Bihar News: सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के लाभार्थियों के लिए अब आधार बेस्ड मुफ्त जीवन प्रमाणन (Life Certificate) की सुविधा शुरू हो गई है. यह काम राज्य के तमाम कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर किया जाएगा. इस सेवा की शुरुआत पटना के फुलवारीशरीफ के हुलासचक CSC केंद्र से की गई. कार्यक्रम में समाज कल्याण विभाग की सचिव बंदना प्रेयषी मौजूद थीं और उन्होंने कई पेंशन धारियों को जीवन प्रमाण पत्र भी दिया.
1100 रुपए हर महीने
समाज कल्याण विभाग के तहत वृद्ध, विधवा और दिव्यांगजनों के लिए कुल 6 प्रकार की पेंशन योजनाएं चलाई जाती हैं. जून 2025 से सभी पेंशनधारियों को 1100 रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है. सचिव ने बताया कि इस नई सुविधा से पेंशन व्यवस्था ज्यादा पारदर्शी और भरोसेमंद बनेगी. आधार आधारित जीवन प्रमाणन की मदद से यह सुनिश्चित होगा कि पेंशन सही पात्र व्यक्ति तक समय से पहुंचे.
घर जाकर प्रमाणित करेगी टीम
उन्होंने कहा कि जिन पेंशनधारियों की मृत्यु हो चुकी है, उनके नाम सूची से हटाए जाएंगे, ताकि पेंशन सिर्फ उन्हीं को मिले जो जीवित हैं. जरूरत पड़ने पर भौतिक सत्यापन भी किया जाएगा. जो पेंशनधारी बहुत बुजुर्ग, बीमार या दिव्यांग हैं और CSC केंद्र तक नहीं जा सकते, उनकी पहचान के लिए विभाग पंचायत स्तर पर कैंप लगाएगा या टीम उनके घर जाकर जीवन प्रमाणीकरण करेगी.
विश्वसनीय होगा डाटा
सचिव ने कहा कि यह सेवा लंबे समय से प्रतीक्षित थी और इसके शुरू होने से पेंशन से जुड़ा डेटा अब और ज्यादा सही, अपडेटेड और विश्वसनीय होगा. बिहार सरकार की अपील है कि सभी पात्र पेंशनधारी अपने निकटतम CSC केंद्र पर जाकर समय पर जीवन प्रमाणन कराएं, ताकि पेंशन बिना रुकावट मिलती रहे. नवंबर 2025 तक राज्य में 1.15 करोड़ पेंशनधारियों को लगभग 1295.88 करोड़ रुपये की राशि DBT के माध्यम से बैंक खातों में भेजी जा चुकी है.
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CSC के जरिए Life Certificate की सुविधा
- सभी पेंशनधारियों का डेटा ई-लाभार्थी पोर्टल पर सुरक्षित रखा गया है.
- मृत पेंशनधारियों की पहचान और डेटा की शुद्धता के लिए हर साल जीवन प्रमाणन आवश्यक है.
- पूरे राज्य में 67,000+ CSC केंद्रों पर यह सेवा उपलब्ध है.
- पेंशनधारी केवल आधार संख्या, बैंक खाता संख्या या लाभार्थी संख्या बताकर मुफ्त में जीवन प्रमाणन करा सकते हैं.
- अत्यधिक वृद्ध और दिव्यांगों के लिए यदि फिंगरप्रिंट नहीं मिलता तो आईरिस (आंख स्कैन) मशीन से वेरीफिकेशन किया जाएगा.
- CSC को चुने जाने का कारण यह है कि उनका नेटवर्क पूरे ग्रामीण और दूरदराज इलाकों में फैला हुआ है और तकनीकी क्षमता भी मजबूत है. मंत्रिपरिषद ने 3 अक्टूबर 2025 को इसे मंजूरी दी थी.










