अपने पसंदीदा शहर चुनें

साहित्य अपनी नैतिक शक्ति से समाज को बदलता है - कुलपति

Prabhat Khabar
11 Dec, 2025
साहित्य अपनी नैतिक शक्ति से समाज को बदलता है - कुलपति

मगध विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में मुंशी प्रेमचंद की प्रतिमा का अनावरण

मगध विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में मुंशी प्रेमचंद की प्रतिमा का अनावरण

वरीय संवाददाता, बोधगया.

मगध विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर हिंदी विभाग में महान कथाकार, युग प्रवर्तक साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद की प्रतिमा का अनावरण गुरुवार को गरिमामयी एवं साहित्यिक वातावरण में किया गया. इस अवसर पर एक दिवसीय अनावरण समारोह, शैक्षिक संगोष्ठी व सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन, कुलगीत तथा मुख्य अतिथियों के स्वागत-अभिनंदन के साथ हुआ. अतिथियों को अंगवस्त्र, पुष्पगुच्छ तथा स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया. स्वागत भाषण में विभाग के अध्यक्ष प्रो ब्रजेश कुमार राय ने मुंशी प्रेमचंद के साहित्यिक अवदान का उल्लेख करते हुए विभाग की वर्तमान शैक्षणिक गतिविधियों तथा प्रगति का संक्षिप्त परिचय भी प्रस्तुत किया. कुलसचिव डॉ बिनोद कुमार मंगलम ने प्रेमचंद साहित्य तथा प्रगतिशील आंदोलन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर विस्तृत विचार व्यक्त किये. उन्होंने बताया कि 1935-36 में पेरिस में हुए साहित्यिक विमर्शों तथा प्रोग्रेसिव राइटर्स मूवमेंट ने भारतीय साहित्य पर गहरा प्रभाव डाला. 1936 में प्रगतिशील लेखक संघ की स्थापना के बाद साहित्य और समाज के संबंधों को नयी दिशा मिली. प्रेमचंद का स्पष्ट मत था कि साहित्य राजनीति से अलग अपनी नैतिक शक्ति से समाज को बदलता है. उन्होंने सामाजिक परिवर्तन को आर्थिक परिवर्तन की पूर्व शर्त बताते हुए कहा कि साहित्य समाज के सुधार में निर्णायक भूमिका निभाता है. बीडी कॉलेज पटना की प्राचार्य प्रो रत्ना अमृत कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हो सकीं, किंतु उनके द्वारा भेजे विशेष ऑडियो संदेश को सभागार में प्रस्तुत किया गया. संदेश में उन्होंने प्रेमचंद की मानवीय संवेदनाओं और ग्राम-जीवन आधारित कथाओं को भारतीय साहित्य की अमूल्य धरोहर बताया.

प्रेमचंद की सरलता अनोखी थी

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो सदानंद शाही ने अपने सारगर्भित व्याख्यान में प्रेमचंद की प्रतिमा की स्थापना को एक गौरवशाली सांस्कृतिक क्षण बताया. उन्होंने कहा, फिराक गोरखपुरी स्वयं स्वीकार करते थे कि मैंने प्रेमचंद को देखा है और उनकी सरलता अनोखी थी. प्रेमचंद की कहानियां विशेषकर पंच परमेश्वर और ईदगाह, मानवता, न्याय और नैतिक मूल्यों की जीवंत पुकार हैं. अलगू चौधरी और जुम्मन मियां का प्रसंग भारतीय पंचायत व्यवस्था के आदर्श रूप को प्रस्तुत करता है. उन्होंने ग्लोबल वार्मिंग, पर्यावरण-संकट जैसे समसामयिक मुद्दों पर प्रेमचंद साहित्य की प्रासंगिकता को रेखांकित किया. ईदगाह के प्रतीक चिमटा का उल्लेख करते हुए उन्होंने प्रेमचंद की कथाओं की गहरी सामाजिक परतों को समझाया. अंत में उन्होंने बुद्ध के आत्मदीपो भव संदेश को प्रेमचंद के मानवीय सरोकारों से जोड़ा.

प्रेमचंद की प्रतिमा स्थापित होना गौरव का क्षण : प्रो वीरेंद्र नारायण यादव

मुख्य अतिथि बिहार विधान परिषद के सदस्य प्रो वीरेंद्र नारायण यादव ने कहा कि प्रेमचंद न केवल लेखक थे, बल्कि निर्भीक पत्रकार भी थे. महात्मा गांधी द्वारा 1934 के भूकंप के कारणों पर दिये गये वक्तव्य के संदर्भ में प्रेमचंद ने तार्किक प्रतिवाद प्रस्तुत कर सामाजिक अंधविश्वास को चुनौती दी. कफन, गोदान, ईदगाह जैसी रचनाएं भारतीय समाज की पीड़ा, संघर्ष और नैतिकता का चित्रण करती हैं. मगध विश्वविद्यालय में प्रेमचंद की प्रतिमा स्थापित होना संपूर्ण बिहार के लिए गौरव का क्षण है. कुलपति प्रो एस पी शाही ने कहा कि मगध विश्वविद्यालय का इतिहास समृद्ध शैक्षिक परंपराओं व सांस्कृतिक विरासत से भरा है. स्वतंत्र हिंदी विभाग का होना और उसमें प्रेमचंद की प्रतिमा का स्थापित होना, साहित्यिक सम्मान और शैक्षिक प्रगति का महत्वपूर्ण चिह्न है. प्रेमचंद जैसे साहित्यकार अपनी रचनाओं से समाज में चेतना व परिवर्तन की मशाल जलाते हैं. उन्होंने विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं व संकाय सदस्यों से विश्वविद्यालय को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में आगे ले जाने का आह्वान किया. हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ परम प्रकाश राय ने सभी अतिथियों, विद्यार्थियों, शोधार्थियों और मीडिया प्रतिनिधियों के प्रति आभार व्यक्त किया. संगोष्ठी के अंत में लोक गायिका पूजा (मिनी लता) ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Download from Google PlayDownload from App Store
साहित्य अपनी नैतिक शक्ति से समाज को बदलता है - कुलपति