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मालूम हो कि इससे पहले पिछले साल ही जेडीयू और आरजेडी के बीच पोस्टर वार शुरू हो गया था. जेडीयू की ओर से पोस्टर लगाया गया था कि ‘क्यूं करें विचार, जब है ही नीतीश कुमार’. इसके बाद आरजेडी ने पोस्टर लगाते हुए लिखा था कि ‘क्यों न करें विचार, बिहार जो है बीमार.’ इसके जवाब में जेडीयू की ओर से पोस्टर लगाया था कि ‘क्यों करे विचार, ठीके तो है नीतीश कुमार.’ इसके कुछ दिनों बाद एक पोस्टर फिर राजधानी पटना में लगाया गया. इसमें भी नीतीश कुमार और लालू-राबड़ी के 15-15 वर्षों के शासनकाल की तुलना की गयी थी. इस पोस्टर में दो पक्षियों को सांकेतिक रूप में पेश किया गया था. पोस्टर में गिद्ध की तस्वीर को ‘भय’ और कबूतर की तस्वीर को ‘भरोसा’ के रूप में दिखाया गया था.

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बिहार में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में आरजेडी, कांग्रेस और जेडीयू ने महागठबंधन बना कर साथ चुनाव लड़ा था. इसके बाद जेडीयू से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने थे. वहीं, आरजेडी से तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. हालांकि, 20 माह के अंदर ही जेडीयू महागठबंधन से अलग होकर बीजेपी के सहयोग से सूबे में सरकार बनायी. इस सरकार में भी जेडीयू नेता नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने, जबकि उपमुख्यमंत्री के रूप में बीजेपी नेता सुशील मोदी ने शपथ ग्रहण किया था. महागठबंधन से अलग होने के बाद से ही जेडीयू और आरजेडी के बीच तल्खी शुरू हो गयी थी.

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राजधानी पटना में लगा पोस्टर : लालू-राबड़ी के 15 साल बनाम जेडीयू के 15 साल, ...जानें पोस्टर में और क्या है?

Prabhat Khabar
2 Jan, 2020
राजधानी पटना में लगा पोस्टर : लालू-राबड़ी के 15 साल बनाम जेडीयू के 15 साल, ...जानें पोस्टर में और क्या है?

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के पहले सूबे में पिछले साल शुरू हुआ पोस्टर वार अब भी जारी है. नये साल की शुरुआत होते ही जेडीयू और आरजेडी के बीच एक बार फिर पोस्टर वार शुरू हो गया है. राजधानी पटना में पोस्टर लगने के बाद सूबे में जारी ठंड के बीच सियासी सरगर्मी बढ़ […]

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के पहले सूबे में पिछले साल शुरू हुआ पोस्टर वार अब भी जारी है. नये साल की शुरुआत होते ही जेडीयू और आरजेडी के बीच एक बार फिर पोस्टर वार शुरू हो गया है. राजधानी पटना में पोस्टर लगने के बाद सूबे में जारी ठंड के बीच सियासी सरगर्मी बढ़ गयी है.

जानकारी के मुताबिक, दो जनवरी को राजधानी के इनकम टैक्स चौराहा पर एक पोस्टर लगा है. पोस्टर में आरजेडी के 15 साल बनाम जेडीयू के 15 साल के शासनकाल का जिक्र किया गया है. पोस्टर किसने लगाया, इस संबंध में पोस्टर में कोई जानकारी नहीं दी गयी है. साथ ही पोस्टर में कहा गया है कि ‘हिसाब दो-हिसाब लो’ बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा गया है.

मालूम हो कि इससे पहले पिछले साल ही जेडीयू और आरजेडी के बीच पोस्टर वार शुरू हो गया था. जेडीयू की ओर से पोस्टर लगाया गया था कि ‘क्यूं करें विचार, जब है ही नीतीश कुमार’. इसके बाद आरजेडी ने पोस्टर लगाते हुए लिखा था कि ‘क्यों न करें विचार, बिहार जो है बीमार.’ इसके जवाब में जेडीयू की ओर से पोस्टर लगाया था कि ‘क्यों करे विचार, ठीके तो है नीतीश कुमार.’ इसके कुछ दिनों बाद एक पोस्टर फिर राजधानी पटना में लगाया गया. इसमें भी नीतीश कुमार और लालू-राबड़ी के 15-15 वर्षों के शासनकाल की तुलना की गयी थी. इस पोस्टर में दो पक्षियों को सांकेतिक रूप में पेश किया गया था. पोस्टर में गिद्ध की तस्वीर को ‘भय’ और कबूतर की तस्वीर को ‘भरोसा’ के रूप में दिखाया गया था.

बिहार में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में आरजेडी, कांग्रेस और जेडीयू ने महागठबंधन बना कर साथ चुनाव लड़ा था. इसके बाद जेडीयू से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने थे. वहीं, आरजेडी से तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. हालांकि, 20 माह के अंदर ही जेडीयू महागठबंधन से अलग होकर बीजेपी के सहयोग से सूबे में सरकार बनायी. इस सरकार में भी जेडीयू नेता नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने, जबकि उपमुख्यमंत्री के रूप में बीजेपी नेता सुशील मोदी ने शपथ ग्रहण किया था. महागठबंधन से अलग होने के बाद से ही जेडीयू और आरजेडी के बीच तल्खी शुरू हो गयी थी.

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