मुख्य चौक स्थित नई दुर्गा स्थान प्रांगण में संत पथिक सेवा समिति द्वारा आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन श्रद्धा और भक्ति का भाव चरम पर रहा. शुक्रवार को कथावाचक स्वामी सुबोधानंद जी महाराज ने कहा कि भागवत कथा का ज्ञान भगवान की भक्ति को सुलभ बनाता है. इसके श्रवण से मनुष्य दुःखों से मुक्त होकर आनंद की अनुभूति करता है. कथा के दौरान स्वामी सुबोधानंद जी महाराज ने कहा कि प्रत्येक मनुष्य के भीतर अपना कल्याण करने की आध्यात्मिक क्षमता निहित होती है, जिसे भागवत कथा के ज्ञान से जागृत किया जा सकता है. कहा कि भागवत ज्ञान से सांसारिक मोह का बंधन टूटता है और साधक वैराग्य की ओर अग्रसर होता है. सभी प्रकार की आसक्तियों से मुक्त होकर मनुष्य भक्ति भाव से ओत-प्रोत हो जाता है. कथावाचन के क्रम में संगीतमय भागवत प्रसंगों का वर्णन करते हुए स्वामी सुबोधानंद जी महाराज ने कहा कि दुख सहने की शक्ति भागवत कथा प्रदान करती है. प्रभु स्मरण और धैर्य से मनुष्य अपने दुःखों को दूर कर सकता है. कहा कि समस्त दुःखों का नाश भागवत कथा में निहित है. हरि और हर की कथा का विस्तार से वर्णन करते हुए उन्होंने बताया कि मन ही बंधन और मुक्ति का कारण है. मन को वश में करने से संसार के सभी दुःखों से मुक्ति संभव है. कथा के दौरान संगीतमय भजन और प्रवचनों से श्रद्धालु भावविभोर होते रहे. आयोजन को सफल बनाने में मुख्य यजमान सपत्निक भीम मोदी की अहम भूमिका रही. वहीं संत पथिक सेवा समिति के त्रिवेणी शर्मा, अरुण चौधरी, वासुदेव रामुका, कपिलकांत, विजय सिंह, शिवम कुमार, राजेश कुमार, रघुवीर शरण गुप्ता सहित अन्य कार्यकर्ता सक्रिय रूप से जुटे हैं.
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