संवाददाता, पटना
जिले के सरकारी स्कूलों में संचालित की जाने वाली आइसीटी लैब अब बंद नहीं होगी. सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला की ओर से बिहार शिक्षा परियोजना परिषद को सख्त हिदायत दी गयी है. फिलहाल जिले में कुल 74 स्कूलों आइसीटी लैब संचालित की जा रही है. विभाग से मिले निर्देश के बाद जिला शिक्षा कार्यालय ने भी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को इस संबंध में निर्देश जारी करते हुये आइसीटी लैब के संचालन को प्रमुखता देने का सख्त निर्देश दिया है. जिला शिक्षा कार्यालय ने कहा है कि लैब सक्रिय नहीं रहा तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. लैब में हो रही हर दिन की गतिविधि की रिपोर्ट कार्यालय को करनी होगी. बच्चों को तकनीक की बेसिक जानकारी देकर उन्हें दक्ष बनाने और कक्षा को इंट्रेस्टिंग बनाने के लिए लैब में स्मार्ट क्लासरूम स्थापित किया गया है.नोटकैम से दर्ज करनी होगी उपस्थिति
जिला शिक्षा कार्यालय ने कहा है कि जानकारी मिली है कि आइसीटी लैब से प्रतिदिन गतिविधियों का आयोजन नहीं होता है और न ही नियमित रूप से कक्षाएं संचालित होती है. अब नये नियम के अनुसार जिले के 74 विद्यालयों बने आइसीटी लैब का ट्रैकर के माध्यम से इंस्ट्रक्टर को उपस्थिति दर्ज करनी होगी. प्रतिदिन नोटकैम से गतिविधि की फोटो को अपलोड करना होगा और क्या पढ़ाया गया है इसका डिटेल भी साझा करना होगा.क्या है आइसीटी लैब और स्मार्ट क्लासरूम
आइसीटी लैब कंप्यूटर, प्रोजेक्टर और इंटरनेट जैसे डिजिटल उपकरणों का लैब है. जहां विद्यार्थियों को कंप्यूटर साक्षरता और तकनीकी कौशल से दक्ष किया जाता है. वहीं, स्मार्ट क्लासरूम एक डिजिटल शिक्षण वातावरण है जहां इंटरएक्टिव बोर्ड, आडियो-वीडियो सामग्री और विशेष सॉफ्टवेयर से पाठ्यक्रम को रोचक तरीके से पढ़ाया जाता है. इसे स्कूलों में स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य बच्चों को तकनीकी रूप से दक्ष बनाना है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है










