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नरकटियागंज में कोहरे ने ली एक और जान, नहर में गिरी मसाला सप्लायर की बाइक, मौत

Prabhat Khabar
23 Dec, 2025
नरकटियागंज में कोहरे ने ली एक और जान, नहर में गिरी मसाला सप्लायर की बाइक, मौत

घने कोहरे और लापरवाही भरे इंतजामों ने एक बार फिर एक घर का सहारा छीन लिया.

नरकटियागंज . घने कोहरे और लापरवाही भरे इंतजामों ने एक बार फिर एक घर का सहारा छीन लिया. शिकारपुर थाना क्षेत्र के डीके शिकारपुर–इनरवा मुख्य पथ पर सोमवार की देर शाम मसाला सप्लाई कर घर लौट रहे एक युवक की बाइक अनियंत्रित होकर नहर में गिर गई. इस दर्दनाक हादसे में युवक की मौके पर ही मौत हो गई. मृतक की पहचान नरकटियागंज नगर परिषद के वार्ड संख्या एक निवासी स्वर्गीय साधूशरण श्रीवास्तव के पुत्र ललन श्रीवास्तव (48) के रूप में की गई है. ललन श्रीवास्तव किराना और मसाला सप्लाई का काम कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे.सोमवार को भी वह रोज की तरह इनरवा और आसपास के ग्रामीण इलाकों में सामान की सप्लाई और वसूली के लिए निकले थे. देर शाम कोहरे की चादर इतनी घनी हो चुकी थी कि सड़क और नहर का फर्क कर पाना मुश्किल था. इसी दौरान नहर पुल पर रेलिंग नहीं होने का खामियाजा उन्हें अपनी जान देकर चुकाना पड़ा.रात काफी बीत जाने के बाद भी जब ललन घर नहीं पहुंचे और मोबाइल फोन भी बंद मिला, तो परिजन चिंतित हो उठे. मंगलवार की सुबह राहगीरों ने इनरवा और डीके शिकारपुर गांव के बीच पुल के नीचे नहर में एक बाइक गिरी देखी. पास जाकर देखने पर युवक का शव पड़ा था. सूचना मिलते ही डीके शिकारपुर पंचायत के मुखिया राहुल जायसवाल मौके पर पहुंचे और शिकारपुर पुलिस को जानकारी दी. सूचना पर 112 पुलिस टीम मंगलवार सुबह घटनास्थल पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर थाना लाई. थानाध्यक्ष ज्वाला सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला सड़क दुर्घटना का प्रतीत होता है. शव को पोस्टमार्टम के लिए बेतिया भेज दिया गया है. जांच के दौरान बाइक की हेडलाइट और लेगार्ड टूटे हुए पाए गए, जबकि मृतक के सिर पर गंभीर चोट के निशान थे. बताया जाता है कि ललन की आंख में लकड़ी घुस गई थी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. ———————- तीन मासूमों के सर से उठा पिता का साया नरकटियागंज. नगर के वार्ड संख्या एक श्रीवास्तव कालोनी निवासी ललन श्रीवास्तव का शव मंगलवार की सुबह नहर में मिली. वो नगर के वार्ड संख्या एक में साठी बेलवा नहर के किनारे ही रहते थे. मंगलवार को जैसे ही यह मनहूस खबर वार्ड संख्या एक स्थित उनके घर पहुंची, वहां कोहराम मच गया. पत्नी रंजु देवी दहाड़ें मारकर रोने लगीं. घर के बाहर और आसपास का माहौल गमगीन हो गया. बड़े भाई और पूर्व पार्षद संजय श्रीवास्तव का रो-रोकर बुरा हाल था. उन्होंने बताया कि अगर नहर पुल पर रेलिंग होती, तो शायद उनके भाई की जान बच सकती थी.देर रात और सुनसान रास्ते के कारण ललन की चीख किसी ने नहीं सुनी और वह हमेशा के लिए अपनों से जुदा हो गए.ललन अपने पीछे पत्नी और तीन मासूम बच्चों को छोड़ गए हैं. बड़ा बेटा अतुल्य (6 वर्ष), उससे छोटा रिषु (4 वर्ष) और सबसे छोटी बेटी दिव्यांशी (3 वर्ष) है. परिवार के सामने अब रोजी-रोटी का भी संकट खड़ा हो गया है.

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