मधुबनी . भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी एवं भाकपा माले के नेताओं द्वारा टॉऊन क्लव मैदान से प्रतिरोध मार्च शहर के मुख्य सड़क होते समाहरणालय तक पहुंचा. जहां प्रधानमंत्री का पुतला दहन किया गया. वहीं सभा की अध्यक्षता सीपीआई के मिथिलेश झा, सीपीएम के मनोज कुमार यादव, माले के योगीनाथ मंडल ने संयुक्त रूप से किया. नेताओं ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मनमानी पर उतारू हैं. जनता के एक मात्र रोजगार की गारंटी मनरेगा योजना को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है. नेताओं ने कहा कि नये कानून विकसित भारत जी राम जी विधेयक मोदी सरकार तुरंत वापस ले. नये विधेयक से राज्य को अधिक आर्थिक बोझ उठाना होगा. देश में रोजगार का राज नहीं बुलडोजर राज चल रहा है, जो पूरी तरह अलोकतांत्रिक है. वामपंथी नेताओं ने मोदी सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि आज स्विस बैंक में भारतीयों का पैसा 2023 की तुलना में तीन गुना अधिक होकर 37 हजार करोड़ हो चुका है. दूसरी तरफ देश के नौजवानों को रोजगार नहीं मिल रहा है. यह सरकार पूंजीवादी सरकार है. लोक कल्याणकारी मनरेगा योजना को कमजोर कर ग्रामीण रोजगार को छीना जा रहा है और लोगों को गुमराह किया जा रहा है. देश के नौजवान मनरेगा को बहाल करने के लिए सड़क पर संघर्ष तेज करेंगे और सरकार की मनमानी के खिलाफ वामपंथी पार्टियों द्वारा आंदोलन चलाकर मनरेगा को बचाने एवं विकसित भारत जी राम जी विधेयक को वापस लेने तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा. नेताओं ने कहा कि मनरेगा को सार्वभौमिक बनाकर मजबूत करने और न्यूनतम 200 दिनों के रोजगार देने की गारंटी को जनकल्याणकारी ढ़ग से लागू करने की मांग की. सभा को संबोधित करने वालों में सीपीएम के जिला सचिव मनोज कुमार यादव, रामजी यादव, शशिभूषण प्रसाद, उमेश राय, दिलीप झा, बाबूलाल महतो, ललित कुशवाहा, सत्यनारायण यादव, मनोज मिश्र, माले के योगीनाथ मंडल, भूषण सिंह, उत्तिम महतो, अशोक यादव, रेखा देवी, मंजू देवी शामिल हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है





