Panchak December 2025: हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पहले शुभ-अशुभ समय का विशेष ध्यान रखा जाता है. विवाह, गृह प्रवेश, यात्रा, खरीदारी जैसे कार्यों से पहले पंचांग देखना आवश्यक माना गया है. पंचक, भद्रा, राहुकाल और खरमास जैसे समय को आमतौर पर शुभ कार्यों के लिए वर्जित माना जाता है. इस समय दिसंबर का आखिरी सप्ताह चल रहा है, जब लोग क्रिसमस और नए साल की छुट्टियों की योजना बना रहे हैं. ऐसे में पंचक का पड़ना लोगों की चिंता बढ़ा सकता है.
पंचक कब से कब तक रहेगा?
दिसंबर माह में पंचक की शुरुआत
24 दिसंबर 2025, बुधवार को शाम 7 बजकर 47 मिनट से हो रही है.
पंचक की समाप्ति
29 दिसंबर 2025, सोमवार की सुबह 7 बजकर 41 मिनट पर होगी. इस तरह साल के अंतिम दिनों में पंचक के पूरे पांच अशुभ दिन पड़ रहे हैं.
पंचक क्यों लगता है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब चंद्रमा धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण से लेकर शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र के चारों चरणों में भ्रमण करता है, तब पंचक काल बनता है. यह स्थिति तब बनती है जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशि में गोचर करता है.
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क्या होता है राज पंचक?
जिस पंचक की शुरुआत सोमवार या बुधवार को होती है, उसे राज पंचक कहा जाता है. इस बार पंचक बुधवार से शुरू हो रहा है, इसलिए इसे राज पंचक माना जाएगा. राज पंचक को अपेक्षाकृत शुभ माना जाता है, खासकर सरकारी कार्यों, प्रशासनिक मामलों और संपत्ति से जुड़े कामों के लिए.
पंचक के अलग-अलग प्रकार भी होते हैं—
- मंगलवार से शुरू हो: अग्नि पंचक
- रविवार से शुरू हो: रोग पंचक
- शुक्रवार से शुरू हो: चोर पंचक
राज पंचक में क्या नहीं करना चाहिए?
पंचक काल में कुछ कार्य पूरी तरह वर्जित माने जाते हैं, भले ही वह राज पंचक ही क्यों न हो.
- घर में लकड़ी से संबंधित कार्य या वुडवर्क न कराएं
- लकड़ी जमा करना अशुभ माना जाता है
- चारपाई या पलंग बनवाने से बचें
- दक्षिण दिशा की यात्रा न करें
- घर की छत ढलवाने जैसे कार्य न कराएं
- मान्यता है कि इन कार्यों से धन हानि और परेशानियां बढ़ सकती हैं.
पंचक में क्या करना होता है शुभ?
पंचक काल में दान-पुण्य, जप-तप और पूजा-पाठ अत्यंत फलदायी माने जाते हैं. इस दौरान भगवान की आराधना करने से मानसिक शांति मिलती है और नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं. यदि यात्रा बहुत जरूरी हो, तो धार्मिक उपाय अपनाकर ही प्रस्थान करना शुभ माना जाता है. दिसंबर के अंत में आने वाला पंचक भले ही राज पंचक हो, लेकिन सावधानी जरूरी है. शुभ कार्यों को टालना और धार्मिक गतिविधियों में मन लगाना ही इस समय सबसे उत्तम उपाय माना गया है.












