अपने पसंदीदा शहर चुनें

श्रद्धालुओं ने विष्णुपद मंदिर में की पूजा

Prabhat Khabar
15 Dec, 2025
श्रद्धालुओं ने विष्णुपद मंदिर में की पूजा

श्रद्धालुओं ने विष्णुपद मंदिर में की पूजा

उत्पन्ना एकादशी पर श्रद्धालुओं ने पितरों को किया पिंडदान फोटो- गया- देवघाट पर पिंडदान करते श्रद्धालु संवाददाता, गया जी सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है. इन्हीं में से उत्पन्ना एकादशी है. यह मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को आती है. यह एकादशी सभी एकादशियों की जन्मदात्री मानी जाती है. इसी पावन तिथि को मां एकादशी का प्राकट्य हुआ था. इस एकादशी पर सोमवार को देश के विभिन्न राज्यों से आये हजारों श्रद्धालुओं ने अपने पितरों को पिंडदान, श्राद्धकर्म व तर्पण का कर्मकांड संपन्न किया. साथ ही काफी श्रद्धालुओं ने परिवार की सुख समृद्धि व खुशहाली के लिए विष्णुपद मंदिर में पूजा-अर्चना की. माना जाता है कि इस दिन व्रत, उपवास और भक्ति करने से समस्त पापों का नाश होता है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है. पौराणिक कथा के अनुसार, उत्पन्न एकादशी के दिन भगवान विष्णु की कृपा से ‘एकादशी देवी’ का प्राकट्य हुआ, तभी से इस दिन को पापों का विनाश करने वाली तिथि के रूप में मनाया जाता है. स्कंद पुराण, पद्म पुराण व भविष्योत्तर पुराण में इसका विस्तार से वर्णन किया गया है. कहा जाता है कि इस एकादशी का व्रत व दान करने से व्रती को अश्वमेध यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है और भगवान विष्णु के परम धाम में स्थान मिलता है. साथ ही पितर भी प्रसन्न होते हैं. इसी मान्यता के तहत काफी श्रद्धालुओं ने देवघाट, विष्णुपद, अक्षयवट, सीताकुंड व अन्य वेदी स्थलों पर पिंडदान का कर्मकांड पूरा किया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Download from Google PlayDownload from App Store