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Bhubaneswar News: विकसित भारत के लिए ‘पूर्वोदय’ विकास का इंजन है : धर्मेंद्र प्रधान

Prabhat Khabar
13 Dec, 2025
Bhubaneswar News: विकसित भारत के लिए ‘पूर्वोदय’ विकास का इंजन है : धर्मेंद्र प्रधान

Bhubaneswar News: भुवनेश्वर में पूर्वोदय दृष्टिकोण पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया.

Bhubaneswar News: विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने के लिए ‘पूर्वोदय’ विकास का प्रमुख इंजन बनेगा. इसकी अपार संभावनाओं को साकार करने और अवसरों का लाभ उठाने के लिए सभी को एकजुट होकर आगे आना चाहिए. भुवनेश्वर में आयोजित ‘पूर्वोदय दृष्टिकोण-2025’ के तीसरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यह आह्वान किया. विदेश व्यापार मंत्रालय, सीआइआइ और द एनर्जी फोरम (टीइएफ) के संयुक्त तत्वावधान में हुआ यह आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूर्वोदय परिकल्पना को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.

2016 में पीएम ने रखी थी पूर्वोदय की नींव

श्री प्रधान ने बताया कि छह फरवरी, 2016 को पीएम ने इंडियन ऑयल पारादीप रिफाइनरी समर्पित करते हुए पूर्वोदय की नींव रखी. केंद्रीय बजट 2024 में ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड व आंध्र प्रदेश को जोड़कर पूर्वी भारत के समग्र विकास पर जोर दिया गया. इसका उद्देश्य इस क्षेत्र को विकास इंजन बनाना है. पारादीप, धामरा व गोपालपुर बंदरगाहों व खनिज उद्योगों के दम पर ओडिशा पूर्वोदय का प्रवेश द्वार बन चुका है. बंदरगाह-आधारित विकास व ब्लू इकोनॉमी सरकार की प्राथमिकता हैं. आर्थिक कॉरिडोर ऊर्जा, डेटा, वित्त व विचारों के प्रवाह का प्रतीक हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूर्वी भारत रणनीतिक ऊर्जा कॉरिडोर के रूप में उभर रहा है. देश में 9,300 किमी से अधिक पेट्रोलियम पाइपलाइनें सक्रिय हैं, जो पारादीप, धामरा, हल्दिया व विशाखापत्तनम बंदरगाहों से जुड़कर ऊर्जा सुरक्षा मजबूत कर रही हैं व लॉजिस्टिक्स लागत घटा रही हैं. यह क्षेत्र वैश्विक निवेशकों को आकर्षित कर दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ ऊर्जा साझेदारी बढ़ा रहा है.

युवा शक्ति को सशक्त बनाने के लिए शिक्षा और कौशल विकास जरूरी

स्थायित्व पर जोर देते हुए प्रधान ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में स्वच्छ ऊर्जा नीतियां लागू हो रही हैं. पूर्वोदय हरित विकास का प्रतीक है, जिसमें ग्रीन हाइड्रोजन, जैव ईंधन, लो-कार्बन रिफाइनिंग व स्वच्छ पेट्रोकेमिकल्स शामिल हैं. युवा शक्ति को सशक्त बनाने के लिए शिक्षा व कौशल विकास जरूरी हैं. इस क्षेत्र में आइआइटी, एनआइटी, आइआइएम जैसे संस्थान उच्च गुणवत्ता वाले मानव संसाधन तैयार कर रहे हैं. ओडिशा-सिंगापुर ग्लोबल फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी नेटवर्क सहयोग नये अवसर लायेगा. सम्मेलन युवाओं की तैयारी, संसाधनों का उपयोग व निजी क्षेत्र की भागीदारी पर मंथन का मंच बनेगा. प्रधान ने आयोजकों की सराहना की.

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