कसमार, कसमार प्रखंड के खुदीबेड़ा स्थित बिनोद बिहारी महतो चौक पर गुरुवार को झारखंड आंदोलन के प्रखर नेता बिनोद बिहारी महतो की 34वीं पुण्यतिथि मनायी गयी. मुख्य अतिथि गोमिया के पूर्व विधायक डॉ लंबोदर महतो ने कहा कि झारखंड सरकार द्वारा दिशोम गुरु शिबू सोरेन की जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय सराहनीय है, लेकिन सरकार को चाहिए कि बिनोद बिहारी महतो की जीवनी को भी स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करे, ताकि छात्र उनके विचारों और योगदान से परिचित हो सकें. उन्होंने राज्य सरकार से शिबू सोरेन के साथ-साथ बिनोद बिहारी महतो को भी भारत रत्न देने की अनुशंसा केंद्र सरकार से करने की मांग उठायी. उन्होंने कहा कि बिनोद बाबू ने झारखंडी अस्मिता, जल-जंगल-जमीन और सामाजिक न्याय के लिए आजीवन संघर्ष किया, जिसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना जरूरी है. डॉ महतो ने प्रतिमा स्थल का सौंदर्यीकरण कराने की बात भी की. इसके पूर्व अतिथियों, कार्यकर्ताओं व ग्रामीणों ने बिनोद बाबू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके संघर्षपूर्ण जीवन को स्मरण किया. इस दौरान सभी ने बिनोद बाबू के विचारों और संघर्षों को याद करते हुए उनके बताये मार्ग पर चलने तथा झारखंड आंदोलन के अधूरे सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया. मौके पर जिप सदस्य अमरदीप महाराज, रामसेवक जायसवाल, अशोक कुमार सिंह, महेंद्रनाथ महतो, उमेश कुमार महतो, उमेश कुमार जायसवाल, राजेश कुमार राय, डॉ जीतलाल महतो, पंकज कुमार जायसवाल, मनोज महतो, गुड्डू महतो, दशरथ महतो, जितेश भट्टाचार्य, सरोज महतो, सोमर महतो, चंद्रमोहन महतो, त्रिलोचन महतो, दुर्गाचरण महतो, सुरेश साव, धनुराम महतो, विजय महतो, ताराकांत महतो आदि मौजूद थे.
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