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पहले चरण की सफलता, अब बड़ा विस्तार

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पिंक बस सेवा की शुरुआत पहले चरण में पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, दरभंगा और पूर्णिया जैसे प्रमुख शहरों में की गई थी. वर्तमान में 20 से अधिक पिंक बसें इन जिलों में चल रही हैं. यात्रियों की सकारात्मक प्रतिक्रिया और बढ़ती मांग को देखते हुए अब दूसरे चरण में 110 से अधिक बसों को राज्य के अन्य जिलों में चलाने की योजना बनाई गई है. परिवहन विभाग का लक्ष्य है कि धीरे-धीरे सभी जिलों में यह सेवा उपलब्ध कराई जाए.

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महिला ड्राइवरों की भर्ती

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इस योजना का एक अहम पहलू महिला ड्राइवरों की नियुक्ति है. जिन जिलों में पिंक बसों का संचालन हो रहा है, वहां के डीटीओ कार्यालयों में महिला ड्राइवरों से आवेदन लिए जा रहे हैं. विभाग ने यह भी तय किया है कि चयनित सभी महिला ड्राइवरों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे तकनीकी रूप से दक्ष होने के साथ-साथ आपात स्थितियों से निपटने में भी सक्षम हों. यह कदम महिलाओं को रोजगार देने और परिवहन क्षेत्र में उनकी भागीदारी बढ़ाने की दिशा में अहम माना जा रहा है.

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महिलाओं सुरक्षा पर खास जोर

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पिंक बसें पूरी तरह महिला यात्रियों के लिए आरक्षित हैं. बसों में महिला कंडक्टरों की तैनाती की गई है, जिससे यात्रियों को अतिरिक्त सुरक्षा का भरोसा मिलता है. तकनीकी सुविधाओं के लिहाज से भी इन बसों को आधुनिक बनाया गया है. जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम, पैनिक बटन, सीसीटीवी कैमरे और इमरजेंसी अलार्म जैसी व्यवस्थाएं हर बस में की गई हैं. इससे न सिर्फ रियल टाइम मॉनिटरिंग संभव होती है, बल्कि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मदद भी मिल सकती है.

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पिंक बसों में कुल 22 आरामदायक सीटें उपलब्ध हैं और हर सीट के पास मोबाइल चार्जिंग की सुविधा दी गई है. इसके अलावा फर्स्ट एड बॉक्स जैसी बुनियादी जरूरतों का भी ध्यान रखा गया है. ये बसें सीएनजी से संचालित हैं, जिससे प्रदूषण कम होता है और पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलता है.

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एक सेवा, कई संदेश

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नालंदा से शुरू होने जा रही पिंक बस सेवा यह संकेत देती है कि बिहार में सार्वजनिक परिवहन सिर्फ आवागमन का साधन नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव का माध्यम भी बन रहा है. महिलाओं की सुरक्षा, सुविधा और स्वावलंबन को एक साथ जोड़ती यह पहल आने वाले समय में राज्य के परिवहन तंत्र की नई पहचान बन सकती है.

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Also Read: विक्रमशिला में स्लीपर का दिल्ली का किराया 610, जानिए गरीब रथ, अंग और जमालपुर-हावड़ा एक्सप्रेस का क्या है हाल

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Pink Bus In Bihar: नए साल से नालंदा में दौड़ेंगी पिंक बसें, पटना समेत कई जिलों में महिला ड्राइवरों की भर्ती शुरू

Prabhat Khabar
27 Dec, 2025
Pink Bus In Bihar: नए साल से नालंदा में दौड़ेंगी पिंक बसें, पटना समेत कई जिलों में महिला ड्राइवरों की भर्ती शुरू

Pink Bus In Bihar: नए साल के पहले दिन नालंदा की सड़कों पर जब पिंक बसें उतरेंगी, तो यह सिर्फ एक नई परिवहन सेवा नहीं होगी, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत संदेश भी होगा.

Pink Bus In Bihar: बिहार में महिलाओं की सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा को लेकर परिवहन विभाग ने एक और बड़ा कदम उठाया है. 1 जनवरी से नालंदा जिले में दो नई पिंक बस सेवाओं की शुरुआत होने जा रही है. इस सेवा का शुभारंभ मंत्री श्रवण कुमार करेंगे.

पहले चरण में सफल संचालन के बाद अब दूसरे चरण की तैयारी तेज कर दी गई है, जिसमें 110 से अधिक पिंक बसें विभिन्न जिलों में उतारी जाएंगी. इसके साथ ही पटना समेत अन्य जिलों में महिला ड्राइवरों की नियुक्ति प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है.

नालंदा में नए साल की शुरुआत

परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार नालंदा में शुरू होने वाली पिंक बस सेवा खास तौर पर घरेलू कामकाजी महिलाओं और छात्राओं को ध्यान में रखकर डिजाइन की गई है. रोजमर्रा की यात्रा में सुरक्षा सबसे बड़ी चिंता होती है और इसी जरूरत को देखते हुए यह पहल की गई है. विभाग का मानना है कि पिंक बसें महिलाओं को न सिर्फ सुरक्षित यात्रा का अनुभव देंगी, बल्कि सार्वजनिक परिवहन के प्रति उनका भरोसा भी बढ़ाएंगी.

पहले चरण की सफलता, अब बड़ा विस्तार

पिंक बस सेवा की शुरुआत पहले चरण में पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, दरभंगा और पूर्णिया जैसे प्रमुख शहरों में की गई थी. वर्तमान में 20 से अधिक पिंक बसें इन जिलों में चल रही हैं. यात्रियों की सकारात्मक प्रतिक्रिया और बढ़ती मांग को देखते हुए अब दूसरे चरण में 110 से अधिक बसों को राज्य के अन्य जिलों में चलाने की योजना बनाई गई है. परिवहन विभाग का लक्ष्य है कि धीरे-धीरे सभी जिलों में यह सेवा उपलब्ध कराई जाए.

महिला ड्राइवरों की भर्ती

इस योजना का एक अहम पहलू महिला ड्राइवरों की नियुक्ति है. जिन जिलों में पिंक बसों का संचालन हो रहा है, वहां के डीटीओ कार्यालयों में महिला ड्राइवरों से आवेदन लिए जा रहे हैं. विभाग ने यह भी तय किया है कि चयनित सभी महिला ड्राइवरों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे तकनीकी रूप से दक्ष होने के साथ-साथ आपात स्थितियों से निपटने में भी सक्षम हों. यह कदम महिलाओं को रोजगार देने और परिवहन क्षेत्र में उनकी भागीदारी बढ़ाने की दिशा में अहम माना जा रहा है.

महिलाओं सुरक्षा पर खास जोर

पिंक बसें पूरी तरह महिला यात्रियों के लिए आरक्षित हैं. बसों में महिला कंडक्टरों की तैनाती की गई है, जिससे यात्रियों को अतिरिक्त सुरक्षा का भरोसा मिलता है. तकनीकी सुविधाओं के लिहाज से भी इन बसों को आधुनिक बनाया गया है. जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम, पैनिक बटन, सीसीटीवी कैमरे और इमरजेंसी अलार्म जैसी व्यवस्थाएं हर बस में की गई हैं. इससे न सिर्फ रियल टाइम मॉनिटरिंग संभव होती है, बल्कि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मदद भी मिल सकती है.

पिंक बसों में कुल 22 आरामदायक सीटें उपलब्ध हैं और हर सीट के पास मोबाइल चार्जिंग की सुविधा दी गई है. इसके अलावा फर्स्ट एड बॉक्स जैसी बुनियादी जरूरतों का भी ध्यान रखा गया है. ये बसें सीएनजी से संचालित हैं, जिससे प्रदूषण कम होता है और पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलता है.

एक सेवा, कई संदेश

नालंदा से शुरू होने जा रही पिंक बस सेवा यह संकेत देती है कि बिहार में सार्वजनिक परिवहन सिर्फ आवागमन का साधन नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव का माध्यम भी बन रहा है. महिलाओं की सुरक्षा, सुविधा और स्वावलंबन को एक साथ जोड़ती यह पहल आने वाले समय में राज्य के परिवहन तंत्र की नई पहचान बन सकती है.

Also Read: विक्रमशिला में स्लीपर का दिल्ली का किराया 610, जानिए गरीब रथ, अंग और जमालपुर-हावड़ा एक्सप्रेस का क्या है हाल

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