चक्रधरपुर.
घने कोहरे के कारण चक्रधरपुर रेल मंडल के हावड़ा-मुंबई मुख्य रेल मार्ग पर एक्सप्रेस ट्रेनों की गति घटाकर 30 किलोमीटर प्रति घंटा कर दी गयी है. सुबह में टाटानगर से झारसुगुड़ा तक का इलाका सबसे अधिक कोहरे की चपेट में रहता है, जहां दृश्यता बेहद कम होने से ट्रेनों का परिचालन गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है. लोको पायलटों के अनुसार, घने कोहरे के दौरान इंजन के लुकिंग ग्लास से 50 मीटर की दूरी तक दृश्यता लगभग शून्य हो जाती है. ऐसे में ट्रेनों को फॉग सेफ डिवाइस (एफएसडी) की सहायता से चलायी जा रही हैं. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ऑटो सिग्नल प्रणाली पर अधिकतम गति 30 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गयी है. ट्रेनों की इस धीमी रफ्तार के कारण हावड़ा-अहमदाबाद सुपरफास्ट एक्सप्रेस को टाटानगर से चक्रधरपुर तक पहुंचने में करीब चार घंटे की देरी हुई. वहीं एर्नाकुलम एक्सप्रेस सहित कई अन्य ट्रेनें निर्धारित समय से विलंब से चल रही हैं.नये स्थानों से ट्रैक पर पहुंच रहे हाथी, पायलटों की बढ़ी चिंता
चक्रधरपुर से झारसुगुड़ा तक के रेलखंड में अब नये-नये स्थानों पर हाथियों का ट्रैक पर प्रवेश देखने को मिल रहा है. इससे लोको पायलटों की परेशानी बढ़ गयी है. पोसैता-मनोहरपुर-जरइकेला तथा बंडामुंडा से झारसुगुड़ा के बीच हाथी आने वाले स्थलों को चिह्नित कर एलीफैंट जोन घोषित किया गया है. इन स्थानों पर पायलटों को सचेत करने के लिए बोर्ड लगाये गये हैं. रेल प्रशासन ने निर्देश जारी किया है कि हाथियों की आवाजाही वाले क्षेत्रों में ट्रेनों की गति कम रखी जाए. सायरन बजाया जाये. ट्रैक के आस-पास विशेष नजर रखी जाये. अधिकारियों के अनुसार, इस वर्ष पूरे रेलखंड में हाथियों की गतिविधि में वृद्धि दर्ज की गयी है. रेलवे की अत्याधुनिक सांकेतिक प्रणाली के माध्यम से हाथियों की स्थिति पर नजर रखी जा रही है. इससे हादसों को रोकने में मदद मिल रही है.
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