Man: बॉलीवुड के दमदार एक्टर मनोज बाजपेयी इन दिनों अपनी पॉपुलर वेब सीरीज ‘द फैमिली मैन 3’ को लेकर सुर्खियों में हैं. इस सीरीज का दर्शक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और इसका टीजर भी ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज कर दिया गया है. खबरों के मुताबिक, मनोज बाजपेयी ने इस सीजन के लिए करीब 20 करोड़ रुपये फीस ली है. लेकिन इसी बीच उनका एक पुराना इंटरव्यू सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने ओटीटी इंडस्ट्री को लेकर कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए हैं.

मेरे पास पैसा नहीं है…

यह इंटरव्यू यूट्यूब शो ‘अनफिल्टर्ड विद समदिश’ का है, जिसमें मनोज ने बातचीत में बताया कि उन्हें उनकी मेहनत के हिसाब से पैसा नहीं मिलता. उन्होंने साफ कहा, “मेरे पास पैसा नहीं है. कोई भी ‘भोसले’ और ‘गली गुलियां’ जैसी फिल्म करके अमीर नहीं हो सकता.” जब इंटरव्यू लेने वाले समदिश ने पूछा कि ‘आपको फैमिली मैन जैसे बड़े शो के लिए क्या शाहरुख या सलमान जैसी फीस नहीं मिलती?’ इस पर मनोज ने कहा, “नहीं मिलती. ओटीटी प्लेटफॉर्म्स भी आजकल के प्रोड्यूसर्स जैसे हो गए हैं. ये पैसा नहीं देते. अगर कोई इंटरनेशनल स्टार आ जाए, तो उसे दिल खोलकर पैसा देते हैं. लेकिन हम जैसे भारतीय कलाकारों को कम पैसे में ही काम करवाते हैं.”

सस्ते मजबूर बनकर रह गए है…

मनोज बाजपेयी ने आगे कहा, “अगर किसी विदेशी एक्टर को ‘सीरीज’ करनी हो, तो उसे करोड़ों में फीस देते हैं. लेकिन हमें उसी काम के कम पैसे मिलते हैं. ये लोग सोचते हैं कि भारत में तो सस्ते कलाकार मिल जाते हैं. जैसे बड़ी-बड़ी ब्रांड्स चीन में फैक्ट्री लगाते हैं क्योंकि वहां सस्ते मजदूर मिलते हैं, वैसे ही हम भी इन ओटीटी वालों के लिए सस्ते मजदूर बनकर रह गए हैं.” उनके इस बयान पर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है. कुछ लोगों को लगता हैं कि मनोज जैसे बड़े कलाकार को ज्यादा सम्मान और फीस मिलनी चाहिए, तो कुछ लोगों का कहना है कि इंटरनेशनल लेवल की मार्केटिंग और फंडिंग भारतीय ओटीटी पर अभी भी कम है, इसलिए फीस का अंतर होता है.

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Shreya Sharma

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मैं श्रेया शर्मा, पिछले 8 महीनों से प्रभात खबर डिजिटल में एंटरटेनमेंट बीट पर काम कर रही हूँ. टीवी, ओटीटी, फिल्मों, भोजपुरी और सेलिब्रिटी खबरों को कवर करती हूँ. ट्रेंडिंग विषयों को आसान भाषा में रोचक और भरोसेमंद अंदाज में पाठकों तक पहुंचाना मेरा उद्देश्य है. और पढ़ें

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