पूर्णिया. पूर्णिया विवि में इस साल प्रशासनिक हनक छायी रही. आलम यह रहा कि निष्पक्षता और पारदर्शिता कायम करने के संकल्प के लिए पूर्व परीक्षा नियंत्रक तक निलंबित कर दिये गये. उनकी निलंबन अवधि अभी तक जारी और विभागीय कार्रवाई के अधीन है. बीते सात अप्रैल को उस वक्त उच्च शैक्षणिक परिसरों में हलचल मच गयी, जब यह खबर फैली कि परीक्षा नियंत्रक के पद से प्रो एके पांडेय को हटा दिया गया है. चंद रोज बाद ही 19 अप्रैल को प्रो पांडेय को निलंबित भी कर दिया गया. विवि की स्थापना के सात सालों में किसी वरीय शिक्षक पर अधिकतम कार्रवाई की यह दूसरी कड़ी थी. वर्ष 2018 में पूर्णिया कॉलेज के तत्कालीन प्रधानाचार्य प्रो संजीव कुमार को इसी प्रकार की कार्रवाई का सामना करना पड़ा. हालांकि लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सिंडिकेट ने उनका खोया सम्मान लौटाने की दिशा में पहल की. दूसरी कड़ी में प्रो एके पांडेय पर कार्रवाई हुई है. उनपर चल रही विभागीय कार्रवाई में अभी कई राज दफन हैं. विभागीय कार्यवाही पूर्ण होने के बाद जो विस्तृत रिपोर्ट आयेगी, उससे ही पता चल पायेगा कि परीक्षा विभाग में पूर्व में हुई अनियमितताएं कितनी गहरी साबित हुईं. इसकी जद में और कौन-कौन आये हैं.
छात्र नेताओं का दबाव रहा बेअसर
इस साल कई मौकों पर छात्र नेताओं ने काफी दबाव बनाने की कोशिश की. आमतौर पर विवि गेट तक होनेवाला हंगामा वीसी के चैंबर तक पहुंच गया. मगर विवि प्रशासन को जो उचित प्रतीत हुआ, वहीं कार्रवाई करने में वह बिल्कुल तत्पर रहा. कुछ छात्र नेताओं पर कानूनी शिकंजा तक कसा गया. हालांकि छात्र नेता भी विभिन्न माध्यमों से विवि प्रशासन पर हमलावर होते रहे.लगातार गिरते बजट को उठाया
पूर्णिया विवि में पिछले वित्तीय वर्षों में वार्षिक बजट में लगातार गिरावट देखी जा रही थी. मगर वित्तीय वर्ष 2025-26 में वार्षिक बजट में 100 करोड़ का इजाफा किया गया. 2025-26 का बजट तीन अरब चार करोड़ 50 लाख 67 हजार 984 रहा. इसके साथ ही समर्थ पोर्टल आदि के माध्यम से बचत पर भी जोर दिया.काम करनेवाले अफसरों को मिली तवज्जो
विवि प्रशासन ने काम करनेवाले अफसरों को खासी तवज्जो दी. इनमें डीन छात्र कल्याण प्रो अरविंद कुमार वर्मा की चर्चा उल्लेखनीय है. उन्हें कठिन वक्त में परीक्षा विभाग की कमान दी गयी. फिर उन्हें महाविद्यालय निरीक्षक की जिम्मेवारी मिली. अब वे डीएसडब्ल्यू जैसे महत्वपूर्ण पद की जवाबदेही निभा रहे हैं. इसी प्रकार से उप परीक्षा नियंत्रक प्रो संतोष कुमार सिंह भी परीक्षा विभाग के साथ ही कॉलेज समन्वयक और मीडिया सेल का कार्य देख रहे हैं.सात नये प्रधानाचार्य की पदस्थापना से पहले स्थानांतरण
सात नये प्रधानाचार्य की स्थापना पूर्णिया विवि ने लॉटरी के माध्यम से की. मगर उससे पहले कुछ प्रधानाचार्यों को दूसरे कॉलेजों में स्थानांतरित किया गया. इसके साथ ही अधिकांश कॉलेजों में नये प्रधानाचार्य हो गये, जिससे कार्यससंस्कृति बेहतर होने की उम्मीद है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है





