चनपटिया . महाराष्ट्र के नागपुर एमआईडीसी इलाके में स्थित सोलर पैनल निर्माण फैक्ट्री में विशाल पानी की टंकी फटने से मरे चनपटिया के लखौरा मिश्रौली गांव निवासी अरविंद कुमार ठाकुर (27) एवं बुलेट कुमार (24) का शव रविवार की रात उसके घर पहुंचा. दोनों का शव अलग-अलग एम्बुलेंस से आया. शव के पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था. शव को देखने के लिए भारी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ जुट गई. परिजनों को रोते देख आसपास के लोगो का भी धैर्य टूट रहा था. सभी की आंखें नम थी. सोमवार की सुबह शव को देखने के लिए कुछ देर तक घर पर रखा गया था. उसके बाद स्थिति भावुक होने पर लोगों ने आनन-फानन में दाह-संस्कार के लिए घर से आधे किलोमीटर दूर घाट पर ले गया. उससे पहले ग्रामीणों ने दाह-संस्कार का व्यवस्था करके रखे थे. मौत की सूचना के बाद परिजनों ने पिछले तीन दिनों से खाना-पीना नहीं खाया था. सभी शव के आने का इंतजार कर रहे थे. दोनों मृतकों के पिता ने अपने-अपने बेटे को मुखाग्नि दी. इसी बीच पश्चिम चंपारण के सांसद डॉ. संजय जायसवाल व पूर्व विधायक उमाकांत सिंह भी पहुंचे. चनपटिया के विधायक अभिषेक रंजन भी मृतकों के दाह-संस्कार में शामिल हुए. सांसद-विधायक ने शोकाकुल परिवार से मिलकर उन्हें सांत्वना दी और उनके हर सुख-दुख में शामिल होने का भरोसा दिलाया. उन्होंने कहा कि यह हृदय विदारक घटना है, इसकी जांच एवं मुआवजे की राशि दिलाने के लिए अधिकारियों से बात की जाएगी. मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मजदूरों के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से राशि देने का ऐलान किया है. नागपुर से शव के साथ पहुंचे मृतक अरविंद के चचेरे भाई संजीवन कुमार ने बताया कि अरविंद और बुलेट दोनों पिछले चार दिसंबर को नागपुर कमाने के लिए गए थे. वहां अरविंद बेल्डिंग का काम करता था तो वही बुलेट हेल्पर का काम करता था. दोनों की मौत टेस्टिंग के दौरान पानी की टंकी फटने से हो गई. घटना के बाद नागपुर के डीएम-एसपी समेत सभी अधिकारियों ने उनकी मदद की है. कंपनी ने दोनों मृतकों के दाह संस्कार के लिए परिजनों के खाते में एक-एक लाख रुपये सहयोग के तौर पर दिया है. बता दें कि गत 19 दिसंबर की सुबह करीब 11 बजे महाराष्ट्र के नागपुर में बुटीबोरी के महाराष्ट्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन रीजन में स्थित सोलर पैनल निर्माण फैक्ट्री में पानी की टंकी फटने से चनपटिया के दो सहित राज्य के छह मजदूरों की मौत हो गयी थी. हादसे के बाद नागपुर प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटे.
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