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Bihar News: धर्मेंद्र को मिली बिहार में नये प्रदेश अध्यक्ष तलाशने की जिम्मेदारी, इस ब्राह्मण नेता का नाम सबसे आगे

24/11/2025
Bihar News: धर्मेंद्र को मिली बिहार में नये प्रदेश अध्यक्ष तलाशने की जिम्मेदारी, इस ब्राह्मण नेता का नाम सबसे आगे
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Bihar News: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के मंत्री बनने के साथ ही सोशल मीडिया के सियासी गलियारे में यह चर्चा तेजी पकड़ चुकी है कि अब नए प्रदेश अध्यक्ष की तैनाती होना तय है. बिहार भाजपा को नया कप्तान कब मिलेगा यह तय नहीं है, लेकिन इतना तय है कि जब भी फैसला होगा, वह जाति, संगठन और सियासी रफ्तार तीनों के हिसाब से होगा.

Bihar News: पटना. बिहार में नयी सरकार बनने के बाद अब भाजपा पार्टी संगठन को नये सिरे से चुस्त-दुरुस्त करने जा रही है. वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के मंत्री बनने के बाद बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की तलाश शुरू हो गयी है. पार्टी के प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान को नये अध्यक्ष तलाशने की जिम्मेदारी मिलने की बात कही जा रही है. बिहार भाजपा का नया कप्तान कौन होगा, यह जल्द ही तय कर लिया जायेगा. बिहार में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बदलने की बात सामने आते ही कई नामों की चर्चा शुरू हो गयी है. सियासी गलियारे में इस बात को लेकर चर्चा चल रही है कि पार्टी इस बार किसी सवर्ण को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप सकती है. इसमें बिहार भाजपा के करीब आधा दर्जन सवर्ण नेताओं के नाम पर चर्चा हो रही है.

कायम रहेगी एक व्यक्ति एक पद की परंपरा

भाजपा की पुरानी परंपरा रही है कि पार्टी में एक आदमी, एक पद लेता है. वैसे जेपी नड्डा इस मामले में अपवाद रहे हैं. वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल को भी अध्यक्ष पद पाने के बाद नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा था. इस बार दिलीप जायसवाल एक बार फिर नीतीश कैबिनेट के सदस्य बनाये गये हैं. ऐसे में उनका अध्यक्ष पद से इस्तीफा होना तय माना जा रहा है. वैसे बिहार को नया कप्तान कब तक मिलेगा, इस पर जानकारों का कहना है कि जब तक राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो जाता, तब तक बिहार में यह बदलाव होता नहीं दिख रहा है. जेपी नड्डा का कार्यकाल लोकसभा चुनाव के बहाने बढ़ता गया था. अब पार्टी के भीतर यह चर्चा है कि अगले माह राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव भी हो सकता है. इसके साथ-साथ बिहार में फेरबदल भी होगा.

नीतिश मिश्रा का नाम सबसे आगे

प्रदेश अध्यक्ष के नाम को लेकर राजनीतिक गलियारे से लेकर सोशल मीडिया तक बहस तेज हैं. नाम, जातीय समीकरण, सियासी तजुर्बा, सभी एंगल पर लोग बात कर रहे हैं. प्रदेश अध्यक्ष बननेवाले नेताओं में सबसे आगे नीतीश मिश्रा का नाम है. नीतिश मिश्रा झंझारपुर से विधायक हैं और पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के बेटे हैं. नीतीश कुमार की पिछली सरकार में वो उद्योग मंत्री थे. इस बार उन्हें कैबिनेट में जगह नहीं दी गयी है. नीतिश मिश्रा के कैबिनेट में शामिल नहीं किये जाने से मिथिला का एक बड़ा तबका नाराज है. प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर दूसरा नाम जनक राम का है. दलित समाज से आने वाले जनक राम बसपा से 2013 में भाजपा में आए थे. जनक राम भी नीतीश कैबिनेट में दो बार मंत्री रह चुके हैं. इस बार उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर रखा गया है.

कई और नाम भी कतार में

इसी दौड़ में तीसरा नाम है संजीव चौरसिया पटना की दीघा सीट से लगातार तीसरी बार विधायक. परिवार का आरएसएस से गहरा नाता, पिता गंगा प्रसाद का भाजपा की शुरुआती रचना में बड़ा योगदान ये सारे तथ्य उन्हें संगठन की दिल्ली-प्रेमी लिस्ट में मजबूत जगह दिलाते हैं. मंत्री बनने की चर्चा थी, पर जब वह नहीं हुआ तो कयास बदल गए अब चर्चा है कि उनका नंबर प्रदेश संगठन में लग सकता है. चौथा बड़ा नाम है विवेक ठाकुर नवादा के भूमिहार सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी ठाकुर के बेटे. भूमिहार जाति के 22 विधायक एनडीए में जीतकर आए हैं, लेकिन नीतीश मंत्रिमंडल में सिर्फ दो को जगह मिली है. ऐसे में ब्रह्मर्षि समाज को साधने के लिए भाजपा नया अध्यक्ष इसी जाति से ला सकती है.

सोशल मीडिया पर जारी है बहस

सोशल मीडिया पर नीतिश मिश्रा को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करने को लेकर तेज बहस चल रही है. मिथिला के लोग उनके मंत्री नहीं बनने से दुखी और नाराज हैं. पार्टी के पक्षकारों का दावा है कि पार्टी ने उन्हें संगठन की राजनीति”के लिए बचाकर रखा है. पार्टी उनके लिए बड़ा सोच रही है. उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है. झंझारपुर से लगातार पांचवीं बार चुनाव जीत कर विधायक बने नीतीश मिश्रा का मिथिला की राजनीति में बड़ा कद है. मिथिला की 37 सीटों में एनडीए ने 31 सीटें जीती हैं यह बड़ा संकेत है कि इस इलाके को लेकर पार्टी में सियासी तवज्जो बढ़ना तय है. नीतीश कुमार की नयर कैबिनेट में कुल 5 दलित मंत्रियों में भाजपा कोटे से केवल लखेंद्र रौशन ही शामिल किये गये हैं. सोशल मीडिया पर कुछ लोगों का दावा है कि पार्टी संभवतः दलित समाज से नया प्रदेश अध्यक्ष दे सकती है, ऐसे में जनक राम मजबूत दावेदार बनते हैं.

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Ashish Jha

लेखक के बारे में

Ashish Jha

Contributor

डिजिटल पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश. वर्तमान में पटना में कार्यरत. बिहार की सामाजिक-राजनीतिक नब्ज को टटोलने के लिए प्रयासरत. देश-विदेश की घटनाओं और किस्से-कहानियों में विशेष रुचि. डिजिटल मीडिया के नए ट्रेंड्स, टूल्स और नैरेटिव स्टाइल्स को सीखने की चाहत. और पढ़ें

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