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हम फैसले से संतुष्ट नहीं- कुणाल घोष

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आरजी कर दुष्कर्म और हत्या मामले में सियालदह कोर्ट ने दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई है. इसपर टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा कि ‘हम कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं. कोर्ट ने उन मामलों में मौत की सजा दी थी जो पश्चिम बंगाल पुलिस के अधीन थे. आरजी कर मामला सीबीआई के अधीन था, इस कारण उम्रकैद की सजा सुनाई गई. उन्होंने भी यह कहा की अगर जांच कोलकाता पुलिस करती तो दोषी को उम्र कैद के बदले फांसी की सजा होती.

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#WATCH | Sealdah Court sends convict in RG Kar rape-murder case, Sanjay Roy to life imprisonment | In Kolkata, TMC leader Kunal Ghosh says, "We are not satisfied with the verdict of the Court. The court gave death sentences in those cases which were under West Bengal police. The… pic.twitter.com/MiW4W2Fydq

— ANI (@ANI) January 20, 2025
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सियालदह की कोर्ट ने सुनाई उम्र कैद की सजा

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सियालदह की अदालत ने दोषी संजय रॉय को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में प्रशिक्षु चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. सियालदह के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास की अदालत ने यह फैसला सुनाया. दोषी संजय रॉय को पिछले साल 9 अगस्त को अस्पताल में स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ हुए जघन्य अपराध के मामले में दोषी करार दिया था. इस घटना के बाद पूरे देश में अभूतपूर्व और लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन हुए थे. जस्टिस दास ने फैसला सुनाते हुए कहा कि यह अपराध दुर्लभ से दुर्लभतम श्रेणी में नहीं आता है इस कारण दोषी को मृत्युदंड नहीं दिया गया है.

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Also Read: RG Kar Case : संजय रॉय को कोर्ट ने सुनाई उम्र कैद की सजा, सीबीआई ने कहा था- फांसी दी जाए

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RG Kar Case: 'फैसले से संतुष्ट नहीं', बोली ममता बनर्जी, 'केस हमारे हाथ होता तो मिलती फांसी की सजा'

Prabhat Khabar
20 Jan, 2025
RG Kar Case: 'फैसले से संतुष्ट नहीं', बोली ममता बनर्जी, 'केस हमारे हाथ होता तो मिलती फांसी की सजा'

RG Kar Case: पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि हमें नहीं पता कि जांच कैसे की गई. राज्य पुलिस की ओर से जांच किए गए ऐसे ही कई मामलों में मौत की सजा सुनिश्चित की गई है. मैं फैसले से संतुष्ट नहीं हूं.

RG Kar Case: आरजी कर अस्पताल दुष्कर्म और हत्याकांड मामले में कोर्ट के फैसले से पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने नाखुशी जाहिर की है. आजीवन कारावास की सजा सुनाये जाने पर असंतोष जताते हुए उन्होंने सोमवार को दावा किया कि जांच का जिम्मा कोलकाता पुलिस के पास होता तो निश्चित रूप से मौत की सजा सुनिश्चित की होती. मुर्शिदाबाद में मीडिया से बात करते हुए सीएम ममता बनर्जी मामले में सीबीआई जांच पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि हम सभी ने दोषी के लिए मृत्युदंड की सजा की मांग की थी, लेकिन अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई. ममता बनर्जी ने कहा कि केस सीबीआई ने कोलकाता पुलिस से जबरन अपने हाथों में लिया.

हम जांच करते तो मौत की सजा होती – ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि ‘हमें नहीं पता कि जांच कैसे की गई. राज्य पुलिस की ओर से जांच किये गए ऐसे ही कई मामलों में मौत की सजा सुनिश्चित की गई. मैं फैसले से संतुष्ट नहीं हूं.’ उन्होंने कहा कि मुझे सजा के बारे में मीडिया से पता चला है. हमने हमेशा मौत की सजा की मांग की है और हम इस पर कायम हैं. हालांकि, यह अदालत का फैसला है और मैं इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कह सकती. तीन अन्य मामलों में, राज्य पुलिस ने मौत की सजा सुनिश्चित की है. गहन जांच के माध्यम से 54 से 60 दिनों के भीतर सजा दी गई. यह एक गंभीर मामला था. अगर यह हमारे दायरे में होता, तो हम बहुत पहले ही मौत की सजा सुनिश्चित कर देते.’

हम फैसले से संतुष्ट नहीं- कुणाल घोष

आरजी कर दुष्कर्म और हत्या मामले में सियालदह कोर्ट ने दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई है. इसपर टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा कि ‘हम कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं. कोर्ट ने उन मामलों में मौत की सजा दी थी जो पश्चिम बंगाल पुलिस के अधीन थे. आरजी कर मामला सीबीआई के अधीन था, इस कारण उम्रकैद की सजा सुनाई गई. उन्होंने भी यह कहा की अगर जांच कोलकाता पुलिस करती तो दोषी को उम्र कैद के बदले फांसी की सजा होती.

सियालदह की कोर्ट ने सुनाई उम्र कैद की सजा

सियालदह की अदालत ने दोषी संजय रॉय को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में प्रशिक्षु चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. सियालदह के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास की अदालत ने यह फैसला सुनाया. दोषी संजय रॉय को पिछले साल 9 अगस्त को अस्पताल में स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ हुए जघन्य अपराध के मामले में दोषी करार दिया था. इस घटना के बाद पूरे देश में अभूतपूर्व और लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन हुए थे. जस्टिस दास ने फैसला सुनाते हुए कहा कि यह अपराध दुर्लभ से दुर्लभतम श्रेणी में नहीं आता है इस कारण दोषी को मृत्युदंड नहीं दिया गया है.

Also Read: RG Kar Case : संजय रॉय को कोर्ट ने सुनाई उम्र कैद की सजा, सीबीआई ने कहा था- फांसी दी जाए

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