कौशलेंद्र शर्मा, चैनपुर चैनपुर प्रखंड के टोंगो चर्च की स्थापना एक मई 1901 ई को हुई थी. फादर ई कनोय प्रथम पल्ली पुरोहित बने थे. मिशन का कार्यक्षेत्र जशपुर जिला के सीमांत तक फैला हुआ था. उस समय टोंगा पल्ली के अंतर्गत लगभव 80 गांव आते थे. ईसाई की संख्या 7000-8000 थी. वर्तमान कब्रगाह की शुरुआत नवंबर 1901 में हुई और पहली बार एक ख्रीस्तीय को यहां दफनाया गया था. सन् 1902 में कुछ नये मकानों का निर्माण हुआ. चार जून को एक कुआं खोदा गया था. 1903 में गिरजाघर का निर्माण कार्य शुरु हुआ था. पांच फरवरी 1905 में कलकता के महाधमर्माध्यक्ष ब्रीस म्युनेमन द्वारा चर्च की आशीष हुई थी. नौ दिसंबर 1901 में मध्य विद्यालय की शुरुआत हुई थी और 20 विद्यार्थी से स्कूल शुरू हुआ था. दो फरवरी 1907 में टिलडॉक बेजजियम से उर्सुलाइन धर्म बहनों का आगमन हुआ था. 15 मई 1930 को मध्य विद्यालय की स्थायी स्वीकृति मिली थी. इसके बाद से टोंगो चर्च की देन है. आज इस क्षेत्र में शिक्षा का स्तर बढ़ा है. स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य सुविधा भी मजबूत हुई है. इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा उस समय शिक्षा पर ध्यान दिया गया. नतीजा आज इस क्षेत्र में कई मिशनरी स्कूल हैं, जो बच्चों को बेहतर शिक्षा दे रहे हैं.
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