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Bihar News: बिहार में मशरूम की खेती को मिलेगी रफ्तार! बिहार सरकार दे रही है 90% तक अनुदान, 24 दिसंबर तक है बड़ा मौका

Bihar News: बिहार में मशरूम की खेती को मिलेगी रफ्तार! बिहार सरकार दे रही है 90% तक अनुदान, 24 दिसंबर तक है बड़ा मौका

Bihar News: खेती अब सिर्फ खेतों तक सीमित नहीं रही. बिहार में किसान और युवा अब एक छोटे से कमरे या झोपड़ी में भी ऐसा कारोबार शुरू कर सकते हैं, जो कम लागत में अच्छी आमदनी का रास्ता खोल दे. मशरूम की खेती अब शौक नहीं, सरकार के सहारे मुनाफे का मॉडल बनती जा रही है.

Bihar News: किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार को मजबूती देने के लिए बिहार सरकार ने मशरूम उत्पादन को खास प्राथमिकता दी है. कृषि विभाग तीन अलग-अलग योजनाओं के जरिए मशरूम की खेती, प्रसंस्करण और विपणन को बढ़ावा दे रहा है.

इन योजनाओं में 90 प्रतिशत तक अनुदान, प्रशिक्षण और बाजार तक पहुंच का भरोसा दिया जा रहा है. इच्छुक किसान और युवा 24 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.

मशरूम किट से लेकर हट तक, सरकार का सीधा सहयोग

मशरूम किट और मशरूम हट योजना के तहत सरकार किसानों को पैडी, ऑयस्टर, बटन और बकेट मशरूम की किट उपलब्ध करा रही है. खास बात यह है कि इन किटों पर किसानों को 90 प्रतिशत तक अनुदान मिलता है. वहीं, मशरूम उत्पादन के लिए झोपड़ी या हट बनाने पर भी सरकार आधी लागत खुद वहन कर रही है. इससे छोटे और सीमांत किसानों के लिए शुरुआत करना आसान हो गया है.

मशरूम उत्पादन तभी लाभकारी है, जब उत्पाद सही समय पर और सही दाम पर बिके. इसी को ध्यान में रखते हुए मशरूम उत्पादन, कम्पोस्ट और स्पॉन से जुड़ी योजनाओं को राष्ट्रीय बागवानी मिशन से जोड़ा गया है. इसके तहत निजी और सार्वजनिक स्तर पर उत्पादन इकाइयों, कम्पोस्ट यूनिट और स्पॉन निर्माण इकाइयों को सहायता दी जा रही है. इससे किसानों को भंडारण, गुणवत्ता और विपणन की सुविधा मिल सकेगी.

एक लाख से शुरू होगा स्वरोजगार

कम लागत या छोटे पैमाने पर मशरूम उत्पादन इकाई योजना उन किसानों और युवाओं के लिए है, जो सीमित संसाधनों के साथ काम शुरू करना चाहते हैं. 28 जिलों में लागू इस योजना के तहत 200 वर्ग फुट में मशरूम यूनिट बनाई जा सकती है. कुल लागत दो लाख रुपये है, जिसमें सरकार एक लाख रुपये तक का अनुदान दे रही है. यह मॉडल खासकर बेरोजगार युवाओं के लिए आकर्षक माना जा रहा है.

कृषि विभाग का मानना है कि मशरूम उत्पादन से न केवल किसानों की आमदनी बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे. प्रसंस्करण और विपणन से जुड़े छोटे उद्योग गांवों में ही विकसित होंगे. इससे पलायन पर रोक लगेगी और राज्य के राजस्व में भी इजाफा होगा.

कैसे करें आवेदन

इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए किसानों को कृषि विभाग के पोर्टल या बिहार कृषि ऐप के जरिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा. आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल है, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और पात्र लाभार्थियों तक सहायता समय पर पहुंचे.

मशरूम की खेती अब प्रयोग नहीं, बल्कि सरकार समर्थित व्यवसाय बन चुकी है. अगर सही योजना और प्रशिक्षण के साथ किसान इस अवसर का लाभ उठाते हैं, तो कम जगह और कम लागत में भी स्थायी आय का मजबूत जरिया तैयार हो सकता है.

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Pratyush Prashant

लेखक के बारे में

Pratyush Prashant

Contributor

कंटेंट एडिटर और तीन बार लाड़ली मीडिया अवॉर्ड विजेता. जेंडर और मीडिया विषय में पीएच.डी. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल की बिहार टीम में कार्यरत. डेवलपमेंट, ओरिजनल और राजनीतिक खबरों पर लेखन में विशेष रुचि. सामाजिक सरोकारों, मीडिया विमर्श और समकालीन राजनीति पर पैनी नजर. किताबें पढ़ना और वायलीन बजाना पसंद. और पढ़ें

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