दुर्जय पासवान, गुमला
गुमला जिले के आंजनधाम, नवरत्नगढ़, बाघमुंडा, पंपापुर, सिरासीता नाले सहित 14 महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों को अपग्रेड करने का प्रस्ताव प्रशासन ने सरकार के समक्ष रखा है. ताकि गुमला जिले में पर्यटक स्थलों को विकसित कर स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर लोगों को प्रदान किया जा सके. क्योंकि, गुमला जिले में पर्यटक स्थलों का भरमार है. पर्यटक स्थलों को प्रकृति ने खुद संवारा है. पर्यटक स्थलों को अपग्रेड कर विकसित किया गया तो इससे रोजगार के अवसर खुलेंगे. ग्रामीण इलाके से पलायन भी रूकेगा. यहां बता दें कि गुमला जिले में 12 प्रखंड जारी, डुमरी, चैनपुर, रायडीह, भरनो, सिसई, बसिया, पालकोट, कामडारा, बिशुनपुर, घाघरा व गुमला है. इन सभी प्रखंडों में पर्यटक स्थलों के अलावा कई धार्मिक स्थल है. यहां कई ऐतिहासिक धरोहर भी है. जहां आसानी व सुरक्षित तरीके से पर्यटक घूम फिर सकते हैं. जिले के महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों के विकास की पहल होने से गुमला को एक अलग पहचान भी मिलेगी.
पर्यटक स्थलों को विकसित करने की योजना है : प्रवीण
गुमला के जिला पर्यटन नोडल पदाधिकारी प्रवीण कुमार ने कहा है कि अधिसूचित पर्यटन स्थलों जहां अत्याधिक संख्या में पर्यटकों को अवागमन होती है. वहां दैनिक पारिश्रमिक के आधार पर पर्यटक मित्र रखने हेतु समिति द्वारा सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है. साथ ही प्रमुख पर्यटन स्थलों के प्रचार-प्रसार एवं ब्राडिंग को सुदृढ़ करने हेतु उनके फोटो एवं वीडियोग्राफी का कार्य जेटीडीसी की सोशल मीडिया टीम के माध्यम से कराने हेतु समिति ने निर्णय लिया है.
पर्यटक स्थलों के नाम जिसे अपग्रेड करने की मांग की गयी हैपर्यटन स्थल के नाम जिसे बी से ए श्रेणी में अपग्रेड करने का प्रस्ताव है
: आंजन धाम गुमला, यहां भगवान हनुमान का जन्म हुआ था. : नवरत्नगढ़ किला सिसई, यह नागवंशी राजाओं का गढ़ रहा है. पर्यटन स्थल के नाम जिसे सी से बी श्रेणी में अपग्रेड करने का प्रस्ताव है : बाघमुण्डा जलप्रपात बसिया, यहां तीन दिशाओं से नदी बहती है.: सीरा-सिता नाले डुमरी, आदिवासियों की उत्पति स्थल माना जाता है.
: पंपापुर पालकोट, यहां सुग्रीव गुफा सहित कई प्राचीन धरोहर है.
पर्यटन स्थल के नाम जिसे डी से सी श्रेणी में अपग्रेड करने का प्रस्ताव है
: देवाकी बाबाधाम घाघरा, यहां महाभारत की जीत पर श्रीकृष्ण ने शंख बजाये थे.
: मसरिया डैम घाघरा, यह पर्यटकों के घूमने फिरने की सबसे सुंदर जगह है. : गोबर सिल्ली पालकोट, प्रकृति की सुंदर बनावट पहाड़ के ऊपर पहाड़ है. : मां महामाया मंदिर हापामुनी घाघरा, यह काफी प्राचीन मंदिर है. : गढ़पहाड रायडीह, बख्तर साय व मुंडल सिंह ने यहां अंग्रेजों से युद्ध किये थे. पर्यटक स्थलों के नाम जिसे विभाग द्वारा अधिसूचित कराने का प्रस्ताव है : महासदाशिव मंदिर मरदा नवागढ़ रायडीह, यहां भव्य मंदिर बना हुआ है.: कपिलनाथ मंदिर सिसई, यह 320 साल पुराना प्राचीन मंदिर है.
: सिदमा शिव मंदिर बसिया, यह प्राचीन शिव मंदिर है. भक्तों की श्रद्धा है.
: ट्राइबल म्यूजियम एराउज गुमला, यहां आदिवासियों का संग्रह है.
गुमला जिले के पर्यटक स्थलों के विकास के लिए लोहरदगा संसदीय क्षेत्र के सांसद सुखदेव भगत लगे हुए हैं. उनकी पहल व प्लान के तहत गुमला में कई पर्यटक स्थलों के विकास के लिए काम हो रहा है. ताकि जिले के पर्यटक स्थलों से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर खुल सके.
राजनील तिग्गा, सांसद प्रतिनिधिएक माह पहले पर्यटक स्थलों के विकास को लेकर गुमला में बैठक हुई थी. उस बैठक में मैंने जिले के कई प्रमुख पर्यटक स्थलों के विकास का मुद्दा रखा है. पर्यटक स्थलों तक पहुंच पथ व पर्यटकों के घूमने फिरने से लेकर आराम करने के लिए शेड सहित पानी व शौचालय की व्यवस्था की मांग किया हूं.
सुनील उरांव, विधायक प्रतिनिधिगुमला जिला को प्रकृति ने खुद संवारा है. यह काफी सुंदर जिला है. अगर पर्यटन की दृष्टि से देखा जाये तो यह मिनी कश्मीर है. इसलिए गुमला प्रशासन से मांग है कि जिले के प्रमुख पर्यटक स्थलों के विकास के लिए प्लान बनाकर काम हो. ताकि दूसरे जिले व राज्यों के लोग गुमला घूमने आ सके.
शिशिर गुप्ता, व्यापारी, गुमलाडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है





