रूपौली. महिलाओं के सम्मान के सवाल को लेकर एपवा ने राज्य सरकार के खिलाफ विरोध मार्च निकाला. यह विरोध मार्च एपवा की जिला संयोजक सुलेखा देवी और संगीता देवी के नेतृत्व में सैकड़ों महिलाओं ने निकाला. मार्च खादी भंडार से निकल कर ब्लॉक रोड, नया बाजार होते हुए थाना चौक पर सभा में तब्दील हो गया. सभा को संबोधित करते हुए सुलेखा देवी ने पिछले दिनों एक महिला को नियुक्ति पत्र देने के दौरान सरेआम उसका नकाब खींचने की घटना को बेहद शर्मनाक बताया. कहा कि यह उस डॉक्टर महिला के धार्मिक पहचान और संवैधानिक अधिकार पर हमला है. एपवा इस घटना की कड़ी निंदा करती है. खेत मजदूर संगठन खेग्रामस द्वारा मनरेगा को समाप्त करने की योजना को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ विरोध मार्च भी संयुक्त रूप से निकाला गया. इस मार्च का नेतृत्व जिला नेता चतुरी पासवान ने किया. इस प्रोग्राम में सैकड़ों मजदूरों ने भाग लिया. चतुरी पासवान ने कहा कि मोदी सरकार मनरेगा को लंबे समय से खत्म करने की योजना चला रही थी. संवैधानिक रोजगार गारंटी योजना को सदा के लिए समाप्त करना चाहती है, ताकि कॉरपोरेट कंपनियों को सस्ता मजदूर मिल सके. उनकी मांगें में मनरेगा कानून को वापस लेने रोजी-रोजगार सुरक्षा की गारंटी देने, बिहार में बुलडोजर राज बंद करने, गरीबों को वास का प्रबंध करने, सभी गरीब दलित बस्तियों को नियमित करने की मांग की गयी है.
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